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शुक्रवार, 18 मार्च 2022

आइये जाने उत्तर प्रदेश विधान परिषद् सदस्य के चुनाव में कौन ले सकता है, भाग और कौन हो सकता है, मतदाता

यूपी में विधान परिषद सदस्य के कुल कितनी सीटें हैं और कैसे सम्पन्न होती है, उसकी निर्वाचन प्रक्रिया...???

विधान परिषद् सदस्य पद का चुनाव...

MLC की अंग्रेजी में फुल फॉर्म “Member of Legislative Council” है और इसे हिन्दी में MLC 'विधान परिषद का सदस्य' कहते है। MLC विधान परिषद का सदस्य होता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 169 के तहत विधान परिषद का गठन किया जाता है, MLC सदस्यों की संख्या MLA के की संख्या की एक तिहाई ही होती है। विधान परिषद का एक सदस्य (MLC) स्थानीय निकायों, राज्य विधान सभा, राज्यपाल, स्नातक और शिक्षकों द्वारा 6 साल की अवधि के लिए चुना जाता है। हर दो साल में एक तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त हो जाते हैं।


विधान परिषद् सदस्य कार्यकाल...


इसके सदस्यों का कार्यकाल छह वर्षों का होता है लेकिन प्रत्येक दो साल पर एक तिहाई सदस्य हट जाते हैं। एक राज्य के विधान सभा (निम्न सदन) के साथ इसके विपरीत, विधान परिषद (उच्च सदन) में एक स्थायी निकाय है और भंग नहीं किया जा सकता है, विधान परिषद का प्रत्येक सदस्य (एमएलसी) 6 वर्ष की अवधि के लिए कार्य करता है। एक परिषद के सदस्यों में से एक तिहाई की सदस्यता हर दो साल में समाप्त हो जाती है। यह व्यवस्था राज्य सभा, के सामान है राज्य की विधान परिषद का आकार राज्य की विधान सभा में स्थित सदस्यों की कुल संख्या के एक तिहाई से अधिक नहीं हो सकता और किसी भी कारणों से 40 सदस्य से कम नहीं हो सकता है।


विधान परिषद के निर्वाचन की प्रक्रिया...


परिषद के लगभग एक तिहाई सदस्य विधान सभा के सदस्यों द्वारा ऐसे व्यक्तियों में से चुने जाते हैं जो इसके सदस्य नहीं हैं। एक तिहाई (1/3) निर्वाचिका द्वारा, जिसमें नगरपालिकाओं के सदस्य, जिला बोर्डों और राज्य में अन्य प्राधिकरणों के सदस्यों सम्मलित हैं, द्वारा चुने जाते हैं। एक बटा बारह (1/12) का चुनाव निर्वाचिका द्वारा ऐसे व्यक्तियों द्वारा किया जाता है जिन्होंने कम से कम तीन वर्षों तक राज्य के भीतर शैक्षिक संस्थाओं (माध्यमिक विद्यालयों से नीचे नहीं) में अध्यपन में लगे रहे हों। अन्य एक बटा बारह (1/12) का चुनाव पंजीकृत स्नातकों द्वारा किया जाता है जो तीन वर्ष से अधिक समय पहले पढ़ाई समाप्त कर लिए हैं। शेष सदस्य राज्यपाल द्वारा साहित्य, विज्ञान, कला, सहयोग आन्दोलन और सामाजिक सेवा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों में से नियुक्त किए जाते हैं। 


एमएलसी बनने हेतु योग्यताएं...


1- भारत का नागरिक होना चाहिए।

2- न्यूनतम 30 वर्ष की आयु होनी चाहिए।

3- मानसिक रूप से असमर्थ, व दिवालिया नहीं होना चाहिए।

4- उस क्षेत्र (जहाँ से वह चुनाव लड़ रहा हो) की मतदाता सूची में उसका नाम भी होना आवश्यक है।

5-समान समय में वह संसद का सदस्य नहीं होना चाहिए।


विधानसभा की तरह ही विधान परिषद के सदस्यों का कार्यकाल भी छः वर्षों तक ही होता है, लेकिन विधान परिषद में प्रत्येक दो साल के बाद एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो जाता है और इसके बाद राज्य सभा की तरह ही विधान परिषद भी एक स्थायी सदन बन जाता है, जिसे कभी भी कोई भंग नहीं कर सकता है। किसी भी राज्य की विधान परिषद के सदस्यों की संख्या उस राज्य की विधान सभा में स्थित सदस्यों की कुल संख्या के एक तिहाई से अधिक नहीं होनी चाहिए इसके अलावा विधान परिषद में कम से कम 40 सदस्य होना बहुत ही आवश्यक होता है विधान परिषद के लगभग एक तिहाई सदस्य विधान सभा के सदस्य चुनते हैं, लेकिन इसके लिए ऐसे सदस्यों का चुनाव किया जाता है जो विधान सभा के सदस्य न रहे हो वहीं एक तिहाई सदस्यों का चुनाव निर्वाचन विधि द्वारा किया जाता है, जिसमें नगरपालिकाओं के सदस्य, जिला बोर्डों और राज्य में अन्य प्राधिकरणों के सदस्यों को शामिल किया जाता है। 


अभी देश के छह राज्यों में ही विधान परिषद (Vidhan Parishad) हैं। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 100 सीटें हैं। इसके अलावा बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में भी विधान परिषद अस्तित्व में है। विधान परिषद में एक निश्चित संख्या तक सदस्य होते हैं। विधानसभा के एक तिहाई से ज्यादा सदस्य विधान परिषद में नहीं होने चाहिए। मसलन यूपी में 403 विधानसभा सदस्य हैं। यानी यूपी विधान परिषद में 134 से ज्यादा सदस्य नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा विधान परिषद में कम से कम 40 सदस्य होना जरूरी है। एमएलसी का दर्जा विधायक के ही समकक्ष होता है।


कैसे चुने जाते हैं, विधान परिषद के सदस्य...???


विधान परिषद के सदस्य का कार्यकाल छः साल के लिए होता है। चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम 30 साल उम्र होनी चाहिए। एक तिहाई सदस्यों को विधायक चुनते हैं। इसके अलावा एक तिहाई सदस्यों को नगर निगम, नगरपालिका, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के सदस्य चुनते हैं। वहीं, 1/12 सदस्यों को शिक्षक और 1/12 सदस्यों को रजिस्टर्ड ग्रैजुएट चुनते हैं। यूपी में विधान परिषद के 100 में से 38 सदस्यों को विधायक चुनते हैं। वहीं 36 सदस्यों को स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र के तहत जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य (BDC) और नगर निगम या नगरपालिका के निर्वाचित प्रतिनिधि चुनते हैं। 10 मनोनीत सदस्यों को राज्यपाल नॉमिनेट करते हैं। इसके अलावा 8-8 सीटें शिक्षक निर्वाचन और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के तहत आती हैं।


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