ड्रग व फूड के अफसरों को नही दिखती कालाबाजारी... |
सुल्तानपुर में जिले मेंऔपचारिकता भर ड्रग व खाद्य औषधि के जिम्मेदार चेकिंग करने निकलते हैं। बहाना रहता है कि कई जिलों में जिम्मेदारी हैं। जिसका नतीजा है चाहे मेडिकल स्टोर हो या खाद्य पदार्थ की दुकानें। सभी जगहों पर मिलावट खोरों की चांदी हैं। इसके पीछे यह भी है कि चाहे ड्रग इंस्पेक्टर हो या खाद्य एवम औषधि प्रशासन के जिम्मेदार कई वर्षो से इसी जिले में जमे हैं। कागजी खानापूर्ति के लिए दुकानदारों को अवगत कराते हुए चेकिंग कर मीडिया की सुर्खियां बन इतिश्री कर लेते है। फिर वही कालाबाजारी शुरू हो जाती है। तहसीलवार, कस्बे व ब्लाकवार अस्थाई कर्मी भेज अवैध वसूली की जाती है। बानगी के तौर पर नगर के डाकखाने के निकट व्यस्ततम इलाके मे बिक रही नकली फिनायल की बरामदगी पोल खोलने के लिए काफी है। यह गोरखधंधा न तो ड्रग महकमे व न ही खाद्य औषधि के जिम्मेदारो को दिखा। इस कालाबाजारी की धड़ पकड़ दिल्ली की दवा कंपनी व लोकल पुलिस ने किया है।
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