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गुरुवार, 3 मार्च 2022

मैं तो एक योगी हूँ, मुख्यमंत्री के रूप में राजधर्म का शपथ लिया है, परिवार का नहीं, बहन की संघर्ष भरी जिंदगी देख भावुक हुए CM योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ जी का पूर्वांचल की कई सीटों पर प्रभाव रहता है और उनकी छवि कट्टर हिन्दू की रही है। इसी कारण योगी आदित्यनाथ संघ की पहली पसंद बने और वर्ष-2017में सीएम का चेहरा न होने के बाद भी भाजपा ने उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाया था और विधानसभा चुनाव-2022में उनके चेहरे पर चुनाव लड़ा जा रहा है...

अपनी बहन की गरीबी और उनके संघर्ष को देखकर और भावुक हो गए, सीएम योगी... 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अपनी बहन की गरीबी और उनके संघर्ष को देखकर और भावुक हो गए। उनकी आँखें डबडबा आईं और गला रुँध गया। परिवार की मदद पर उन्होंने कहा कि वे एक योगी हैं और मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने राजधर्म का शपथ लिया है, परिवार का नहीं। दरअसल, इंडिया टीवी के एक स्पेशल शो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए थे। उस दौरान शो के होस्ट रजत शर्मा उनसे प्रदेश की राजनीति को लेकर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस के महासचिव राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) अपनी बहन प्रियंका गाँधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को चुनाव में ला सकते हैं तो वो ऐसा क्यों नहीं कर सकते। इस दौरान उनकी बहन के कुछ फोटो स्क्रीन पर चलाए गए, जिनमें वह मवेशियों को चारा खिलाते हुए और एक बेहद छोटी-सी दुकान चलाती नजर आ रही हैं। 


टीवी शो के एक प्रोग्राम में रजत शर्मा ने कहा कि आपकी बहन कई किलोमीटर घर से चलकर आती हैं। एक चाय की दुकान चलाती है, प्रसाद की दुकान चलाती हैं। आपको नहीं लगता कि सब अपने परिवार का ध्यान रखते हैं, आप भी थोड़ा ध्यान रखते। इस पर भावुक होते हुए सीएम योगी ने भरी आँखों और रुँधे गले से उन्होंने कहा, "मैं तो एक योगी हूँ मुझे पूरे प्रदेश का ध्यान रखना होता है। एक मुख्यमंत्री के रूप में मैंने राजधर्म की शपथ ली है, अपने परिवार की नहीं। मेरे लिए पूरे उत्तर प्रदेश के 25 करोड़ लोग ही मेरा परिवार है। मैं उनके सुख-दुख में सहभागी हूँ। परिवार का दर्द नहीं समझने के आरोप पर सीएम योगी ने कहा कि एक संन्यासी का काम लोक-कल्याण करना होता है। राजनीति में आने का मकसद लोक-कल्याण है।"


राजनीति में कुछ लोगों के लिए परिवार का मतलब सिर्फ सैफई खानदान है। उन्होंने कहा, "उनके (अखिलेश परिवार) के लिए उनका परिवार प्रचार कर रहा है, मेरे लिए मेरा परिवार (यूपी की जनता) प्रचार कर रहा है। मैं तो जनता के बीच जाने की एक औपचारिकता निभा रहा हूँ। मेरे लिए यहाँ (गोरखपुर की) पब्लिक स्वयं चुनाव लड़ रही है। यहाँ तो हमारे कार्यकर्ता स्वयं योगी बनकर वोट मांग रहे हैं।" उन्होंने कहा कि गोरखपुर उनकी कर्मभूमि है और वहाँ के लोग उनका चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि सीएम योगी का परिवार बेहद गरीबी में जीवन-यापन करता है। उनकी इकलौती बहन शशि देवी अपने ससुराल ऋषिकेश के कोठार गाँव में पति पूरन सिंह पयाल के साथ चाय की दुकान चलाती हैं। उनकी एक दुकान नीलकंठ मंदिर के पास है और दूसरी भुवनेश्वरी मंदिर (पार्वती मंदिर) के पास है। इन दुकानों में चाय, पकौड़ी और प्रसाद मिलता है। शशि के तीन बच्चे हैं- एक बेटा और दो बेटियाँ। 


सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ 7 भाई-बहन हैं और अपने माता-पिता की 5 वीं संतान हैं। उनका एक भाई शैलेंद्र मोहन भारतीय सेना में सूबेदार हैं। सीएम योगी ने 22 साल की उम्र में घर-बार छोड़ कर संन्यास धारण कर लिया था। उनके घर का नाम अजय सिंह विष्ट था। घर छोड़ने के बाद वह गोरखपुर आ गए और गोरखनाथ पीठ के तत्कालीन महंत अवैद्यनाथ महाराज के सान्निध्य में दीक्षा प्राप्त कर संन्यासी बन गए। उसके बाद उनका नाम योगी आदित्यनाथ हो गया। उसके बाद वह पीठ के महंत और बाद में गोरखपुर से सांसद बने। अब वे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। योगी जी गोरखपुर के सांसद बनने के बाद कभी वहाँ से चुनाव नहीं हारे। उनका पूर्वांचल की कई सीटों पर प्रभाव रहता है और उनकी छवि कट्टर हिन्दू की रही है। इसी कारण योगी आदित्यनाथ संघ की पहली पसंद बने और वर्ष-2017 में सीएम का चेहरा न होने के बाद भी भाजपा ने उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाया था और विधानसभा चुनाव-2022 में उनके चेहरे पर चुनाव लड़ा जा रहा है। 

 

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