पाँचवें चरण के मतदान हेतु प्रचार के अंतिम दिन अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में स्टार प्रचारकों ने झोंकी ताकत...
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248-प्रतापगढ़ विधानसभा क्षेत्र में होगा सिने स्टार रवि किशन का रोड़ शो... |
248-प्रतापगढ़ विधानसभा में भाजपा को अपना दल एस की सुप्रीमों अनुप्रिया पटेल ये कहते हुए सीट अपने खाते से भाजपा की झोली में डाल दी है जो वर्ष-2017 में प्राप्त की थी। वजह सपा से अपना दल कमेरीवादी का गठबंधन हुआ और संयुक्त उम्मीदवार के रूप में अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं कृष्णा पटेल स्वयंभू राजमाता चुनावी मैदान में हैं। इसलिए कृष्णा पटेल के सामने अपना दल एस की सुप्रीमों अनुप्रिया पटेल भाजपा उम्मीदवार राजेन्द्र मौर्य के लिए 248- प्रतापगढ़ में पटेल/कुर्मी/वर्मा से मतदान के लिए अपील तक नहीं करेंगी। जनसभा करने की बात तो दूर की रही। इससे 248-प्रतापगढ़ विधानसभा के कुर्मी/पटेल/वर्मा मतदाता कृष्णा पटेल के पक्ष में जाने का मन बना लिया है।
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बसपा उम्मीदवार पंडित आशुतोष त्रिपाठी... |
इधर भाजपा से उम्मीदवार राजेन्द्र मौर्य को उनके ही दल के लोग हराने की साजिश रच रहे हैं। नाक के ऊपर तक रसमलाई भी खा रहे हैं और आर्थिक रूप से उनका आर्थिक दोहन भी कर रहे हैं। नया उम्मीदवार होने के नाते भाजपा संगठन के सारे भुख्खड़ चिलबिला में डेरा डाले हुए हैं। चाह कर भी भाजपा उम्मीदवार राजेन्द्र मौर्य उर्फ साधू और उनके लड़के आशीष मौर्य उर्फ पिंटू उन्हें अपने से दूर नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें भी पता है कि फला ब्यक्ति उनका नुकसान कर रहा है, फिर भी उम्मीदवार होने के नाते वह चुपचाप सहन कर रहे हैं। बड़ी ही शालीनता का परिचय बाप-बेटे दे रहे हैं। पार्टी के कुछ जातीय विषधर भी चाहते हैं कि राजेन्द्र मौर्य हार जाये तो यह सीट भाजपा के लिये वर्ष-2027 में सामान्य जाति के लिए सुरक्षित हो सकेगी।
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कांग्रेस उम्मीदवार डॉ.नीरज तिवारी... |
प्रतापगढ़ विधानसभा सीट जिसे बोलचाल की भाषा में सदर सीट के नाम से जाना जाता है। स्वयंभू राजमाता कृष्णा पटेल को जिताने के लिए कल सदर विधानसभा क्षेत्र मंदाह में जनसभा किये। उस जनसभा में पट्टी के सपा उम्मीदवार रामसिंह पटेल भी दलबल के साथ जनसभा में शामिल हुए थे। दो विधानसभा के उम्मीदवार और उनके समर्थन में जो अपेक्षित भीड़ की आशंका थी वह अखिलेश यादव की जनसभा में एकत्र न हो सकी। भीड़ तो कुंडा विधानसभा में गुलशन यादव के पक्ष में हुई जनसभा में ही दिखी थी। विश्वनाथगंज विधानसभा में सपा उम्मीदवार सौरभ सिंह के पक्ष में हुई जनसभा में सबसे कम भीड़ थी। यानि कुंडा विधानसभा की जनसभा को छोड़ दें तो अखिलेश यादव की जनसभा प्रतापगढ़ में पूरी तरह फ्लॉप रही। अब सवाल उठता है कि जिले की सबसे क्रीम विधानसभा सीट सदर में कौन किस पर भारी रहेगा यह अंदाजा लगा पाना बहुत मुश्किल हो रहा है।
