मृतक मार्बल ब्यापारी राजेश सिंह के परिजनों ने सूबे के मुखिया से मिलकर प्रतापगढ़ पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाये थे,सवाल...
नकाबपोश अपराधियों ने दुकान में घुसकर मारी थी,गोली... |
जनपद प्रतापगढ़ में तेजतर्रार युवा और कर्मठ पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ अभिषेक सिंह से मृतक राजेश सिंह के परिजनों को आज भी आस थी कि जिस तरह से शार्प शूटर तौकीर को उन्होंने अपने साथियों संग मुठभेड़ के दौरान ढ़ेर किया और दूसरे शार्प शूटर अतीक को पुलिस के सामने घुटने टेकने पर मजबूर किए, उसी तरह राजेश सिंह की हत्या को अंजाम देने के लिए सुपारी देने वाले प्रतिद्वंदी दुकानदार को भी कानून के शिकंजे में लाकर उसे भी दंड दिलायेंगे, ताकि मृत आत्मा को शांति और परिजनो को न्याय मिल सके। परन्तु तीन साल का समय बीत गया, परन्तु पीड़ित परिवार को न्याय न मिल सका। जिस तरह सदर बाजार के मार्बल ब्यवसायी राजेश सिंह की हत्या में जिसने सुपारी दी और उसके नाम का खुलासा होने के बाद भी प्रतापगढ़ की भ्रष्ट पुलिस उसे बचा ले गयी। कोई पूछने वाला नहीं कि प्रतापगढ़ की ईमानदार पुलिस अधीक्षक एस आनंद के कार्यकाल में तत्कालीन नगर कोतवाल ने ऐसा क्यों किया ?
23 जनवरी, 2019 को घर के सामने स्थित दुकान में राजेश सिंह मारी गई थी, गोली... |
सच तो यह है कि भ्रष्ट पुलिस ही मार्बल व्यवसायी राजेश सिंह की हत्या का राज दफन कर दिया। क्योंकि राजेश सिंह की हत्या में शार्प शूटरों को सुपारी देने वाले का नाम पुलिस जानबूझकर नहीं खोली। बदले में उससे फीलगुड किया, जिससे पीड़ित परिवार का पुलिस से भरोसा उठ गया है। शहर के सदर बाजार मोहल्ले के निवासी मार्बल व्यवसायी राजेश सिंह 23 जनवरी, 2019 को रात करीब आठ बजे घर के सामने स्थित दुकान में बैठे थे, तभी दुकान में घुसे दो बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायर करके उनकी हत्या कर दी थी। इस घटना में पुलिस क्लू खोज रही थी, तभी पखवारे भर बाद पकड़े बदमाश हसनमुल्ला ने सीसीटीवी फुटेज देखकर बदमाशों की पहचान तौकीर व अतीक के रूप में की थी। इस घटना में पुलिस ने बदमाश अंसार व अतीक के पकड़े जाने के बाद दावा किया था कि राजेश की हत्या की सुपारी तौकीर ने पांच लाख रुपये में ली थी। सुपारी देने में बिचौलिए का काम बदमाश शोएब ने किया था।
जिला अस्पताल में बदहवाश अवस्था में मृतक के भाई गुड्डू सिंह... |
UP एसटीएफ लखनऊ ने 6 जून, 2019 को चिलबिला ओवरब्रिज के आगे अमेठी रोड पर मथुरा कालेज के पास एनकाउंटर में मुख्य शूटर तौकीर को ढेर कर दिया था। इसी के साथ राजेश की हत्या का राज दफन हो गया। UPSTF ने बिचौलिए शोएब को जीवन ज्योति हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ ए के बंसल की हत्या में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, परन्तु प्रतापगढ़ की पुलिस जेल में बंद बदमाश शोएब को रिमांड पर लेकर उस सुपारी देने वाले ब्यवसायी के नाम का न तो खुलासा किया। इससे यह तय हो गया गया कि सुपारी देने वाले ब्यवसायी के प्रति पुलिस की नरमी की असल वजह क्या हो सकती है ? जबकि मार्बल ब्यवसायी राजेश सिंह के परिजनों का मानना है कि राजेश सिंह की हत्या में दोषी शार्प शूटरों से कम सुपारी देने वाला नहीं है। इसलिए पुलिस को उसे पकड़ कर जेल भेजना चाहिए न कि उसे बचाना चाहिए।
