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रविवार, 6 फ़रवरी 2022

समाजवादी पार्टी के सुप्रीमों अखिलेश यादव की बुद्धि प्रतापगढ़ के टिकट बंटवारे में चकरा गई है, किं कर्तब्य विमूढ़ की स्थिति में पहुँच चुके हैं, अखिलेश यादव

प्रतापगढ़ में दो सीटों पर सपा ने उतारे प्रत्याशी, रानीगंज से डॉ आर के वर्मा और विश्वनाथगंज विधानसभा से सौरभ सिंह को मिला टिकट...


प्रो.शिवाकांत ओझा का टिकट काटकर विनोद दुबे को टिकट देना ही समाजवादी पार्टी का गलत निर्णय था और उससे बड़ा कदम विनोद दुबे को दिया टिकट काटकर गलत डॉ आर के वर्मा को देना है...


रानीगंज से डॉक्टर आर के वर्मा और विश्वनाथगंज से सौरभ सिंह बने सपा उम्मीदवार...

प्रतापगढ़। विश्वनाथगंज विधानसभा से डॉ आर के वर्मा अपना दल और अपना दल एस के सिम्बल से भाजपा की नाव में बैठकर वैतरणी पारकर स्वयं को बहुत बड़े नेता मान बैठे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि उनमें आज भी नेता के कोई लक्षण नहीं हैं। वह घोर जातिवादी किस्म के ब्यक्ति हैं। पूरे सात वर्षों तक विश्वनाथगंज विधानसभा में जातिवादी ट्रंप कार्ड खेलकर अपनी विरादरी का सबसे बड़ा नेता मान बैठे हैं। फिलहाल डॉ आर के वर्मा पूरे सात वर्ष विश्वनाथगंज विधानसभा के क्षत्रियों के साथ दिन रात उठते बैठते रहे और अपनी विरादरी को लुभाने के लिए बीच-बीच में सवर्ण और बैकवर्ड की तान छेड़ देते थे अपना दल एस में जब आशीष सिंह और अनुप्रिया पटेल के बीच तनातनी की वजह डॉ आर के वर्मा हुए तो इन्हें दूध में पड़ी मख्खी की तरह निकालकर फेंक दिया गया और उस दशा में यह समाजवादी पार्टी में जाकर शरण लिए। 


सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव शुरू में तो टिकट की बात न कर पार्टी में शामिल होने के बात किये, परन्तु अब उन्हें विश्वनाथगंज विधानसभा के स्थान पर रानीगंज विधानसभा से टिकट देने की बात सामने आ रही है। रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से डॉ आर के वर्मा के नाम की घोषणा और उनका नाम सूची में नहीं आया है और न ही समाजवादी पार्टी की वेबसाइट पर और न ही समाजवादी पार्टी की अधिकृत ट्वीटर हैंडिल से पोस्ट करके इसका पटाक्षेप किया गया है फिलहाल रानीगंज विधानसभा में डॉ आर के वर्मा जनसंपर्क करने पहुँच गए हैं और वह सबसे पहले मीडियाकर्मियों से मिलकर रानीगंज विधानसभा से स्वयं को उम्मीदवार बता दिया है। सपा सुप्रेमों ने पहले वहां से प्रो. शिवकांत यादव का टिकट काटकर विनोद दुबे को अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन बाद में डॉ. आर के वर्मा को रानीगंज विधानसभा से प्रत्याशी बनाये जाने की खबर है डॉ आर के वर्मा ने पत्रकारों से बताया  कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर मैं रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से सपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने आया हूं 


