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मंगलवार, 8 फ़रवरी 2022

अपना दल एस की सुप्रीमों अनुप्रिया पटेल की अनुभव हीनता और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के निकम्मेपन का नतीजा है कि 248- प्रतापगढ़ विधानसभा के लिए एक अदद उम्मीदवार का अंतिम दिन तक नहीं हो सका चयन

जितना समय बोर्ड की परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को दिया जाता है, उससे भी कम समय विधानसभा चुनाव-2022 के पांचवें चरण के नामांकन में बचा है... 

248-प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट के लिए सीटिंग विधायक के नाम की फेंक सूची... 

प्रतापगढ़ भाजपा और सहयोगी पार्टी अपना दल एस और मुख्य विपक्षी दल सपा और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल कमेरवादी ने इस बार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के टिकट बंटवारें में राजनीतिक नीचता की सारी हदें पार कर दी है। आज नामांकन का अंतिम दिन है। अभी भी सीटिंग विधायक के नाम पर फेंक उम्मीदवार की 11वीं की सूची जारी कर सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है। कोई लिख रहा है कि पूरे ईश्वर का जलवा कायम है तो कोई लिख रहा है कि रसमलाई चिलबिला ने छः करोड़ में टिकट खरीड लिया है तो कोई लिख रहा है कि राजा अनिल प्रताप सिंह के लिए भाजपा पर संघ अपना दबाव बनाया था, इसलिए टिकट देने में इतना वक्त लग गया

सूत्रों के हवाले से इस बार मीडिया और सोशल मीडिया में इतनी फेंक खबर लिखी गई कि पत्रकारिता की सारी मर्यादा ही खत्म हो गई। सोशल मीडिया में कोई लिख रहा है कि हरियाली महराज 10 करोड़ की गठरी लेकर लखनऊ कई दिनों से जमें हुए हैं। सांसद संगम लाल गुप्ता के भाई दिनेश गुप्ता इस भीड़ में नजर नहीं आ रहे हैं। कुछ दिन पहले उके नाम का एक लेटरपैड पर उम्मीदवार बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। उसी के बाद से दिनेश गुप्ता का नाम नहीं उछलाउधर प्रतापगढ़ से सीटिंग विधायक राजकुमार करेजा पाल अपने अलेजे को ही चीरकर अनुप्रिया पटेल के कदमों में रख दिए हैं कि टिकट मिले तो उन्हें ही मिले कितना दुर्भाग्यपूर्ण कदम है कि सीटिंग विधायक राजकुमार पाल के समर्थकों ने अपना दल एस के लेटरपैड पर एडिटिंग करके उनका नाम लिखकर उन्हें स्वयंभू उम्मीवार बना डाला है। हैं न राजनीतिक इंतहा की हद...

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