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शनिवार, 26 फ़रवरी 2022

जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" और सपा उम्मीदवार गुलशन यादव में होगी आमने-सामने की टक्कर

प्रतापगढ़ की सबसे हॉट विधानसभा सीट कुंडा में यादव और मुस्लिम गठजोड़ से रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" की राह नहीं है,आसान...


कुंडा विधानसभा में इस बार राजा भईया की राह नहीं है,आसान...

प्रतापगढ़। जिले में कुंडा का जब भी नाम लिया जाता है तो रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" का नाम स्वतः जुड़ जाता है। कुंडा विधानसभा में इस बार एक तरफा चुनाव होने से रहा इस बार रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" को कुंडा से विधानसभा लखनऊ पहुंचने की राह आसान नहीं दिख रही है। सपा मुखिया अखिलेश यादव से दूरी बनाना जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" को भारी पड़ सकती हैकुंडा विधानसभा में कुल 3 लाख, 43 हजार से अधिक मतदाता है, जिसमें 1 लाख, 94 हजार से अधिक पुरुष और 1 लाख, 48 हजार से अधिक महिला वोटर्स हैं वहीं कुंडा विधानसभा में यादव और मुस्लिम मतदाताओं का दबदबा भी है और यह दोनों वोटर सपाई माने जाते हैं। यदि मुस्लिम और यादव का गठजोड़ बनता है तो जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भईया और प्रदेश अध्यक्ष विनोद सरोज जो बाबागंज विधानसभा से राजा भईया के आशीर्वाद से निर्दलीय चुनाव जीतते आये हैं, उनके चुनाव में भी सपा ने ब्यवधान पैदा कर दिया है


उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव- 2022 से पहले कई बाहुबली नेता भी सक्रिय हो गए हैं इन सबके बीच सबकी नजर इस बार प्रतापगढ़ के कुंडा सीट पर है यहां से छः बार से रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" निर्दलीय विधायक होते रहे हैंहालांकि इस बार राजा भईया को विधानसभा पहुंचने की राह आसान नहीं दिख रही हैदरअसल, पिछले चार चुनाव में राजा भईया समाजवादी पार्टी के समर्थन से चुनाव जीतते रहे हैं लेकिन इस बार अखिलेश यादव ने राजा भईया को समर्थन न देकर उनके ही खास गुर्गे गुलशन यादव को समाजवादी से अपना उम्मीदवार बना दिया हैनिर्दलीय चुनाव जीतने वाले राजा भईया की इस वजह से मुश्किलें बढ़ी हुई हैंप्रतापगढ़ के कुंडा सीट से लगातार छः बार से विधायक राजा भईया पहली बार बीजेपी के समर्थन से चुनाव जीते हालांकि इसके बाद राजा भईया का सपा के साथ समझौता हो गया और लगातार वह विधानसभा का चुनाव जीतते रहे इतना ही नहीं साल 2004 और साल 2012 में सरकार में आने के बाद समाजवादी पार्टी ने राजा भईया को मंत्री भी बनाया वहीं साल 2017 में अखिलेश यादव ने राजा भईया को समर्थन से विधायक बनाया था


सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव और राजा भईया के बीच रिश्ते में पहली बार खटास राज्यसभा के चुनाव के वक्त दिखा था, जब अखिलेश के कहने के बावजूद राजा भईया ने बसपा कैंडिडेट के पक्ष में मतदान न करके उसका समर्थन नहीं कियाअखिलेश यादव राजा भईया से इसी वजह से नाराज हुए। साल 2017 के रिकॉर्ड के अनुसार कुंडा विधानसभा में कुल 3 लाख, 43 हजार से अधिक मतदाता रहे, जिसमें 1 लाख, 94 हजार से अधिक पुरुष और 1 लाख, 48 हजार से अधिक महिला वोटर्स रहीवहीं कुंडा विधानसभा में यादव और मुस्लिम मतदाताओं का दबदबा रहता है और अभी तक ये दोनों राजा भईया के समर्थन में खड़े रहते थेवहीं ब्राह्मण और दलित वोटर्स का भी यहां पर खासा असर है। फिलहाल राजा भईया बाबागंज से विनोद सरोज को लगातार विधायक बनाते रहे और साल 2019 में भाजपा और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक में गठबंधन होने में एक मात्र रोड़ा सपा के पूर्व सांसद शैलेन्द्र कुमार रहे जो कौशाम्बी से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से उम्मीदवार हुए थे। भाजपा एक सीट राजा भईया को देने के लिए राजी थी, परन्तु राजा भईया ने कौशाम्बी सीट पर शैलेन्द्र कुमार को टिकट न देने से गठबंधन को तवज्जों नहीं दिया और साल 2019 में यूपी की 80 सीटों पर सिर्फ दो सीट पर चुनाव लड़कर बता दिया कि वह सम्बन्धों को कितना महत्व देते हैं

कुंडा सीट का सियासी इतिहास...

➤1993 - 2017 से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भईया- निर्दलीय

1991 - शिव नारायण मिश्रा- भाजपा

1985 - 1989 नियाज हसन- कांग्रेस

1980 - नियाज हसन- इंक (आई)

1977 - शशि प्रभा- जेएनपी

कुंडा विधानसभा में अनुमानित जातिगत आंकड़े...

अनुसूचित जाति- 75 हजार

मुस्लिम- 55 हजार

यादव- 50 हजार

ब्राह्मण- 40 हजार

क्षत्रिय- 20 हजार

अन्य पिछड़ी जातियां- 15 हजार

वैश्य- 15 हजार

कुंडा विधानसभा में वर्तमान मतदाता की संख्या...

कुल मतदाता- 3,56,093

पुरुष- 1,91,397

महिला- 1,65,134

थर्ड जेंडर- 162

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