बिचौलिया शातिर बदमाश शोएब जो डॉ बंसल की हत्या के आरोप में जेल में है, निरुद्ध... |
अतीक पुलिस की कार्रवाई से सहम गया था, क्योंकि जिस तरह पुलिस तौकीर को मुठभेड़ में मार गिराया था, उससे अतीक ही नहीं अतीक सरीखे जिले के कई अपराधी अपना धनुआ बाण रखकर भूमिगत हो लिए थे। मोस्ट वांटेड अतीक को UPSTF से बचते-बचाते मुंबई में पुलिस के समक्ष किसने सरेंडर करने में मदद किया, यह जाँच का विषय है। सूत्रों की माने तो UPSTF के कुछ भ्रष्ट अफसर, मोस्ट वांटेड अपराधी अतीक के परिजनों से मिलकर मोटा माल लिए और उसे सुरक्षित मुंबई में पुलिस के सामने सरेंडर करने दिए। शार्प शूटर अतीक का मुंबई में महाराष्ट्र पुलिस के सामने आत्म समर्पण करना इस बात को सिद्ध कर देता है कि अपराधियों के तार भी बहुत लम्बे होते हैं। बिना सफेदपोश और पुलिस के बड़े अधिकारियों के आशीर्वाद के एक भी अपराधी एक दिन भी जी नहीं सकता। प्रतापगढ़ में जितने भी शार्प शूटर अदालत में आत्म समर्पण किये, उसमें पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही।
पुलिस मुठभेड़ के बाद तौकीर को हॉस्पिटल में देखने पहुँचे थे, SP एस आनंद... |
शायद इसी बात से नाराज होकर जिलाधिकारी प्रतापगढ़ मार्कण्डेय शाही ने गृह विभाग (गोपन) को गोपनीय पत्र लिखकर पुलिस विभाग के एक इंस्पेक्टर को संदिग्ध करार दिया था। पूरी घटना क्रम को याद कर लेने के बाद सत्ता और सिस्टम से भरोसा उठ जाता है। ताज्जुब की बात रही कि कैबिनेट मंत्री मोती सिंह की नींव से महामाया मार्बल की दुकान सटी है, जहाँ शाम 8बजे दो शार्प शूटरों ने बड़े इत्मिनान से आकर मार्बल ब्यवसायी राजेश सिंह की गोली मारकर हत्या कर देते हैं। चंद कदम दूर सदर मोड़ है जहाँ पुलिस की गश्त लगी रहती है। फिर भी बेखौफ बदमाशों ने घटना को अंजाम देकर सुरक्षित भागने में कामयाब रहे। लोंगो को भरोसा था कि कैबिनेट मंत्री मोती सिंह और कैबिनेट मंत्री डॉ महेंद्र सिंह के यहाँ से मार्बल ब्यवसायी राजेश सिंह और उनके बड़े भाई अजित सिंह के बहुत अच्छे सम्बन्ध हैं, लिहाजा मृतक राजेश सिंह के परिजनों को उम्मीद थी कि उन्हें न्याय अवश्य मिलेगा।
मुंबई पुलिस की गिरफ्त से शूटर अतीक को लाया गया था,प्रतापगढ़... |
रात्रि भर करवट काट कर बिताने के बाद सुबह जब अजित सिंह कोतवाली हवालात पहुंचे तो तत्कालीन नगर कोतवाल रविन्द्र श्रीवास्तव ने अजित सिंह को शार्प शूटर अतीक से मिलवाया और उसने बिना संकोच पूरी बात बताया कि फला ब्यवसायी ने अपना प्रतिद्वंदी मानकर आपके राजेश सिंह की हत्या की सुपारी हमें और तौकीर को दी थी। इतना सब होने के बाद भी प्रतापगढ़ की भ्रष्टतम पुलिस शार्प शूटरों को सुपारी देने वाले के ऊपर कार्यवाही न कर सकी। इसके पीछे कारणों का गहराई से पता किया गया तो सूत्रों ने बताया कि लाखों रूपए में पुलिस को सुपारी देने वाला ब्यवसायी अपना खेल सेट किया और मीडिया को मैनेज करने के लिए एक बड़े बैनर के बड़े पत्रकार को भी फीलगुड कराया गया। इन सबके बावजूद पुलिस और प्रशासन ये चाहता है कि लोग उस पर यकीन करें कि भविष्य में उनके साथ न्याय होगा।
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