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मंगलवार, 15 मार्च 2022

विधानसभा चुनाव में जनता से नकारे हुए जनप्रतिनिधियों को मंत्रिमंडल में नहीं मिलेगा स्थान, हारे हुए नेताओं को भाजपा न तो एमएलसी बनायेगी और न ही मंत्रिमंडल में शामिल करेगी

सोशल मीडिया में पहले विधानसभा के टिकट बाँटे गए, फिर एक लाख पार, डेढ़ लाख पार वोट मिलने के दावे किए गए, अब उप मुख्यमंत्री और मंत्री बनाये जाने का कार्य प्रगति पर है...!!!


मुलायम सिंह यादव का चरखा दाँव आया काम, चट भी अपना और पट भी अपना, अखिलेश की सरकार बनती तो पूरी शरीर घी में और योगी सरकार बनी तो बीसों अगुंलियां घी में, छोटी बहू अपर्णा बिष्ट यादव को योगी मंत्रिमंडल में मिल सकती है, जगह...!!!

सीएम योगी को मंत्रिमंडल-2 के फार्मूले को समझाते पीएम मोदी... 

चुनाव में शिकस्त खाये हुए पूर्व डिप्टी सीएम केशव मौर्य और पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी पार्टी संगठन में भेजने की तैयारी पर मुहर लगी है। प्रतापगढ़ के रहने वाले भाजपा शीर्ष नेतृत्व के सहारे एमएलसी डॉक्टर महेंद्र सिंह को भी इस बार मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। उन्हें संगठन में फिर से वापस भेजने की तैयारी पर सहमति बनी है। प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को मंत्रिमंडल में स्थान देकर प्रदेश अध्यक्ष की कमान दूसरे के हाथ में दी जा सकती है। निकाय और लोकसभा चुनाव- 2024 की फील्डिंग की तैयारी अभी से शुरू हो चुकी है। भाजपा जहाँ विधानसभा चुनाव जीत कर सरकार बना रही है, वहाँ लोकसभा चुनाव-2024 की तैयारी शुरू कर दी है और जहाँ विधानसभा चुनाव सिर पर हैं वहाँ लोकसभा और विधानसभा दोनों के लिहाज से भाजपा शीर्ष नेतृत्व अभी से तैयारी में लग गई है।

योगी टू मंत्रिमंडल का दिल्ली में हुआ डिसीजन, औपचारिक घोषणा शपथ ग्रहण के समय होना बाकी, कोई तीन तो कोई दो उपमुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बनने का दावा कर रहा है। साथ ही जातीय समीकरण साधने का ध्यान रखते हुए मंत्रिमंडल से लेकर पार्टी संगठन में चल रही कवायद। लोकसभा चुनाव- 2024 को लक्ष्य बनाकर मंत्रिमंडल गठन किया जाएगा। जो पाँच साल मलाई का रसास्वादन लिये हैं, उन्हें संगठन में भेजने की भी तैयारी है। ताकि अभी से लोकसभा चुनाव-2024 में वे कार्य करना शुरू कर दें। जब चुनाव परिणाम पर अन्य दल विधवा विलाप करते रहते हैं, तब भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अगले चुनाव की तैयारी में जुटा होता है। भाजपा अभी से ही गुजरात और महाराष्ट्र विधानसभा की तैयारी में लग गई है।

उत्तर प्रदेश में योगी टू मंत्रिमंडल में कुल 60 से 65 मंत्रियों के बीच का मंत्रिमंडल होगा। जिसमें 28 से 30 कैबिनेट मंत्री, 12 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 25 राज्यमंत्री को शपथ दिलाने पर सहमति बनी है। राज्यपाल पद से त्यागपत्र देकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाली बेबी रानी मौर्या को उप मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बनी है। पीएम मोदी जी के अति करीबी गुजरात कैडर के आईएएस रहे अरविंद कुमार शर्मा को इस बार उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी पर सहमति बनी है। उत्तर प्रदेश के आईपीएस अधिकारी रहे असीम अरुण ने नौकरी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और कन्नौज से विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें वह सफल होकर विधानसभा पहुँचे हैं, उन्हें भी योगी मंत्रिमंडल में अहम मंत्रालय दिया जा सकता है।

