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सोमवार, 10 अप्रैल 2023

IPS अनुराग आर्य ने खत्म कर दी माफिया मुख्तार अंसारी की सल्तनत, कॉलेज में फेल होने पर शुरू की थी, UPSC की तैयारी

IPS अनुराग आर्य ने खत्म कर दी माफिया मुख्तार अंसारी की सल्तनत...

लखनऊ। फिल्मी दुनिया से अलग आपने कई ऐसे होनहार और तेजतर्रार आईपीएस के बारे में सुना होगा, जिसने अपने कामों से जनता के बीच एक मिशाल पैदा की हो। ऐसे ही एक यूपी के आईपीएस अनुराग आर्य हैं, जिन्होंने अपनी काबिलियत से अच्छे-अच्छे बदमाशों में खौफ पैदा कर दिया। वर्ष- 2013 बैच के तेजतर्रार आईपीएस सिंघम अनुराग आर्य ने पहली बार जरायम की दुनिया बेताज बादशाह माफिया मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलवाकर सुर्खियों में छा गए थे। 


मुख्तार की सल्तनत पर पहली कील सिंघम अनुराग आर्य ने ही बड़ी जोर से ठोंकी थी। आज अनुराग आर्य का नाम उत्तर प्रदेश के उन धुरंधर आईपीएस अधिकारियों में आता है, जिन्होंने अपने काम से बड़े-बड़े अपराधियों और बाहुबलियों के पसीने छुड़ा दिए। आइए जानते हैं, आईपीएस अनुराग के बारे में।आईपीएस अनुराग आर्य यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के आम एस्पिरेंट्स की तरह बचपन से प्रशासनिक सेवा में आने का सपना नहीं देखा था। अनुराग तो एमएससी करके कुछ और करना चाहते थे। इंग्लिश से डरने वाले अनुराग एमएससी में दो सब्जेक्ट में फेल हो गए। बचपन से ही पढ़ने में तेज रहे अनुराग को इस बात से तगड़ा झटका लगा। इसके बाद अनुराग ने सोचा कि कुछ और करना चाहिए।


आईपीएस अनुराग आर्य उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के छोटे से गांव छपरौली के रहने वाले हैं। अनुराग अपनी मां डॉ. पूनम आर्य और पत्नी वनिका सिंह के साथ रहते हैं। वनिका सिंह पीसीएस अधिकारी हैं।मां होम्योपैथी डॉक्टर हैं। अनुराग के पिता भी डॉक्टर हैं, लेकिन मां और पिता के बीच शादी के दो साल के अंदर ही मतभेद होने की वजह से अलगाव हो गया था। जब अनुराग छह माह के थे, तभी मां उनको अपने साथ लेकर अपने मायके छपरौली चली आई थीं। अनुराग आर्य ने 7वीं क्लास तक पढ़ाई गांव के ही सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में की है। इस समय अनुराग को इंग्लिश से डर लगता था, लेकिन इसके बाद अनुराग ने इंग्लिश को ही हथियार बना लिया। साल 2008 में अनुराग का एडमिशन देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री स्कूल में हो गया। 


अनुराग आर्य ने यहां के माहौल में अनुशासन और इंग्लिश दोनों सीखी। पर्सनॉलिटी डेवलप हुई, अनुराग ने घुड़सवारी, माउंटेनियरिंग और राफ्टिंग जैसे खेलों में कई मेडल जीते। इसके बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन के बाद अनुराग आर्य ने दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में एमएससी में दाखिला लिया। साल 2011 में अनुराग दो सब्जेक्ट में फेल हो गए। अनुराग को इस बात से बहुत तगड़ा झटका लगा, जिसके बाद एमएससी की पढ़ाई छोड़कर कुछ समय लिया करियर के बारे में सोचने के लिए। फाइनली तय किया कि उन्हें आईपीएस बनना है। अनुराग आर्य साल 2013 में यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में बैठे। इसी दौरान अनुराग का सेलेक्शन आरबीआई में मैनेजर पद पर हो गया।आरबीआई में नौकरी ज्वॉइन भी कर ली। कानपुर में आठ महीने जॉब भी की। इसी प्रयास में अनुराग आईपीएस बन गए। 


आईपीएस अनुराग आर्य की 163 रैंक थी, जिसके बाद अनुराग ने बैंक की जॉब छोड़ दी। शुरुआत में अनुराग ढाई साल में चार जिलों के एसपी बने। अनुराग 6 महीने अमेठी, 4 महीने बलरामपुर, 14 महीने मऊ और 5 महीने प्रतापगढ़, बरेली में एसपी इंटेलिजेंस के पद पर रहे। बरहाल अनुराग आजमगढ़ एसपी हैं। साल 2019 और 2020 में अनुराग आर्य की तैनाती मऊ हुई थी और यह माफिया मुख्तार अंसारी का गढ़ था। अनुराग आर्य ने मऊ में तैनाती के दौरान मुख्तार गैंग पर कड़ी कार्रवाई की। अवैध बूचड़खाने चलाने वाले मुख्तार गैंग के 26 लोगों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की। अनुराग ने मुख्तार का शूटर अनुज कनौजिया का घर बुलडोजर से ढहा दिया। अनुराग ने साल 2020 में मुख्तार पर मुकदमा दर्ज किया। साल 2013 के बाद पहली बार था, जब मुख्तार पर कोई केस दर्ज हुआ। अनुराग ने मुख्तार की काली कमाई के स्रोतों पर जबरदस्त प्रहार किया और उसके गुर्गों पर कड़ा एक्शन लिया।

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