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शुक्रवार, 7 अप्रैल 2023

बीजेपी के छुट भैय्ये नेताओं को चढ़ा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का बुखार

स्वयं को चरित्रवान पार्टी कहने वाली भाजपा में भी तेल लगाने वालों को पीछे के दरवाजे से संगठन में मिलती है,अहम जिम्मेदारी... 

सोशल मीडिया के कवर पेज पर अपने शिक्षण संस्थान बैनर लगाना और नीचे अपने राजनीतिक पदनाम का इस्तेमाल करना भी संकीर्ण मानसिकता का द्योतक है...

प्रतापगढ़। ये हैं, भाजपा के आधुनिक जिला प्रवक्ता राघवेंद्र नाथ शुक्ल। पहले कोषाध्यक्ष रहे और अब प्रवक्ता। प्रतापगढ़ जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र की परिक्रमा और चरणवंदना करके वह भाजपा में उनके कार्यकाल में पिछले दरवाजे से घुसपैठ कर बहुत से सक्रिय कार्यकर्ताओं के अरमानों को कुचलते हुए पहले जिला कोषाध्यक्ष और वर्तमान में जिला प्रवक्ता पद प्राप्त कर वह इन दिनों मदारी की भूमिका में नजर आ रहे हैं। जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र के जिलाध्यक्ष पद पर आसीन होते ही उन्हें अपने ग्रिप में करके उन्हें सभी सुख सुविधाओं की खास ब्यवस्था को सम्पन्न कराकर भाजपा संगठन में पिछले दरवाजे से अपनी धमाकेदार इंट्री की थी जो आज बदस्तूर जारी है  


मंदिर में ईष्टदेव के गर्भगृह को राजनीतिक दल के चिन्ह और नाम से बैनर लगाना ओछी मानसिकता का परिचायक है...


विधानसभा चुनाव- 2022 के चुनाव से महज दो माह पूर्व भाजपा संगठन में सेंधमारी करके राघवेंद्र नाथ शुक्ल कोहड़ौर मंडल में अपने रिश्तेदार विद्या सागर को मंडल अध्यक्ष बनवाकर वहाँ के मंडल अध्यक्ष रहे सचिदानंद मिश्र उर्फ लवलेन्द्र को हटाकर संगठन को छिन्न भिन्न कराने में इनकी महती भूमिका रही। अब ये नवसृजित गड़वार नगर पंचायत से अध्यक्ष पद की प्रमुख दावेदारों में से एक हैं। वैसे ये नगरपालिका क्षेत्र के निवासी हैं। पीडब्लूडी दफ्केतर के सामने इनका ब्यवसायिक प्रतिष्ठान हैं, जहाँ कभी ज्युपिटर साइवर कैफे संचालित हुआ करता था। बाद में राशन कार्ड की ऑनलाइन फीडिंग एवं पंचायत व निकाय चुनाव की मतदाता सूची के प्रकाशन का कार्य करके कुछ ही दिनों में मालामाल हो गए 


मौके का फायदा उठाकर शुक्लपुर में संचालित आनंदवन कालेज को खरीद लिए और वहीं अपना आशियाना भी बना लिए हैं नसृजित नगर पंचायत गड़वारा से अब राजनीतिक पारी शुरू करना चाहते हैंफिलहाल ये अलग-अलग विभागों में ठेकेदारी का कार्य करते थे। राशनकार्ड और निकाय और पंचायत की मतदाता सूची के प्रकाशन से ये करोड़ों रुपये कमाए। अब इनकी बीसों अंगुलियां घी में डूबी हैं। पैसे का घमंड इनके सिर चढ़कर कुछ ही दिनों में बोलने लगा। प्रतापगढ़ के तत्कालीन विधायक राजकुमार पाल के कार्यकाल में राघवेंद्र शुक्ल भाजपा कोषाध्यक्ष पदनाम कम इस्तेमाल किये, बल्कि स्वयं जहाँ फोन करते वहाँ विधायक सदर बोल रहा हूँ। अपने संगठन के एक कथित पदाधिकारी के मुकदमें में विवेचनाधिकारी को फोन करके धमकाया भी था, जिसका आडियो वायरल हुआ तो समूचे संगठन की बड़ी बेइज्जती हुई थी। 


मान सम्मान को दांव पर लगाकर इन्होंने अपनी इनोवा में विधायक का पास और आगे पीछे विधायक लिखाकर गाड़ी में हूटर लगाकर अपना भौकाल बनाते रहे। अब जाकर इनकी भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र की अति कृपा पर भाजपा से सक्रिय राजनीति में उतर चुके हैं। ऐसा नजारा लोग पहली बार देख रहे हैं कि इष्टदेव को भी राजनीतिक दल भाजपा ने अपने रंग के साथ जोड़ा लिया है। कलयुग के सबसे प्रतापी इष्टदेव में से एक अंजनी के लाल पवन सुत हनुमान जी की प्रतिमा के आगे भाजपा और उसका चुनाव चिन्ह कमल का फूल उनके चारो तरफ चस्पा कर उनका अपमान करते हुए भाजपा का प्रचार करना किसी भी दशा में उचित नहीं कहा जा सकता है। मन्दिर और इष्टदेव की प्रतिमा को राजनीतिक दल अपने झंडे व बैनर से दूर रखें तो ही अच्छा होगा। क्या इष्टदेव की आड़ में अब भाजपा के कलयुगी नेता अपनी नेतागीरी चमकाने के कार्य करेंगे ? 


यदि ऐसा हुआ तो भाजपा का सत्यानाश होने से कोई रोक नहीं सकेगा। धर्म के नाम पर राजनीति करना ओछी हरकत है। ऐसा करके इष्टदेव का अपमान किया जा रहा है। ये कोई विपक्षी दलों का आरोप नहीं है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के 44वें स्थापना दिवस समारोह पर नगर पंचायत गड़वारा स्थित भारतीय जनता पार्टी कार्यालय पर आयोजित सुंदर काण्ड पाठ में सम्मिलित होकर भाजपा के जिला प्रवक्ता राघवेन्द्र नाथ शुक्ल द्वारा हनुमान जी की आरती उतारी गई। साथ ही उन्होंने हनुमान जी से प्रार्थना की है कि कार्यकर्ताओं को ईश्वर विकास की उत्तरोत्तर कड़ी से जोड़ें और समाज में लोगों का सहयोग करने की शक्ति प्रदान करें। ऐसा करने के पीछे उनका क्या उद्देश्य रहा होगा ? ये तो वही बता सकते हैं, परन्तु ऐसा करके उन्होंने अपनी संकीर्ण विचारधारा का प्रदर्शन अवश्य किया है

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