पिछली बार की तरह सुरेश खन्ना को फिर से मंत्रिमंडल में अहम जिम्मेदारी मिलेगी। कई बार से लगातार विधानसभा जीतकर विधानसभा पहुँचने वाले सतीश माहाना को भी अहम मंत्रालय दिया जा सकता है। ब्रजेश पाठक, दयाशंकर सिंह, जितिन प्रसाद, सिद्धार्थनाथ सिंह, नंदी गुप्ता, सूर्य प्रताप शाही, रक्षामंत्री राजनाथ के बेटे पंकज सिंह, राजेश्वर सिंह, रामपाल वर्मा, अदिति सिंह, श्रीकांत शर्मा, आशुतोष टंडन, मोहसिन रजा, अनिल राजभर, पूर्व मुख्यमंत्री स्व कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह को पुनः मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। संदीप सिंह योगी सरकार के प्रथम कार्यकाल में राज्यमंत्री थे। पर इस बार रक्षामंत्री राजनाथ के बेटे पंकज सिंह को सिंह योगी कैबिनेट में स्थान मिल सकता है।

भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल एस को दो और निषादराज पार्टी को एक मंत्री पद देने पर सहमति बनी है। अपना दल एस से इस बार पार्टी सुप्रीमों अनुप्रिया के पति एमएलसी आशीष सिंह का मंत्री बनना तय है। एक मंत्री जीते हुए 12 विधायकों में से कोई एक नाम तय हो सकता है। निषादराज पार्टी से स्वयं पार्टी सुप्रीमों डॉ संजय निषाद मंत्री बनेंगे। निषादराज पार्टी से 6 विधायक तो अपना दल एस से इस बार 12 विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुँचे हैं। सच तो यह है कि इन दोनों दलों का विधानसभा में खाता न खुलता। जमानत अलग जब्त होती, परंतु भाजपा के सहयोग से राजतिलक लगी है तो इनमें भी अहम सिर चढ़कर बोल रहा है। प्रतापगढ़ की बात करें तो पट्टी और प्रतापगढ़ सदर में अपना दल एस के नेताओं और समर्थकों की भूमिका जयचंदों सरीखे रही।पार्टी सुप्रीमों अनुप्रिया पटेल स्वयं चाहती थी कि ये दोनों सीट भाजपा लूज कर जाए। पट्टी से मोती सिंह चुनाव हार ही गए जिससे अनुप्रिया पटेल बहुत खुश हुई।   


     भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल एस को दो और निषादराज पार्टी को एक मंत्री पद देने पर सहमति बनी है। अपना दल एस से इस बार पार्टी सुप्रीमों अनुप्रिया के पति एमएलसी आशीष सिंह का मंत्री बनना तय है। एक मंत्री जीते हुए 12 विधायकों में से कोई एक नाम तय हो सकता है। निषादराज पार्टी से स्वयं पार्टी सुप्रीमों डॉ संजय निषाद मंत्री बनेंगे। निषादराज पार्टी से 6 विधायक  तो अपना दल एस से इस बार 12 विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुँचे हैं। सच तो यह है कि इन दोनों दलों का विधानसभा में खाता न खुलता। जमानत अलग जब्त होती, परंतु भाजपा के सहयोग से राजतिलक लगी है तो इनमें भी अहम सिर चढ़कर बोल रहा है। प्रतापगढ़ की बात करें तो पट्टी और प्रतापगढ़ सदर में अपना दल एस के नेताओं और समर्थकों की भूमिका जयचंदों सरीखे रही।पार्टी सुप्रीमों अनुप्रिया पटेल स्वयं चाहती थी कि ये दोनों सीट भाजपा लूज कर जाए। पट्टी से मोती सिंह चुनाव हार ही गए जिससे अनुप्रिया पटेल बहुत खुश हुई   

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