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शुक्रवार, 25 मार्च 2022

डिप्टी सीएम के पद पर केशव प्रसाद मौर्य की फिर से हुई ताजपोशी और दिनेश शर्मा को रखा गया बाहर,उनके स्थान पर बृजेश पाठक को बनाया गया डिप्टी सीएम

योगी कैबिनेट में उप मुख्यमंत्री पद को लेकर अंत तक बरकरार रहा सस्पेंस, मीडिया भी लगाती रही सिर्फ कयास...

योगी-2 कार्यकाल के लिए बनी टीम...

लखनऊ। साल 2017 में जब योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए थे, उसी समय सूबे को दो उप मुख्यमंत्री भी मिले थे। उस समय केंद्र से पर्यवेक्षक बनकर यूपी आए भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने बकायदा योगी को मुख्यमंत्री और केशव प्रसाद मौर्य व डॉ दिनेश शर्मा को उप मुख्यमंत्री के रूप में चयन कर अपनी मंशा भाजपा शीर्ष नेतृत्व को बता दिया था। मगर इस बार बदले हुए हालात में योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर वर्ष- 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा गया और भाजपा को पुनः एक बार प्रचंड बहुमत हासिल हुआ। इसके बाद विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को दोबारा विधायक दल का नेता चुना गया, लेकिन इस बार नई बात ये रही कि उप मुख्यमंत्री के तौर पर किसी के नाम की घोषणा नहीं की गई थी। 


भाजपा शीर्ष नेतृत्व में केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव हारने के बाद फिर से उप मुख्यमंत्री बनाने पर कई दिनों तक उठापठक मची रही,परन्तु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के न तैयार होने पर एक बार शपथ समारोह की तिथि भी बदलनी पड़ी। पिछले कार्यकाल में केशव प्रसाद मौर्य डिप्टी सीएम पद पर रहकर पूरे पाँच वर्ष तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को असहज करते रहे इस बार अंत तक योगी मंत्रिमंडल के शपथ लेने तक इस पर मंत्रियों और दो उप मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस बना रहा कि इस बार सीएम योगी के साथ उप मुख्यमंत्री पद पर कौन चेहरा होगा आसीन होगा या यूपी में इस बार कोई उपमुख्यमंत्री नहीं होगा। योगी सरकार पार्ट-2 के नए मंत्रिमंडल में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तो वापसी कर लिए, परन्तु उच्च शिक्षा को रसालत में पहुँचाने वाले डा. दिनेश शर्मा को इस बार डिप्टी सीएम पद से दूर रखा गया 


फिलहाल विधानसभा चुनाव में अपने ही घर में सिराथू में केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हार गए थे, लेकिन भाजपा आलाकमान का भरोसा उन पर बना रहा। जिस तरह से केशव पिछले तीन चार दिनों से योगी आदित्यनाथ के साथ नजर आ रहे थे, उससे ये अंदाजा लगाया जा रहा था कि केशव प्रसाद का कैबिनेट में शामिल होना और डिप्टी सीएम पद पर पुनः स्थापित होना लगभग तय है लेकिन क्या केशव इस बार कैबिनेट मंत्री के तौर पर काम करेंगे या फिर उनके पास पुराना ओहदा बरकरार रहेगा। वहीं दिनेश शर्मा की जगह इस बार डिप्टी सीएम पद पर बृजेश पाठक को आसीन किया गया है। बताया जा रहा है कि पिछली सरकार में डिप्टी सीएम रहे दिनेश शर्मा की इस बार मंत्रिमंडल से हटाकर संगठन में नई भूमिका दी जाएगी। शुरू से ही एक चर्चा यह भी रही कि यदि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह कैबिनेट मंत्री बने तो फिर दिनेश शर्मा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल रहेंगे। 


अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह कैबिनेट मंत्री की शपथ ले लिया है तो देखना होगा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर किसे जिम्मेदारी मिलती है ? केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पद पर बने रहने में सफलता पाई है। केशव प्रसाद सिराथू विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन सपा की पल्लवी पटेल से वे चुनाव हार गए थे। मौर्य का ओबीसी मतदाताओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव माना जाता है, जो सत्तारूढ़ दल के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिसने साल 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। केशव ने साल 2017 से साल 2022 तक उप मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी कर इतिहास रच दिया है। योगी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ दल ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ 403 में 273 सीटें जीतीं। योगी साल 2017 में मुख्यमंत्री पद के लिए एक आश्चर्यजनक पसंद थे, लेकिन पिछले पांच वर्षों में उन्होंने खुद को एक नेता के रूप में स्थापित किया और देश में सबसे अधिक आबादी वाले राज्य को सफलतापूर्वक चलाया। गोरखपुर से पांच बार के सांसद योगी आदित्यनाथ ने इस बार गोरखपुर सदर सीट से चुनाव लड़ा और 1 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की।

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