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रविवार, 30 अप्रैल 2023

MP-MLA की अयोग्यता मामले में उत्तर प्रदेश बना रहा रिकॉर्ड, जानें सदस्यता खोने वाले नेताओं का नाम

 यूपी में अब  MP- MLA की अयोग्यता मामले में बना रहा अपना रिकॉर्ड...

लखनऊ। देश में उत्तर प्रदेश हमेशा सुर्खियों में रहता है। यूपी देश की राजनीति में अहम भूमिका निभाती है।अब एक बार फिर यूपी नया रिकॉर्ड बनी रही है। जरायम की दुनिया के बेताज बादशाह माफिया मुख्तार अंसारी के भाई गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी की सांसदी जाना अब लगभग तय है। गैंगस्टर एक्ट मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसदों और विधायकों के अयोग्यता के मामले में यूपी रिकॉर्ड बनाते हुए नजर आ रही है। 


सितंबर 2013 में कांग्रेस के राशिद मसूद ने भ्रष्टाचार और अन्य अपराधों के आरोप में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी राज्यसभा सीट खो दी थी। इस तरह सीट गंवाने वाले वह पहले सांसद थे। 2013 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार सांसद और विधायक की सदस्यता उस समय रद्द कर दी जाती है, जब उसे किसी मामले में दोषी ठहराया जाता है और दो या दो साल से अधिक की सजा सुनाई जाती है। इस लिस्ट में सबसे ताजा गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी से सांसद अफजाल अंसारी का नाम जुड़ा है। अफजाल अंसारी ने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को हराकर गाजीपुर से 2019 का लोकसभा चुनाव जीता था। 


सांसद अफजाल को शनिवार को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के तहत एक मामले में दोषी ठहराया और चार साल की सजा सुनाई है। अयोग्यता का सामना करने वाले उत्तर प्रदेश के विधायकों में रामपुर से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक मोहम्मद आजम खान और रामपुर जिले की स्वार विधानसभा से उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान शामिल हैं। आजम खान और अब्दुल्ला आजम खान को इस साल फरवरी में अभद्र भाषा, प्रदर्शन करने और यातायात बाधित करने से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था। फिलहाल MP-MLA की अयोग्यता मामले में सबसे अधिक मुस्लिम जनप्रतिनिधियों की संख्या है।  


अब्दुल्ला आजम यूपी विधानसभा से दो बार अयोग्य हो चुके हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा विधानसभा के लिए अब्दुल्ला आजम खान चुनाव को रद्द करने के बाद उन्हें पहले 2020 में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब्दुल्ला आजम खान की पिछली अयोग्यता 16 दिसंबर 2019 से प्रभावी थी। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी से विधायक विक्रम सैनी (खतौली-मुजफ्फरनगर) ने हाल ही में इसी आधार पर अपनी सदस्यता खो दी थी। दिसंबर 2021 में अयोध्या जिले की गोसाईंगंज विधानसभा के भारतीय जनता पार्टी के विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने 29 साल पुराने फर्जी मार्कशीट मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी सदस्यता खो दी थी।


दिसंबर, 2019 में उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा से निष्कासित भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली की सत्र अदालत द्वारा बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था। दिल्ली की अदालत ने चार बार के विधायक सेंगर को उम्रकैद की सजा का फैसला सुनाया था। सेंगर पर 2017 में अपने गांव (माखी) में एक लड़की के साथ बलात्कार का आरोप लगाया गया था। अप्रैल 2019 में हमीरपुर के भारतीय जनता पार्टी के विधायक अशोक सिंह चंदेल ने हमीरपुर जिला अदालत द्वारा 1997 के एक हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने और आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अपनी विधानसभा सदस्यता खो दी थी। इस फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था। फिलहाल चंदेल जेल में है।


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