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शनिवार, 15 अप्रैल 2023

भ्रष्टाचार के आकंठ डूबे अधिकारी के ऊपर नहीं है, हाईकोर्ट के आदेश का असर

योगी आदित्यनाथ जी स्वयं गौसेवक हैं और उनकी सरकार में गौवंशों कि ऐसी दशा कि वह भूख से तड़प-तड़प कर मरें और शिकायत करने वालों पर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन शिकंजा कसे...
गौवंशो की कत्लगाह बनी कान्हा गौशाला इटवा, पट्टी, प्रतापगढ़...

प्रतापगढ़। पट्टी तहसील के मंगरौरा ब्लॉक के इटवा ग्राम सभा में कान्हा गौशाला में शिकायतों की जाँच के लिए हाईकोर्ट ने गठित की टीम। कान्हा गौशाला में गौवंशो को भूखा रखकर मार डालने और मृत होने के बाद उन्हें खुले में फेंक देने के बाद उनके शरीर को कुत्ते और कौवे को खाने और पूरे क्षेत्र में दुर्गंध से आजिज आकर गाँव के ही रुद्रमणि उपाध्याय द्वारा हाईकोर्ट में पीआईएल करके उच्च स्तरीय जाँच की माँग पर हाईकोर्ट ने जाँच कमेटी गठित कर जाँच का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता ने सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं गौवंशो के प्रति प्रेम रखने वालों सहित मीडिया से गुजारिश की है कि वह आज 10 बजे इटवा ग्राम में संचालित कान्हा गौशाला की हकीकत देखे और दिखाएं।


हाईकोर्ट के आदेश की खबर सुनते ही इधर गौशाला के संचालन से जुड़े गौशाला में ब्याप्त कमियों को दबाना चाहते हैं। उसके लिए याचिकाकर्ता का आरोप है कि तीन दिन से लगातार JCB चलाकर अपने किये हुए कार्य पर पर्दा डाला जा रहा है। जबकि जनहित याचिका में लगाये गए आरोपों को हाईकोर्ट ने गम्भीरता से लिया है और ग्राम सभा इटवा में संचालित कान्हा गौशाला में ब्याप्त खामियों की हकीकत खंगालने के लिए टीम गठित की है। आज शनिवार को टीम भौतिक सत्यापन करने कान्हा गौशाला पहुँच रही है। उससे पहले गौशाला में अपनी कमियों को दुरुस्त करने के लिए साफ सफाई के नाम पर 3 दिन से दिनरात JCB चलाई जा रही है।


एसडीएम पट्टी से इस बात की शिकायत याचिकाकर्ता ने किया तो उल्टे SDM साहेब याचिकाकर्ता को ही अर्दब में लेने लगे। बोले कि तुम परेशान करके रख दिये हो। भ्रष्टाचार के आकंठ डूबे ग्राम प्रधान इटवा और सेक्रेटरी पंचायत को बचाने में ब्लॉक मुख्यालय पर बैठे अधिकारीगण कर रहे हैं, हर स्तर पर बचाव। ग्राम प्रधान इटवा को आखिर किसका मिल रहा है, संरक्षण ? क्या भ्रष्टाचार की शिकायत करना अपराध है ? सिस्टम में बैठे हुक्मरानों की नींद कब खुलेगी...? क्या नीचे से लेकर ऊपर तक सब भ्रष्ट ब्यवस्था में मिले हुए हैं ? इस प्रकरण में राजनीतिक संरक्षण भी मिल रहा है। ऐसा आरोप याचिकाकर्ता रुद्रमणि उपाध्याय का है।


योगी सरकार में गौमाता और उनके गौवंशो के लिए करोड़ों रुपये के बजट की ब्यवस्था बनाई गई। परन्तु भ्रष्ट तंत्र ने कान्हा गौशाला के बजट पर डकैती डाली जा रही है। गाँव के लिए रुद्रमणि उपाध्याय ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर कई संगीन आरोप लगाए तो हाईकोर्ट ने जाँच कमेटी गठित कर दी है। कान्हा गौशाला का मामला हाईकोर्ट में पीआईएल हुई तो जाँच कमेटी गठित कर जाँच के आदेश दिया गया। इधर गौशाला के संचालन से जुड़े गौशाला में ब्याप्त कमियों को दबाना चाहते हैं। उसके लिए याचिकाकर्ता का आरोप है कि तीन दिन से लगातार JCB चला कर अपने किये हुए कार्य पर पर्दा डाला जा रहा है।


भ्रष्ट ब्यवस्था से लड़ पाना बहुत कठिन है। जब भ्रष्टाचार के आकंठ डूबे अधिकारियों द्वारा हाईकोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है तो भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने का दावा पीएम मोदी और सीएम योगी का फेल होता नजर आ रहा है। जीरो टॉलरेंस की बात करना पूरी तरह छलावा है। प्रतापगढ़ के जिम्मेदार अधिकारी स्वयं भ्रष्टाचारियों को संरक्षित कर रहे हैं। तभी तो जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के आदेश को दरकिनार करके अधीनस्थों द्वारा मनमानी की जा रही है। याचिकाकर्ता रुद्रमणि उपाध्याय को प्रशासनिक अमले द्वारा डराया और धमकाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे मिलेगा गौशाला के गौवंशो को न्याय...???


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