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चित्रकूट के सूरजकुंड का बेहद ख़ास महत्व... |
चित्रकूट। भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट अनादि काल से महान ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रही है। घनी वादियों के बीच सुरज कुंड बना हुआ है। इस कुंड में किसी की मृत्यु के बाद मिट्टी डालने के बाद हर व्यक्ति को मुक्ति मिलती है। सूरजकुंड में हर वर्ष कई राज्यों से लोग अपने परिवारों की मिट्टी लेकर आते हैं और इसे कुंड में डालते हैं। इसीलिए इस कुंड को खास माना जाता है। बता दें कि सूरजकुंड के आसपास और पहाड़ों के बीचो-बीच साधु संत निवास करते हैं, जिससे स्थान की और भी महानता बढ़ जाती है। इसलिए लोग इस स्थान को और भी शुद्ध मानते हैं। मान्यता है कि सूर्य की पहली किरण यहीं पड़़ती है। इसीलिए सूरजकुंड अपने आप में पूरी दुनिया में अलग पहचान रखता है।
चित्रकूट के हनुमान मन्दिर के पुजारी राकेश शुक्ल ने बताया कि सूरजकुंड चित्रकूट में इसलिए खास माना जाता है, जिस व्यक्ति की मौत हो जाती है उसके बाद उसकी बॉडी या उसकी मिट्टी चित्रकूट के सूरजकुंड में डालकर अर्पित की जाए तो उसको मोक्ष की प्राप्ति जरूर हो जाती है। राकेश शुक्ल ने बताया कि जीवन में दो बार ही खुशी आती हैं। पहला जब किसी का जन्म होता है तो कितने अच्छे से खुशी की तैयारियां की जाती हैं,लेकिन मृत्यु होने के बाद व्यक्ति के परिवार की जिम्मेदारी होती है कि उसे बैकुंठ प्राप्त हो। इसलिए इस स्थान का महत्व अपने आप में बढ़ जाता है। इस स्थान में जिसकी भी मिट्टी अर्पित की जाती हैं तो उस व्यक्ति को जरूर से जरूर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसीलिए एक पंथ दो काज ! आज भी इस स्थान का महत्व माना जाता है।
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