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गुरुवार, 27 अप्रैल 2023

अतीक गए, आनंद बाहर आए, क्या होगा मुख्तार का, आज क्यों एक-एक घड़ी गिन रहे अंसारी बंधु

आनंद में मोहन और खौफ में मुख्तार...

लखनऊ। म‌ऊ के पूर्व विधायक बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के ऊपर चल रहे गैंगस्टर मामले में आज गुरुवार फैसला आने वाला है। मुख्तार के खिलाफ साल 2009 में हत्या की कोशिश और 2010 में कपिलदेव सिंह नाम के एक व्यक्ति की हत्या मामले में गैंग चार्ट बनाया गया था। इसकी सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है और आज इस पर फैसला आने वाला है। एक तरफ बिहार में पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया है। आनंद मोहन समेत 27 अपराधियों को जेल से बाहर निकालने के लिए नीतीश कुमार की सरकार ने नियमों में भी बदलाव कर दिया। दूसरी तरफ देखने वाली बात होगी कि मुख्तार अंसारी पर क्या फैसला आएगा।


आनंद मोहन की रिहाई का विरोध...

बता दें कि पहले बाहुबली आनंद मोहन को आज दोपहर बाद 1 बजे रिहा किया जाना था, लेकिन भीड़ के अंदेशे की वजह से उन्हें समय से पहले ही सुबह 4:30 बजे जेल से रिहा कर दिया गया। आनंद मोहन की रिहाई के मौके पर उनके स्वागत के लिए सहरसा में पोस्टर लगाए गए।उधर रिहाई को लेकर पटना हाईकोर्ट में PIL दायर कर दी गई है। याचिका में आनंद मोहन की रिहाई का विरोध किया गया है।


मुख्तार अंसारी पर फैसला आज...

बता दें कि जहां एक तरफ बिहार में सियासी फायदे के लिए अपराधियों को जेल से बाहर निकाला जा रहा है,जबकि दूसरी तरफ अपराध को इंसाफ के अंजाम तक पहुंचाने की कवायद जारी है। बिहार की सहरसा जेल से आज बाहुबली आनंद मोहन को छोड़ा गया है। एक डीएम की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काटने वाले आनंद मोहन के लिए नीतीश सरकार ने महीनों पहले से पलक पांवड़े बिछा रखे हैं।वहीं दूसरी तरफ आज माफिया मुख्तार अंसारी पर फैसला आना है।


आनंद की रिहाई के सियासी मायने...

जान लें कि आनंद मोहन को बिहार की सियासत में उन बाहुबलियों की जमात में रखा जाता है,जिनकी अपने इलाके और अपनी जाति में खासी पकड़ मानी जाती है। आनंद मोहन को गोपालगंज के डीएम रहे जी कृष्णैया की भीड़ के हाथों हुई मौत के मामले में दोषी ठहराया गया था, लेकिन 2024 चुनाव से पहले वोटर्स की हर पांत में पैठ बनाने की चाह रखने वाले नीतीश कुमार की सरकार ने उन्हें जेल से बाहर निकालने के लिए जेल मैन्युअल में ही तब्दीली कर डाली।


बाहुबली के लिए तब्दीली...

बिहार के 2012 के जेल मैन्युअल नियम 481(I)-(A) में बदलाव किया गया है। इस मैन्युअल में एक लोक सेवक की हत्या के जिक्र को अब हटा दिया गया है। इतना ही नहीं सरकारी सेवक की हत्या भी अपवाद की श्रेणी से हटा दी गई है यानी इस बदलाव के बाद लोक सेवक की हत्या साधारण हत्या ही मानी जाएगी। हत्या के दोषी आनंद मोहन को बिहार की सत्ता के संरक्षण में खुली हवा में सांस लेने का फिर से मौका मिल रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश में माफिया पर कार्रवाई जारी है। यहां भी एक बाहुबली है मुख्तार अंसारी, जिस पर हत्या के मामले दर्ज हैं और वो अब दम साधे अपने ऊपर आने वाले कानूनी फैसले का इंतजार कर रहा है।


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