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क्रय विक्रय सहकारी संघ के चुनाव में शाह मात का खेल जारी... |
इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में क्रय विक्रय सहकारी संघ के चुनाव की शनिवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई है। पहले ही दिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव और सदर से भारतीय जनता पार्टी की विधायक सरिता भदौरिया ने एक दूसरे पर नामांकन प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया। लगभग चार घंटे तक गल्ला मंडी परिसर में हंगामा हुआ। इसके बाद जिम्मेदारों ने उन्हें समझाया। नामांकन के पहले ही दिन गल्ला मंडी में गहमागहमी शुरू हो गई। दोपहर में कार्यकर्ताओं की शिकायत पर शिवपाल सिंह यादव बेटे आदित्य, अंकुर यादव और जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक अंशुल यादव के साथ पहुंच गए। इसकी जानकारी पर सदर विधायक सरिता भदौरिया भी पहुंच गईं। दोनों नेेताओं के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।
शिवपाल सिंह यादव ने आरोप लगाया कि सुबह से ही भाजपा सदस्य जिनको नामांकन नहीं करना है वो अंदर बैठे हैं। वह सपा के लोगों को न पर्चा भरना दे रहे हैं और न ही उन्हें रसीद लेने दे रहे हैं। दो बजने के बाद भी पर्चा दाखिल नहीं करने दे रहे हैं। शिवपाल ने आरोप लगाया कि निर्वाचन अधिकारी बैठे हैं। उनके कहने पर भी सत्ताधारी दल के लोग नहीं मान रहे हैं। चुनाव सपा के पक्ष में हो रहा था। इसे देखते हुए माहौल बनाया गया। सदर विधायक सरिता भदौरिया ने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि संघ के नामांकन में शिवपाल सिंह यादव फर्जी पांच-छह लोगों के साथ जबरदस्ती घुस आए। उन सबकी ओर से कार्यकर्ताओं को धमकाकर भगा दिया गया। अपने लोगों का नामांकन करा दिया। जब तक उन्हें सूचना मिली तब तक फर्जी तरीके से पांच लोगों का नामांकन करा दिया गया था।
बता दें कि सूचना पर डीएम अवनीश राय, एडीएम जयप्रकाश, तहसीलदार राजकुमार, एसपी सिटी कपिल देव पहुंच गए। उन्होंने दोनों पक्षों को समझाकर शांत कराया। डीएम अवनीश राय ने बताया कि दोनों पक्षों की आपत्तियां ले ली गई हैं। दोनों पक्षों को समझाकर शांत करा दिया गया। कागजों में अगर किसी की गलतियां मिलती हैं, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जिनके प्रपत्र चुनाव लड़ने योग्य नहीं होंगे, उनका नामांकन खारिज किया जाएगा। सपा के गढ़ में भाजपा लगातार सेंधमारी कर रही है, जिसे समाजवादी योद्धा बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा के बढ़ते जनादेश के बीच सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव अपने गृह जनपद इटावा को बचाने की कवायद में जुटे हैं। उन्हें लगता है कि चुनाव कोई भी हो, यदि इटावा क्षेत्र में सपा को भाजपा शिकस्त देने में कामयाब हो जाती है तो उसका राजनीतिक भविष्य खतरे में होगा।
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