सदर मोड़ से चिलबिला तक गाड़ियों का लगा रहा तांता, घंटो तक फंसे रहे लोग, एम्बुलेंस के बजते रहे, सायरन...
सई नदी पुल और चिलबिला ओवरब्रिज पर लगा रहा घंटो जाम... |
प्रतापगढ़। जनपद मुख्यालय पर शहर का मुख्य मार्ग प्रयागराज-अयोध्या NH-330 पर जाम लग जाना कोई नई बात नहीं। अक्सर प्रतापगढ़ शहर में जाम के झाम से आम जनमानस को परेशान होना पड़ता है। शहर के मुख्य चौराहों सदर मोड़, चौक घंटाघर, भंगवा चुंगी, ट्रेजरी चौराहा, राजापाल चौराहा पर यातायात के सिपाही और यातायात को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए दर्जनों होमगार्ड के जवानों को तैनात किया गया है। परन्तु ये सारे जवान सरकार का खजाना भरने के साथ-साथ अपनी जेब भरने के लिए सुबह से शाम तक परेशान रहते हैं। इनका एक सूत्रीय अभियान होता है कि चौराहों पर दो चक्के का चालान करना और बीच-बीच में मौका मिलते ही उन्हीं वाहनों के स्वामियों से वसूली करना होता है।
सिविल पुलिस एवं यातायात ब्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाले पुलिस कर्मियों को पहले से पता था कि नवरात्रि में बेल्हा देवी मंदिर जाने के लिए भक्तों का हुजूम आज आएगा और सई नदी पुल के पास ही सड़क पर वाहन अड्डे व दुकाने सजी हैं। यदि सड़क तक दुकाने सजेगी और वाहन अड्डे लगेगे तो जाम लगेगा ही। सुबह ही सई नदी के पुल से सदर मोड़ तक जाम लगना शुरू हुआ। फिर भी पुलिस प्रशासन कुम्भकर्णी नीद में मस्त रहा। फिर क्लया था ? थोड़ी ही देर में देखते-देखते जाम का विकराल रूप हो गया। अब जाम में लोग मरे तो मरे, पुलिस के जवानों से इससे कोई वास्ता व सरोकार नहीं। उन्हें तो सिर्फ अपनी वसूली से मतलब रहता है।
सच बात ये है कि सिस्टम के तहत कुछ भी नहीं हो रहा है। सब भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। सिस्टम से जुड़े लोग नकारा हो चुके हैं। हाथ पर हाथ रखकर तमाशा देखना उन्हें अच्छा लगता है। अपनी कोई जिम्मेदारी का इन्हें एहसास ही नहीं है। लोग मरते हैं तो मरे। इनका क्या ? इन्हें तो सरकार तनख्वाह दे ही रही है। अब पुलिस की कुम्भकर्णी नींद खुली तो डंडा फटकारते हुए पुलिस के कुछ जवान सदर मोड़ से लेकर बेल्हा देवी मन्दिर जाने के लिए 18-UP NCC बटालियन वाली गली तक चहलकदमी शुरू हुई। वाहन अड्डे व दुकानों की वजह से ये जाम शुक्रवार और सोमवार को लगा करता है। फिर भी पुलिस इस ध्यान नहीं देती, बल्कि नजरंदाज कर देती है।
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