Breaking News

Post Top Ad

Your Ad Spot

शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022

विश्वनाथगंज में चुनाव को लेकर मतदाता और प्रत्याशी दोनों असमंजस में, इस बार जनता का आशीर्वाद किसे मिलेगा, यह कह पाना हो गया है, मुश्किल

प्रतापगढ़ जिले की सबसे बड़ी और बहुचर्चित विश्वनाथगंज विधानसभा की बात करे तो सभी राजनीतिक दलों और निर्दल प्रत्याशियों में बनी हुई है,असमंजस की स्थिति...


पूर्व विधायक संजय त्रिपाठी की बेटी चुनावी कंपेन में जहाँ पिता के लिए मतदाताओं से वोट देने की अपील कर रही हैं तो सपा उम्मीदवार सौरभ सिंह और निर्दलीय उम्मीदवार संजय पाण्डेय की पत्नी भी कर रही हैं,पति के पक्ष में प्रचार...

निर्दलीय उम्मीदवार संजय पाण्डेय की प्रत्येक जनसभा में उमड़ता रहा,जनसैलाब... 

प्रतापगढ़ पूरे उत्तर प्रदेश में सपा बनाम भाजपा की स्थिति भले ही हो, लेकिन विश्वनाथगंज विधानसभा में सबसे अलग स्थिति देखने को मिल रही है। समाजवादी पार्टी से अंतिम दिन और अंतिम क्षण में संजय पाण्डेय का टिकट काटकर नए प्रत्याशी सौरभ सिंह को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने टिकट देकर सबको चौका दिया था  सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव के फैसले से उस समय सपाइयों में काफी आक्रोश दिखा था वहीं बीजेपी और अपना दल एस संयुक्त प्रत्याशी जीतलाल पटेल से भी काफी लोग नाखुश है। स्थानीय लोगों का कहना है कि भाजपा और अपना दल एस के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में तीन बार से पटेल का चेहरा ही सामने लाया जाता है इसको लेकर ब्राह्मण समाज में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है, सपा से टिकट कटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ रहे संजय पाण्डेय के साथ सहानभूति जताने और दमखम दिखाने के लिए ब्राह्मणों में एकजुटता देखने को मिली

विश्वनाथगंज विधानसभा से बसपा उम्मीदवार इंजीनियर संजय त्रिपाठी... 

बहुजन समाज पार्टी से पूर्व विधायक इंजीनियर संजय त्रिपाठी भी 248-सदर प्रतापगढ़ सीट को त्याग कर अपने गृहक्षेत्र मानधाता से होने की वजह से वह विश्वनाथगंज विधानसभा को अपने लिए मुफ़ीद समझा और वहीं से बसपा से अपनी उम्मीदवारी पर जोर देकर पार्टी सुप्रीमों से टिकट प्राप्त करने में सफलता अर्जित किये। अत्यंत सरल व सीधे स्वाभाव के पूर्व विधायक संजय त्रिपाठी पर ब्राह्मणों का एक वर्ग उन्हें स्वजातीय होने की वजह से अधिक पसंद कर रहा है बसपा उम्मीदवार पूर्व विधायक संजय त्रिपाठी के पास कैडर वाला वोटबैंक के साथ मुस्लिम समाज का मत यदि उन्हें मिलता है तो वह भी त्रिकोणीय संघर्ष में शामिल होते नजर आते हैं। उनके एक भाई राकेश तिवारी राजकीय मेडिकल कालेज में चिकित्सक हैं और कटरा रोड़ पर अपना आवास और अस्पताल स्थापित किये हैं। इस चुनाव संजय त्रिपाठी की बेटी भी अपने पिता के लिए कंपेन करती दिखी और जनता जनार्दन से अपने पिताजी को जिताने की अपील करते सुनी गई   

विश्वनाथगंज विधानसभा से सपा उम्मीदवार सौरभ सिंह... 

वहीं मुस्लिम समाज भी कोई सपा का दामन तो कोई संजय पाण्डेय के साथ दिखाई पड़ रहा है। बड़ा सवाल यह है की यादव जाति भी इस बार साइकिल से दूर होता दिख रहा है। क्या सौरभ सिंह मुस्लिम, यादव तथा अन्य सपाइयों को साइकिल पर सवारी करवा पाते है या संजय पांडे की कैंची कुतरने में कामयाब होगी या हाथी नहीं गणेश है, के नारे को संजय तिवारी चरितार्थ करते हैं। यह तो 27 फरवरी को चुनाव के दिन दिख जायेगा और असल तस्वीर तो मतगणना के दिन 10मार्च को ईवीएम के खुलने के बाद ही पता चल सकेगा। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि जीतलाल कहाँ तक सभी को कप प्लेट में साथ लेकर चाय पिलाने में कामयाब होते हैं। विश्वनाथगंज विधानसभा में सबसे अधिक सहानुभूति यदि किसी उम्मीदवार के पक्ष में है तो वह निर्दलीय उम्मीदवार संजय पाण्डेय के पक्ष में दिख रही है अब यह सहानुभूति की लहर मतदान के दिन 27फरवरी तक मतदाताओं में बनी रहे तो परिणाम चौकाने वाला हो सकता है फ़िलहाल संजय पाण्डेय और उनकी पत्नी चुनावी जनसभाओं में भावुक हो जा रहे हैं जिससे जनता अभी तक उनसे जुड़ी हुई नजर आ रही है     

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Top Ad

Your Ad Spot

अधिक जानें