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शनिवार, 19 मार्च 2022

एमएलसी के चुनाव के बीच फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह "गोपाल जी" को अदालत द्वारा दोषी करार दिये जाने के बाद बनने लगे हैं, नए-नए सियासी समीकरण

प्रतापगढ़ की एमपी/एमलए एफटीसी कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवायी की तिथि की तिथि 22मार्च को हुई मुकर्रर...

मोती सिंह के दरबार में समर्थन मांगने पहुँचे निवर्तमान MLCअक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी...

राजनीति में उलटफेर होते रहते हैं, परन्तु कभी-कभी इस कदर उलटफेर की घटना होती है जिसकी कल्पना भी नहीं होती है साल- 1997 के सितम्बर माह में अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी द्वारा फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने का खुलासा हुआ था। तत्कालीन नगर कोतवाल डीपी शुक्ला ने अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी के खिलाफ फ्रॉड करने के मामले में चार्जसीट दाखिल की थी। नगर कोतवाली इलाके से फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस के मामले में स्पेशल कोर्ट ने एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी के ऊपर ट्रायल में दोषसिद्ध पाया है।


22मार्च को सजा के बिंदु पर होगी बहस...


प्रतापगढ़ की राजनीति में राजा भईया का अलग जलवा रहा है और उनके अति करीबी व रिश्तेदार अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी को अपने संरक्षण में पहले उन्हें प्रतापगढ़ का एमएलसी निर्वाचित कराया और वर्ष- 2004 में प्रतापगढ़ का सांसद निर्वाचित कराया। वर्ष-2010 में पुनः एमएलसी निर्वाचित कराया और वर्ष-2016 में सपा के सिम्बल से अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी को निर्विरोध निर्वाचित कराया था एमएलसी का चुनाव प्रस्तावित है और अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी प्रतापगढ़ से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से अपना नामांकन कर चुके हैं। इसी बीच एक मुकदमें में ट्रायल के बाद फैसले में अदालत ने अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी को दोषसिद्ध करार दिया है। 


एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भईया के रिश्तेदार व बेहद करीबी हैं। एमएलसी चुनाव के लिये अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी भी हैं। एमएलसी चुनाव में भाजपा ने आज हरि प्रताप सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।हरि प्रताप सिंह प्रतापगढ़ सदर विधानसभा के वर्ष-2002 से वर्ष-2007 तक विधायक रहे और वर्ष-1995 से वर्ष 2017 तक नगर पालिकाध्यक्ष रहे हैं। हरि प्रताप सिंह विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, परन्तु अंत में उनका टिकट पार्टी ने काट दिया। भाजपा नेता हरि प्रताप सिंह ठेकेदारी भी करते हैं और अनाज की कालाबाजारी करके अरबपतियों की सूची में शामिल हो गए हैं। हरि प्रताप सिंह ने पार्टी फंड में धन जमा किया था और पार्टी उसे पार्टी अब एमएलसी का उम्मीदवार बनाकर उसे खत्म कर देना चाहती थी जो आज एमएलसी उम्मीदवार बनाकर यह नेक कार्य कर दिया।  

समाजवादी पार्टी की तरफ से विजय यादव भी एमएलसी प्रत्याशी का नामांकन कर चुके हैं। एमएलसी के नामांकन के लिए जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी की पत्नी मधुलिका सिंह और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय महासचिव डॉ के एन ओझा भी नामांकन प्रपत्र खरीद लिए हैंनिवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी के चुनाव लड़ने पर चल रहे संकट के बीच उनकी पत्नी मधुलिका सिंह और डॉ के एन ओझा में से एक उम्मीदवार जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का होगा और एक नामांकन वापस ले लिया जायेगा। भाजपा ने हरि प्रताप सिंह को टिकट देकर एमएलसी का चुनाव रोचक बना दिया है। चूँकि भाजपा में भी कई फाड़ है और हर चुनाव में भितरघातियों से लड़ना बहुत कठिन होता है। क्योंकि हरि प्रताप सिंह स्वयं बहुत बड़े भितरघाती हैं। विधानसभा चुनाव में उनका चेहरा उजागर हुआ था 


इसीबीच भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री मोती सिंह के सदर आवास पर बैठे जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से एमएलसी उम्मीदवार अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी की फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है मंत्री मोती सिंह से एमएलसी चुनाव में मदद माँगने के लिए एमएलसी उम्मीदवार अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी गए हुए हैं और उनकी यह तस्वीर मंत्री मोती सिंह के साथ बहुत कुछ इशारा करती है। फिलहाल इस बार का एमएलसी का चुनाव बहुत ही दिलचस्प होगा। निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह के फर्जी पते पर शस्त्र लेने के मामले में दोषी होने के बाद जिले में सियासी पारा बढ़ रहा है। अब देखना है कि मंत्री मोती सिंह एमएलसी के चुनाव में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के उम्मीदवार का साथ देते हैं अथवा भितरघात करके भाजपा के उम्मीदवार हरि प्रताप सिंह की पीठ में छुरा भोकने का कार्य करते हैं


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