निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह के फेंक पते पर लाइसेंस लेने के मामले में सजा होने के बाद जिले में असलहों की शिकायतों की आई बाढ़, समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला महासचिव रमेश कुमार यादव भी कोतवाली नगर के फेंक पते पर लिया है असलहे का लाइसेंस, असलहा निरस्तीकरण की चल रही है, कार्रवाई...
समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला महासचिव उदय प्रताप सिंह... |
प्रतापगढ़। फर्जी व कूटरचित रसीद के जरिये मध्य प्रदेश के सागर से चोरी की गई राइफल को शस्त्र कार्यालय में अपने नाम दर्ज कराने की उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई। अंतू थाना क्षेत्र के ईसीपुर गाँव निवासी अजय प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री सहित उच्चाधिकारियों को भेजे गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि उनके गाँव का एक व्यक्ति सागर मध्य प्रदेश से चोरी हुई राइफल को फर्जी व कूटरचित रसीद के जरिये प्रतापगढ़ के शस्त्र कार्यालय में अपने नाम दर्ज करा लिया है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि उसने गलत तथ्यों के आधार पर तीन लाइसेंस बनवा कर शस्त्र खरीद कर इलाके में आये दिन दहशत फैलाता है। जबकि उक्त आरोप के सम्बन्ध में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला महासचिव उदय प्रताप सिंह का कहना है कि उनके पास सिर्फ एक रिवाल्वर का लाइसेंस है और कोई असलहे का लाइसेंस नहीं है। चुनावी रंजिश की वजह से ऐसे फेंक आरोप लगाये जा रहे हैं। अजय सिंह मेरे भतीजे हैं और रंजिशन फेंक आरोप लगाकर मुझे बदनाम करना चाहते हैं।
समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला महासचिव उदय प्रताप सिंह के पास तीन लाइसेंसी असलहे होने का दावा किया गया है। एक रिवाल्वर/पिस्टल जिसका नम्बर- 14963/2404 है जो दिनांक- 27/05/1995 को प्रतापगढ़ से जारी किया गया है, दूसरा लाइसेंसी असलहा राइफल नम्बर- 15059/4248 है जो दिनांक- 15/10/97 को जारी किया गया है एवं एस.बी.बी.एल. नम्बर-14747/2180/11067/93 जो 29/01/1993 को प्रतापगढ़ से जारी किया गया है। इसमें एक लाइसेंस का बोर परिवर्तित कराकर वर्तमान समय में एक रिवाल्वर और खरीद लिए हैं। शस्त्र अनुभाग में उपरोक्त राइफल के संदर्भ में कोई विवरण मौजूद नहीं है। उपरोक्त राइफल का आज भी उदय प्रताप सिंह अवैध ढंग से प्रयोग कर रहे हैं और दहशत फैला रहे हैं। शिकायतकर्ता अजय प्रताप सिंह ने मांग किया है कि चोरी की राइफल लेकर कूटरचना के जरिये रसीद तैयार करके लाइसेंसी राइफल नम्बर- 15059/4248 का बेजा इस्तेमाल करने वाले उदय प्रताप सिंह के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई की मांग की है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें