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गुरुवार, 4 मई 2023

60 से अधिक आपराधिक मुकदमें फिर भी भरी अदालत में अनिल दुजाना ने प्रेमिका संग की थी मंगनी, हैरत में पड़ गए थे, सब

गैंगस्टर अनिल दुजाना के ऊपर 60 से अधिक आपराधिक मुक़दमे...

लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कभी आतंक का पर्याय बना कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को यूपी एसटीएफ ने मेरठ में मार गिराया है। जहां कभी उसके नाम की तूती बोलती थी। अनिल दुजाना को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बीते साल जनवरी में गिरफ्तार किया था। अनिल दुजाना के खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हत्या, हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट और रॉबरी आदि के 60 से अधिक मामले दर्ज हैं।यूपी पुलिस ने अनिल दुजाना पर 75 हजार रुपये का इनाम रखा था। इनाम से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अनिल दुजाना कितना खूंखार और जरायम की दुनिया में इसका क्या कद था। बड़े-बड़े व्यापारी भी अनिल दुजाना का नाम सुनकर कांप जाते थे।


अनिल दुजाना ने भरी अदालत में प्रेमिका से की थी मंगनी...


फरवरी 2019 में कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना ने बागपत से आई प्रेमिका पूजा से जिला अदालत परिसर में ही मंगनी कर ली थी। अनिल महाराजगंज जेल से गौतमबुद्ध नगर की जिला अदालत में हत्या के मामले में पेशी पर आया था। वकील ने अदालत से एग्रीमेंट पर अनुमति मिलने के बाद मंगनी के शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करा लिए थे। इसके बाद अनिल दुजाना और पूजा ने एक दूसरे को अंगूठी पहनाई। बरहाल अदालत परिसर में इस तरह का कोई कार्यक्रम नहीं हो सकता है, लेकिन तब इस संबंध में कोई बोलने को तैयार नहीं था। 


उस समय वकील जितेंद्र नागर ने बताया था कि अनिल दुजाना जिला अदालत में पेशी पर आया था। जबकि पूजा परिजनों के साथ दुल्हन के कपड़े पहने हुए पहुंची थी। इस दौरान अदालत में अनिल दुजाना की शादी के लिए दिए गए शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कराने की अनुमति मांगी गई। इसमें लिखा था कि पूजा और अनिल एक दूसरे को लगभग एक साल से जानते हैं और शादी करना चाहते हैं। अनुमति मिलने के बाद शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इसके बाद ही दोनों ने एक दूसरे को अंगूठी पहनाई। अदालत परिसर के दौरान परिजनों की भीड़ भी दिखाई दी थी। इसके बाद अनिल के परिजनों के साथ पूजा चली गई थी।


अधिकारियों ने कही थी ये बात...


अनिल दुजाना और अन्य बड़े अपराधियों के पेशी पर आने के दौरान पुलिस बल जिला अदालत में मौजूद रहता है। अनिल के आने के दौरान मंगनी करने की सूचना पर पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे थे, लेकिन उन्हें अदालत की अनुमति से हस्ताक्षर कराने की जानकारी मिली। उस समय सीओ ग्रेटर नोएडा प्रथम श्वेताभ पांडे ने कहा था कि सूचना मिलने पर वे जिला अदालत पहुंचे थे, लेकिन वहां पता चला कि अनिल ने शपथ पत्र पर हस्ताक्षर आदि अदालत की अनुमति से किए हैं।


जिला पंचायत का चुनाव जीत चुका था,अनिल...


अनिल दुजाना ने जेल के अंदर से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था और चुनाव भी जीता था। परिसीमन न होने से जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं हो सका था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील पंकज दुबे का कहना था कि अदालत परिसर में मंगनी या शादी समेत अन्य कार्यक्रम बिना अदालत की अनुमति से नहीं हो सकते। अगर किसी अपराधी को सजा हो चुकी है तो ऐसे अपराधी को इस तरह की अनुमति नहीं मिल सकती। 


अनिल दुजाना के मामले में वकील की तरफ से शपथ पत्र पर कोर्ट से अनुमति ली गई थी, लेकिन इसमें कोर्ट परिसर में किसी आयोजन की अनुमति नहीं होती। पंकज दुबे ने बताया था कि अगर कोर्ट परिसर में पुलिस के समक्ष यह सब कुछ हुआ तो जो पुलिस अपराधी को न्यायालय में लेकर आई है, उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वह कानून का पालन करते हुए महाराजगंज जेल से गौतमबुद्ध नगर न्यायालय व बाद में महाराजगंज जेल में अपराधी को पहुंचाए। बीच में कोई घटना या अन्य कार्य होता है तो कस्टडी में लेकर आए पुलिस वाले ही जिम्मेदार होते हैं।


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