बहुत शातिर निकली माफिया डॉन अतीक की बेगम शाइस्ता... |
प्रयागराज। पुलिस की 10 टीमें माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और उसकी बहन आयशा नूरी की बड़ी शिद्दत से तलाश कर रही हैं। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही शाइस्ता और आयशा उनकी गिरफ्त में होंगी। लेकिन सवाल यह उठता है कि पिछले कई दिनों से प्रयागराज और कौशांबी के कछार इलाके में लगातार पुलिस दबिश पर दबिश दे रही है, लेकिन शाइस्ता और आयशा पुलिस की पकड़ से दूर हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शाइस्ता और आयशा दोनों मोबाइल फोन का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं कर रही हैं। ताजुब्ब की बात है कि माफिया डॉन अतीक की पत्नी शाइस्ता जब मोबाइल तक इस्तेमाल नहीं कर रही है तो उसे जमीन निगल गई अथवा आंसमान कहा गया ? पुलिस महकमें के लिए शाइस्ता और बमबाज गुड्डू मुस्लिम सिर दर्द बन चुके हैं।
शाइस्ता परवीन और आयशा नूरी किसी से भी मुलाकात नहीं कर रही हैं जो खासकर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता हो। दोनों केवल मैन टू मैन बातचीत कर रही हैं और उन्हीं के जरिए अपने करीबियों को मैसेज पहुंचा रही हैं। शाइस्ता और आयशा हमेशा बुर्के में रहती हैं और कई बुर्के वाली महिलाएं इनके इर्द-गिर्द हमेशा रहती हैं। शाइस्ता और आयशा की खबर जब तक पुलिस के पास पहुंचती है, तब तक शाइस्ता और आयशा अपनी लोकेशन बदल लेती हैं और फिर पुलिस के हाथ खाली के खाली ही रह जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार देर रात पुलिस ने कई बुर्के वाली महिलाओं और पुरुषों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की थी, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
शाइस्ता परवीन और आयशा नूरी दोनों इस समय कोशिश में है कि अतीक अहमद के काले साम्राज्य की अवैध कमाई को किसी भी तरीके से समेटा जाए, क्योंकि जिन लोगों के पास अतीक की काली कमाई थी, वो देने से इंकार न कर दें। कुछ लोग अतीक का पैसा भी मारना चाहते हैं, ऐसे में शाइस्ता अपने रसूख का इस्तेमाल करके उस सारे पैसे को समेटना चाहती है। इसलिए गिरफ़्तारी से और अधिक बच रही है। शुरू में योगी सरकार के नौकरशाह माफिया डॉन अतीक की बेगम शाइस्ता परवीन को हल्के में लिए थे। उन्हें अंदाजा नहीं था कि माफिया डॉन अतीक की बेगम शाइस्ता परवीन इतनी खतरनाक साबित होंगी। जबकि शाइस्ता परवीन पिछले सात सालों से अतीक अहमद के जेल जाने के बाद से सभी कार्यों की बागडोर अपने हाथों में ले लिया था। सभी तरह के एकत्र धनों पर शाइस्ता का दखल हुआ करता था। उमेश पाल हत्याकांड में भी शाइस्ता ने हत्या की योजना से लेकर शूटरों तक की ब्यवस्था में शामिल रही।
प्रयागराज और कौशांबी के इलाकों में गद्दी समाज के बहुत से परिवार रहते हैं। बताया जा रहा है कि अतीक अहमद करैली इलाके में एक नई सोसाइटी बना रहा था और उसमें इन्हीं लोगों को बेहद कम दामों में घर देकर बसाने वाला था। नदी के किनारे रहने वाले गद्दी समाज के लोगों का मानना है कि अतीक अहमद उनका रहनुमा था। इसलिए वह शाइस्ता और आयशा दोनों को छिपने में मदद कर रहे हैं। लिहाजा पुलिस के पास सटीक खबर नहीं पहुंच पा रही है। यूपी एसटीएफ के बड़े अधिकारियों और प्रयागराज पुलिस की लोकल यूनिट के मुताबिक जल्द ही शाइस्ता और आयशा उनकी गिरफ्त में होंगी। पुलिस महकमें ने शुरुवाती दिनों में माफिया डॉन अतीक की बेगम को इतनी शातिर नहीं समझ रही थी। पुलिस के आला अफसरों की सोच थी कि जब अतीक और अशरफ से उसके गुनाहों को कबूलवा लेती है तो शाइस्ता स्वयं सरेंडर कर देगी, परन्तु पुलिस के आला अफसरों की यह सोच धरी की धरी रह गई।
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