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शनिवार, 12 मार्च 2022

प्रतापगढ़ के विधायक पुत्र आशीष उर्फ पिंटू मौर्य ने पिता राजेंद्र मौर्य को अभी से पीछे करके स्वयं विधायक के रुतवे का किया प्रदर्शन

जनता से पिटे मोहरे साबित हुए दगी तोप पूर्व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिलकर अपनी जीत के लिए विधायक पुत्र पिंटू मौर्य उन्हें गुलदस्ता भेंट किया और उनकी हार का गम किया,साझा...

दगी तोप केशव मौर्य को गुलदस्ता भेंट किया और उनकी हार का गम साझा करते पिंटू मौर्य...

बाढ़ई पुत्र पिता के धर्मे, खेती उपजई अपने कर्मे... इसमें लेशमात्र का शक नहीं कि प्रतापगढ़ सदर का टिकट पिंटू मौर्य ने ही शेर के जबड़े में से हाथ डालकर ले आया और अपने पिता राजेंद्र मौर्य को विधायक बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया, परन्तु इसका यह मतलब नहीं कि विधायक पद का अभी शपथ तक नहीं हुआ और निर्वाचित विधायक ही पुत्र द्वारा साइड लाइन कर दिया जाए विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व विधायक हरि प्रताप सिंह को इस बात की आशंका थी कि विधायक निर्वाचित होते ही राजेंद्र मौर्य सिर्फ कठपुतली की तरह हो जायेंगे। असल विधायक उनका बड़ा पुत्र आशीष उर्फ पिंटू मौर्य ही करेगा। अपने पुराने चेले श्याम सुंदर टाऊ के विश्वास दिलाने पर पूर्व विधायक हरि प्रताप सिंह को यह बात गले के नीचे नहीं उतर रही थी इसलिए चुनाव में भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र मौर्य का जमकर धनदोहन किया गया भाजपा पदाधिकारियों और विधायक बनने की तमन्ना रखने वाले सभी संभावित उम्मीदवारों ने भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र मौर्य का जमकर शोषण किया पिता-पुत्र सबकुछ जानते हुए भी अपने कोष को लुटाते रहे और अपना शोषण कराते रहे  


भाजपा के प्रत्याशियों को अपने संसदीय क्षेत्र की विधानसभा पट्टी में मोती सिंह और रानीगंज में धीरज ओझा को चुनाव में शिकस्त देने के लिए हर रणनीति अपनाई और अपने पुराने हिसाब किताब को उन्होंने चुनाव में विरोध करके पूरा कर लिया किया सदर प्रतापगढ़ में भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता की हार्दिक इच्छा थी कि भाजपा उम्मीदवार राजेन्द्र मौर्य चुनाव किसी भी दशा में हार जाये, परंतु सदर उम्मीदवार राजेन्द्र मौर्य की भाग्य और जनता का आशीर्वाद उन्हें चुनाव में विजयश्री दिलाई। भाजपा संगठन के 90 फीसदी पदाधिकारी मलाई और रसमलाई दोनों का जमकर रसास्वादन लिए, परंतु राजेंद्र मौर्य के चुनाव में भीतरघात करने में सारे लोग पूरा जोर लगा दिए थे। यही हाल प्रतापगढ़ सदर से टिकट चाहने वाले उम्मीदवारों का भी रहा। भाजपा सांसद अपने भाई को टिकट दिलाने में नाकाम रहे तो राजेन्द्र मौर्य को हराने के लिए कई रणनीति अपनाए, परंतु सफल न हो सके। प्रतापगढ़ के विधायक राजेंद्र मौर्य तो निर्वाचित हो गए, परन्तु सवाल वही है क्या वह विधायकी कर सकेंगे अथवा उनके बड़े पुत्र आशीष उर्फ़ पिंटू मौर्य ही असल विधायकी करेंगे ? फिलहाल दलालों वाली चांडाल चौकड़ी पिता-पुत्र को पूरी तरह कैप्चर कर चुकी है देखना होगा कि पिता-पुत्र अपने चारों तरफ चांडाल चौकड़ी से निकल पाते हैं अथवा उसी में घिरकर पाँच साल बिता देते हैं  


भाजपा के प्रतापगढ़ उम्मीदवार राजेन्द्र मौर्य जब चुनाव जीत गए तो उनके साथ खींस निपोरते हुए भाजपा का बंटाधार करने वाले पूर्व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दरबार में भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता प्रतापगढ़ के नवनिर्वाचित विधायक राजेन्द्र मौर्य और उनके लड़के आशीष उर्फ पिंटू मौर्य के साथ गलबहियां डाले पहुँच गए। वेशर्म सांसद संगम लाल गुप्ता को इतनी भी शर्म नहीं आई कि जिसके लिए वह चुनाव हराने की रणनीति का हिस्सा तक बने हुए थे, जब वह चुनाव जीत गये तो उसी को लेकर अब लखनऊ में बड़े नेताओं के यहाँ दरबार लगाने में पीछे नहीं हैं। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को बताने का प्रयास कर रहे हैं कि प्रतापगढ़ विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार राजेन्द्र मौर्य की जीत में उनका बड़ा योगदान रहा है। जबकि प्रतापगढ़ सदर क्षेत्र का बच्चा-बच्चा जानता है कि प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता प्रतापगढ़ सदर सीट में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन शहर में रोड शो करने के लिए अपने साथी सांसद गोरखपुर रवि किशन को बुलाया और चिलबिला व महुली से रोड शो का आयोजन न करके अपने कटरा आवास से कराया और बीच रास्ते विकास भवन के पास से स्टार प्रचारक रवि किशन के साथ नौ दो ग्यारह हो लिए और जानबूझकर रोड शो फ्लॉप करवा दिया गया। ताकि चुनाव राजेंद्र मौर्य हार जायें


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