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रविवार, 28 मई 2023

दोस्ती में मौत को लगाया गले,दोस्त की जलती हुई चिता देख खुद भी चिता में कूदकर दी जान

दोस्ती अगर सच्ची हो तो उससे बेहतर रिश्ता कोई और नहीं हो सकता.....
 

फिरोजाबाद।एक कहावत है कि दोस्ती अगर सच्ची हो तो उससे बेहतर रिश्ता कोई और नहीं हो सकता। एक दोस्ती ही ऐसा रिश्ता है जिसे हम खुद चुनते हैं। दोस्ती ऐसा अनमोल रिश्ता है कि लोग मरते दम तक इसे निभाते हैं। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले से दोस्ती की एक ऐसी ही तस्वीरे सामने आयी है, जहां एक दोस्त की मौत पर दोस्त इतना परेशान हो गया कि उसने भी दोस्त की जल रही चिता में जलकर जान दे दी। युवक के इस आत्मघाती फैसले का किसी को अंदाजा नहीं था। किसी ने नहीं सोचा था कि 30 साल पुरानी दोस्ती का अंत इस तरह होगा।


मामला शनिवार को जिले के नगला खंगर थाना क्षेत्र में यमुना नदी के किनारे का है‌। थाना क्षेत्र के मढ़ैया नादिया और गढ़िया पंचवटी गांव का है। यहां के रहने वाले 42 वर्षीय अशोक और 40 वर्षीय गौरव के बीच पिछले 30 सालों से बहुत अच्छी दोस्ती थी। पूरे गांव में दोनों को एक दूसरे की परछाई कहते थे, क्योंकि दोनों हर जगह चाहे वो कोई समारोह हो या कार्यक्रम साथ ही जाते थे। दरअसल कार्यक्रमों में गाना-बजाने का काम करते थे एक ढोलक बजाता तो दूसरा मजीरा।


समय आगे बढ़ा दोनों की दोस्ती और मजबूत हुई। इसी बीच अशोक को पता चला की उसे कैंसर हो गया है,जिस वजह से उसकी तबीयत खराब रहने लगी और वो ज्यादा काम पर भी नहीं जाता था। दोस्त को ऐसे देखकर गौरव भी हर समय परेशान रहने लगा। दोस्ती की बीमारी के बाद गौरव ज्यादा समय अशोक के साथ ही बिताता था। आनंद हमेशा अशोक को कहता था कि वो जल्द स्वस्थ्य हो जाएगा, लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।


शनिवार को खबर आई कि अशोक की मौत हो गई है। यह बात सुनते ही मानो गौरव के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई हो। वो सदमें में चला गया। उसने किसी से कोई बात नहीं की। वो अपने दोस्त की अंतिम विदाई के लिए उसके घर गया। वहां वो एक कौने में चुपचाप खड़ा रहा। उसने किसी से कोई बात नहीं की। फिर अंतिम संस्कार के लिए भी वह अन्त्येष्टि स्थल गया, वहां वो चिता के पास ही शांत गमगीन खड़ा रहा।


अशोक की चिता को अग्नि के हवाले कर दिया गया। सभी लोग वहां मौजूद थे। जैसे-जैसे चिता धधकती गई लोग धीरे-धीरे वापस आने लगे, लेकिन गौरव चिता के पास शांत खड़ा रहा। तभी अचानक उसने एक आत्मघाती कदम उठाया और दोस्त की चिता में छलांग लगा दी और जाकर जलती चिता में जिंदा लेट गया।ये देख वहां खड़े लोगों के होश उड़ गए। लोगों ने उसे पास में पड़े अर्थी के डंडे की मदद से गौरव को बाहर निकाला और फौरन अस्पताल लेकर दौड़े, लेकिन इसी बीच अस्पताल पहुंचने से पहले ही गौरव ने दम तोड़ दिया। अभी अशोक की चिता ठंड़ी भी नहीं हुई थी गौरव ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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