पूर्व प्रत्याशी विनोद दुबे का टिकट काटकर डॉ आर के वर्मा अपना टिकट रानीगंज से फाइनल कराकर बहुत क्खुश नजर आ रहे हैं, जबकि रानीगंज विधानसभा पिछड़ी जाति के नेताओं के लिए आसान नहीं है रानीगंज विधानसभा से प्रत्याशी घोषित होने के बाद डॉ आर के वर्मा पहली बार रानीगंज विधानसभा में दिखे हैं डॉ आर के वर्मा ने कहा कि रानीगंज विधानसभा की जनता समाजवादी पार्टी के साथ है और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जिताकर विधानसभा तक पहुंचाने का कार्य करेंगी। उन्होंने कहा कि रानीगंज विधानसभा में इन्कलाब लाने आया हूं। डॉ आर के वर्मा चुनाव पूर्व ही स्वयं को भावी विधायक घोषित कर चुके हैं उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए अपना परिचय समाजवादी विधायक के रूप में दिया है। डॉ आर के वर्मा रानीगंज विधानसभा स्वयं के लिए सुरक्षित मान रहे हैं तो वह उनकी पहली और अंतिम भूल साबित होगी। विनोद दुबे का टिकट काटकर समाजवादी पार्टी अगल बगल की विधानसभाओं से भी नुकसान उठाने का बीजारोपण कर दिया है। बसपा ने पहले से अजय यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है और यादव व मुसलमान इस बार अजय यादव के साथ जुड़ चुके हैं, जिससे डॉ आर के वर्मा रानीगंज में हवा हो जायेगें   


सपा ने प्रतापगढ़ की दो विधानसभाओं पर आखिरकार अपनी मुहर लगाकर उस पर विराम लगा दिया है सपा ने अपने दो प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। बता दें कि नामांकन की आखिरी तिथि 8 फरवरी को है और आज सपा की सूची जारी करने के बाद नामांकन के लिए सिर्फ अब दो दिन का समय बचा है। अभी भी रामपुरखास और सदर विधानसभा पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की घोषणा बाकी है। विश्वनाथगंज विधानसभा से सौरभ सिंह का नाम फाइनल किया गया है। पिछले कई दिनों से प्रतापगढ़ जनपद में अटकलें लगाई जा रही थी और अफवाहों का बाज़ार गर्म था। परन्तु चार में से दो विधानसभा का टिकट देकर समाजवादी पार्टी ने कुछ बोझ हल्का किया है समाजवादी पार्टी का मुस्लिम समुदाय वोट बैंक माना जाता है और इस बार 7 विधानसभा सीट में एक सुरक्षित को छोड़ दें तो छः विधानसभा में एक भी मुस्लिम चेहरा उम्मीदवार के रूप में नहीं आ सका। यही हाल समाजवादी पार्टी में ब्राह्मणों का है। 


रानीगंज विधानसभा से पूर्व मंत्री प्रो. शिवकांत ओझा का टिकट काटकर वनोद दुबे को दिया गया और अब विनोद दुबे का टिकट काटकर डॉ आर के वर्मा को दिया गया है। विश्वनाथगंज विधानसभा सीट से दो बार से संजय पाण्डेय चुनाव लड़कर क्षेत्र तैयार किये हैं और विश्वनाथगंज सीट उनके पिताजी की पहली पसंद हुआ करती थी। उनके न रहने के बाद विश्वनाथगंज सीट पर संजय पाण्डेय काफी दिन से क्षेत्र की जनता में बने हुए हैं। उनका टिकट काटकर यदि बहुचरा के सौरभ सिंह को समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। अब सदर और रामपुरखास दो विधानसभाओं में ब्राह्मण और मुस्लिम को संतुष्ट करने की कोशिश में समाजवादी पार्टी लगी हुई है, परन्तु यह कार्य आसान नहीं है। सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव टिकट बंटवारे का बंटाधार करके प्रतापगढ़ में अपने पैर पर स्वयं कुल्हाड़ी मारने का कार्य किया है। अब देखना है कि प्रतापगढ़ की जनता एनी दलों के सामने समाजवादी पार्टी पर कितना भरोसा करती है ? समाजवादी पार्टी की राह प्रतापगढ़ में फिलहाल आसान नहीं दिख रही है 


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