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सपा और अपना दल कमेरावादी की संयुक्त उम्मीदवार कृष्णा पटेल स्वयंभू राजमाता... |
सदर विधानसभा में ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। सभी मतदाताओं की तरह यदि ब्राह्मण मतदाता भी अपनी जाति वाले उम्मीदवार बसपा के आशुतोष त्रिपाठी और कांग्रेस से डॉ नीरज तिवारी के पक्ष में जाता है तो इसका सीधा नुकसान भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र मौर्य का होगा। आज प्रचार का अंतिम दिन है और शाम पांच बजे प्रचार थम जायेगा। गोरखपुर के सांसद व सिने स्टार रवि किशन आज कटरा चौराहा से प्रतापगढ़ चौक तक भाजपा उम्मीदवार राजेन्द्र मौर्य के पक्ष में रोड़ शो करेंगे। अब देखना है कि आज के रोड़ शो में गोरखपुर के सांसद व सिने स्टार रवि किशन जो ब्राह्मण हैं, वह 248 प्रतापगढ़ विधानसभा के कितने ब्राह्मण मतदाताओं को भाजपा उम्मीदवार राजेन्द्र मौर्य के पक्ष में मतदान के लिए प्रभावित कर मतदान करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, यह तो 27 फरवरी को मतदान के दिन ही पता चल सकेगा।
सपा और अपना दल कमेरावादी की उम्मीदवार कृष्णा पटेल सीनियर सिटिजन हैं और बाहरी होने का लेबल उन पर चश्पा है। उन्हें भी हराने के लिए समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता कमर कस लिए हैं, ताकि वह अपने मुखिया अखिलेश यादव को 10 मार्च के बाद बता सके कि उनका गठबंधन और बाहरी उम्मीदवार उतारने का निर्णय गलत था। चूँकि प्रतापगढ़ विधानसभा की यह धरती कोई चारागाह नहीं जिसका मन हुआ वह आकर चर गया। प्रतापगढ़ में एक भी उम्मीदवार ब्राह्मण और मुस्लिम समाज से नहीं हैं। इसलिए अनादर ही अंदर दोनों समाज के लोग समाजवादी पार्टी से नाराज हैं और सदर प्रतापगढ़ की उम्मीदवार कृष्णा पटेल को हराकर कानपुर में उनको उन्हें के चुनाव चिन्ह लिफाफा में भरकर वापस भेज देने का मन बना लिए हैं।
मुस्लिम समाज के कट्टर लोग और युवा वर्ग एआईएम के इसरार अहमद को अपना मत दे सकते हैं। इससे भी कृष्णा पटेल को नुकसान होना निश्चित है। ब्राह्मण और मुसलमानों की नाराजगी का लाभ बसपा उम्मीदवार आशुतोष त्रिपाठी और कांग्रेस उम्मीदवार डॉ नीरज त्रिपाठी कितना ले पाते हैं ? इसी गुणा गणित पर 248- प्रतापगढ़ का चुनाव बुरी तरह से यह उलझा हुआ है और यहाँ के मतदाता भी कम चालाक नहीं हैं जो खुलकर किसी पक्ष में अपना पत्ता नहीं खोल रहे हैं। इसी वजह से प्रतापगढ़ विधानसभासीट पर किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में कुछ भी कह पाना मुश्किल हो रहा है। बसपा उम्मीदवार आशुतोष त्रिपाठी का कहना है कि उनके पक्ष में उनके कैडर का मत 35 हजार तक है। यदि ब्राह्मण और मुसलमान भाई उन्हें अपना आशीर्वाद दे देते हैं तो वही सदर प्रतापगढ़ के विधायक होंगे। ऐसे ही दावे कांग्रेस उम्मीदवार डॉ नीरज त्रिपाठी भी करते नजर आ रहे हैं कि उन्हें उप चुनाव में प्रतापगढ़ की जनता ने 20 हजार अपना बहुमूल्य मत दिया था और इस बार उन्हें भरोसा है कि इसका आकड़ा तीन गुना बढ़ेगा और वह ही विधायक बनेंगे।
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