रामपुर में झलका सपा पार्टी के दिग्गज आजम खा का दर्द... |
रामपुर। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता मोहम्मद आजम खान भले ही कोर्ट से सजा मिलने के बाद अपनी विधायकी गंवा चुके है, लेकिन निकाय चुनाव के दौरान आजम सपा के प्रत्याशियों के लिए वोटरों का मूड बदलने के लिए मंच पर दिखाई दे रहे है। आजम अपने तरकश के तमाम सियासी तीरों को बराबर चला रहे हैं। आजम खान ने मंगलवार को रामपुर में शुतरखाने पर आयोजित सपा प्रत्याशी फात्मा ज़बी के लिए चुनावी जनसभा को संबोधित किया। आजम मुलायम सिंह सरकार में हुए कामों का आजम जिक्र कर रहे है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र पर निशाना साधते हुए कह रहे है कि अपना दिल बड़ा करो, हमारे बच्चों के हाथों में कलम दो, चाकू मत दो।
आजम खान ने कहा कि मुझे वो वाकया भी याद है जब अस्तपाल की पर्ची 100 रुपये होने पर कैबिनेट मीटिंग में मैंने पर्ची खत्म करने को कहा तो सारे कैबिनेट मंत्री नाराज हो गए थे,जिसके बाद मुझे इस्तीफा तक देना पड़ा था और फिर तय हुआ कि एक रुपये का पर्चा किया जाए ताकि कागज की छपाई का पैसा निकल सके। आजम खान ने दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने मुझसे मेनिफेस्टो पर राय मांगी थी तो मैंने उर्दू जानने वालों को सरकारी नौकरी देने के लिए कहा। एक रात बड़े अफसरान, जिसमें चीफ सेक्रेटरी जावेद उस्मानी हुआ करते थे वो भी हमारे दफ्तर आए। लगभग 7 या 8 घंटे तक मीटिंग चली और तय हुआ कि ये नहीं किया जा सकता। इस बात पर मुझे गुस्सा आया और मैंने अदब से सबको प्लीज गेट आउट कह दिया था।
उस वक्त एजुकेशन के प्रमुख सचिव ने मुझसे कहा सर आप हमें 12 बजे तक का समय दे दीजिए। ये उन्होंने इसलिए कहा क्योंकि मैंने उनसे कहा कि कल सुबह मैं इस्तीफा दे दूंगा और मैं समझता हूं कि मेरे इस्तीफे के बाद गवर्मेंट गिर जाएगी। तुम्हारे इस हाकिम के ये तेवर थे। आजम खान ने कहा कि तकरीबन 12:05 बजे मेरे टेलीफोन की घंटी बजी और प्रमुख सचिव ने कहा सर हमने कानून तैयार कर लिया है, मैं समझ गया कि वही कानून तैयार हुआ जो मैं चाहता था। कानून तैयार हुआ कैबिनेट में पास भी हुआ, लेकिन किसी ने बताया कि भाई अब भी चूना लगा दिया। उन्होंने बताया कि जिस क्लास में 5 बच्चे होंगे वहां उर्दू टीचर रखेगा, लिहाजा ना 5 बच्चे होंगे, ना टीचर होंगे। स्कूल में जो भी आएगा उससे मास्टर साहब कहेंगे यार तुम पहले आ रहे हो फिलहाल दूसरे सब्जेक्ट में दाखिला ले लो।
बात वाजिब थी तो मैं फौरन मुलायम जी के पास गया और कहा कि इस शर्त को हटाइए नहीं तो कोई फायदा नहीं होगा।उन्होंने इस बात को भी मान लिया। आजम खान ने कहा कि अफसोस यह है कि मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के दरवाजों पर पुलिस का पहरा है।चलो समझ में आता है उसका नाम अच्छा नहीं लगा होगा, लेकिन रामपुर पब्लिक स्कूल अपने ही चमन की कलियों की नर्सरी को बर्बाद कर रहे हो। 2000 बच्चों के हाथों से कलम छीन लिया गया।बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा देने वालों, आओ हमें नहीं चलाने देते चलो मत चलाने दो, रामपुर पब्लिक स्कूल सरकार आप चलाओ,लेकिन पढ़ाई यहीं होगी और फीस वहीं होगी।हम सारे स्कूल आपको देते हैं करो अपना दिल बड़ा, हमारे बच्चों के हाथों में कलम दो, चाकू मत दो, चाकू मत दो हमारी नस्लों की हाथों में।
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