नामांकन के अंतिम दिन और अंतिम क्षण 247-विश्वनाथगंज विधानसभा से सपा के उम्मीदवार संजय पांडेय के बदलने से सपा उम्मीदवार को नुकसान होना तय है, निर्दलीय संजय पांडेय बिगाड़ कर रख दिये हैं, पूरा समीकरण...
संजय पाण्डेय की जनसभा में उमड़े जनसैलाब ने अन्य उम्मीदवारों की नींद उड़ाई... |
निर्दल प्रत्याशी के रूप में विश्वनाथगंज विधानसभा में चुनाव लड़ रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. राजाराम पांडेय के बेटे संजय पांडेय को विश्वनाथगंज के हर वर्ग के मतदाता, युवा, किसान, बुजुर्ग, नौजवान, महिलाएं सभी का व्यापक और तहेदिल वाला समर्थन मिल रहा। हर कोई एक ही बात कहता नजर आ रहा है कि ऐसा नेता अगर खोया तो दोबारा मिलना मुश्किल। इतनी बेकरारी दीवानगी आज के जमाने में किसी नेता के प्रति यदाकदा ही देखने को मिलती है। चुनाव की इस बेला में विश्वनाथगंज की जनता सामाजिक समरसता विश्वास आस्था का जो उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है, यकीन मानिए कि विश्वनाथगंज विधानसभा के लोगों ने लोकतंत्र को जीवंत कर दिया है। जाति-पाँत, आग्रह-दुराग्रह से मुक्त विश्वनाथगंज की जनता का व्यवहार वसंत ऋतु के आगमन जैसा प्रतीत हो रहा है जो लोकतंत्र के इस उत्सव को उसकी आस्था के संगम में डुबकी लगाने के लिए हर कोई बेकरार नजर आ रहा है।
भाजपा व अपना दल एस के उम्मीदवार जीतलाल पटेल कैडर के उम्मीवार हैं और चुनावी रणक्षेत्र में आर्थिक रूप से सबसे कमजोर हैं। अपना दल सुप्रीमों अनुप्रिया पटेल की हठधर्मिता की वजह से जीतलाल को पटेल/कुर्मी/वर्मा वोट तो मिल रहा है, परन्तु सर्व समाज से भाजपाई मत नहीं मिल पा रहा है। वजह अनुप्रिया पटेल का पट्टी और प्रतापगढ़ में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में चुनावी जनसभा न करना सबसे बड़ा नुकसान इकलौते उम्मीदवार को होने जा रहा है। सवर्ण भाजपा मतदाता जीतलाल पटेल को इस बार हजम नहीं कर पा रहा है। वर्ष- 2014 के उप चुनाव में डॉ आर के वर्मा को जिताकर पिछड़ी सीट आरक्षित कराने का प्रायश्चित करने का मन बना लिया है। इसलिए ब्राह्मण मतदाता निर्दलीय उम्मीदवार संजय पांडेय और बसपा उम्मीदवार इंजीनियर संजय त्रिपाठी खेमे में जा रहा है। क्षत्रिय मतदाता निर्दलीय उम्मीदवार संजय पांडेय और सपा उम्मीदवार सौरभ सिंह में बंट जा रहा है। भाजपा को जो दल हराने की स्थिति में दिखता है, उसका साथ मुस्लिम समाज का मतदाता हो जाता है। ऐसे में विश्वनाथगंज के मुस्लिम मतदाता पहली बार कन्फ्यूजन में है। विश्वनाथगंज विधानसभा में इस बार लड़ाई त्रिकोड़ीय बनी हुई है।
एआईएमआईएम के उम्मीदवार असफाक अहमद भी मुस्लिम मतदाताओं का मत काट रहे हैं। इसलिये सर्व समाज का वोट सिर्फ निर्दलीय उम्मीदवार संजय पांडेय को मिल रहा है। राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को इस बार सर्व समाज का वोट नहीं मिल पा रहा है। इसलिये विश्वनाथगंज विधानसभा की लड़ाई इस बार अधिक दिलचस्प है। क्योंकि यहाँ की सवर्ण जाति डॉ आर के वर्मा की बोये गए जातिवादी विष से छुटकारा पाना चाहती है। इसलिये जीतलाल पटेल और अनुप्रिया पटेल से हमेशा के लिए मुक्ति चाहती है। यह कार्य तभी संभव है जब अपना दल एस के उम्मीदवार जीतलाल पटेल हारेंगे तो वर्ष-2027 में विश्वनाथगंज विधानसभा से भाजपा और अपना दल एस के शीर्ष नेतृत्व की डायरी से पिछड़ी जाति के आवंटित कोटे से मुक्ति मिल सकेगी। बसपा से एक बार संजय त्रिपाठी का टिकट होना और फिर काटकर अशफाक अहमद को देना और अशफाक को टिकट काटकर पुनः बसपा के पूर्व विधायक संजय त्रिपाठी को देना बसपा उम्मीदवार संजय त्रिपाठी को मुस्लिम मतदाताओं की नाराजगी से नुकसान उठाना पड़ सकता है। अशफाक अहमद के पक्ष में ओवैसी और बाबूसिंह कुशवाहा जनसभा कर जनता से मत देने की अपील भी कर चुके हैं।
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