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बुधवार, 2 फ़रवरी 2022

विवादों से चमका विवादों में ही डूब गया बड़बोली मंत्री स्वाती सिंह का सितारा, भाजपा ने टिकट काटकर आखिरकार सिखा दिया, सबक

हाउसवाइफ से रातोंरात अचानक नेत्री बनी स्वाती सिंह को पहली बार विधायक बनते ही मंत्री बनाया गया, परन्तु मंत्री स्वाती सिंह एक्सीडेंटल मंत्री साबित हुई, पत्रकारों को धमकाना, अफसरों पर रौब झाडऩा और बियर बार का उद्घाटन करना मैडम को पड़ गया भारी...


यूपी सरकार में मंत्री रही स्वाति सिंह का टिकट काट दिया गया है और उसके बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया आई है, उन्होंने कहा कि मुझे टिकट नहीं दिया गया है तो भी मैं पार्टी के साथ रहूंगी और पार्टी की जिम्मेदारी को निभाऊंगी...

 विवादों से चमका विवादों में ही डूब गया बड़बोली मंत्री स्वाती सिंह का सितारा...

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में लोग भाजपा द्वारा स्वाती सिंह का टिकट काट दिये जाने से बेहद खुश नजर आ रहे हैं। स्वाती सिंह यहां की सरोजनी नगर क्षेत्र के भाजपा के टिकट पर वर्ष-2017 के चुनाव में विधायक बनी थी। वह योगी सरकार में मंत्री रहीं। पर वह अपनी कार्यशैली को लेकर हमेशा विवादों में रहीं। अफसरों पर रौब झाडऩा, प्रेस वार्ता में पत्रकारों से उलझना, उन्हें धमकाना इनकी आदत में शुमार रहा। 

पिछले विधानसभा चुनाव से ऐन पहले तत्कालीन बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा स्वाती सिंह और उनकी बेटी को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के बाद बीजेपी ने उन्हें सरोजनी नगर से प्रत्याशी बनाया था। इस विवाद के बाद सहानुभूति और मोदी लहर के चलते उन्होंने अजेय समझी जाने वाली सीट जीतकर बीजेपी की झोली में डाल दी। पुरस्कार के तौर पर उन्हें मंत्री बनाया गया। हालांकि इसके बाद कभी बीयर द बार के उद्‌घाटन तो कभी सीओ के साथ बातचीत का ऑडियो वायरल होने तो कभी तहसीलदार को लेकर विवाद ने उन्हें चर्चा में बनाए रखा। चुनाव से ऐन पहले विवाद ने उनका दामन नहीं छोड़ा और सरोजनी नगर सीट से बीजेपी के टिकट को लेकर स्वाती सिंह और उनके पति दया शंकर सिंह के बीच विवाद खुलकर सामने आ गए। नतीजा यह हुआ कि पार्टी ने दोनों में से किसी को भी टिकट न देकर नए दावेदार को टिकट दे दिया।

हाउसवाइफ से रातो-रात स्वाति सिंह नेत्री बनी थी, बेटी के दामन पर लगाये गए दाग को मैदान में बचाने उतरने वाली  स्वाति सिंह आज पति से खा गई,   मात...

➤प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के दो महीने बाद मई, 2017 में गोमती नगर में एक बीयर शाप के उद्‌घाटन कार्यक्रम में पहुंच गयीं।

विधानसभा क्षेत्र में नवरात्र कार्यक्रम के दौरान कन्याओं को 500-500 रुपए के नोट खुलेआम बांटने का आरोप लगा।

मंत्री रहते हुए सबसे गंभीर आरोप अंसल बिल्‍डर को लेकर लगा। सीओ कैंट के साथ हुई उनकी बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें वह बिल्‍डर का पक्ष लेकर सीओ को डपट रही थीं।

बाल विकास पुष्‍टाहार विभाग में 38 करोड़ रुपये के टेंडर को लेकर भी महकमे के प्रमुख सचिव के साथ विवाद खुलकर सामने आ गया था।

तहसील दिवस के दौरान उनकी नायब तहसीलदार के साथ हुई हॉटटॉक भी विवादों में रहा। वायरल हुए वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना गया कि ऐसा भ्रष्‍ट अधिकारी इलाके में नहीं चाहिए। इसके जवाब में नायब तहसीलदार ने नाराजगी के पीछे अवैध खनन के खिलाफ की गई कार्रवाई को वजह बताया था।

सबसे अधिक चर्चा में वह तब आयीं जब एक महिला कैबिनेट मंत्री के रुप में उन्होंने बीयर बार का उद्घाटन किया। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा उन्हें टिकट नहीं देगी। बता दें कि स्वाती सिंह भाजपा के चर्चित नेता दयाशंकर सिंह की पत्नी हैं। स्वाती सिंह और दयाशंकर के बीच के रिश्तों को लेकर भी कई बार विवाद सामने आ चुका है। 1 फरवरी, 2022 की देर रात भाजपा ने 17 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इस सूची में लखनऊ की सभी नौ विधानसभा सीटों के नाम शामिल रहे। इसमें सरोजनी नगर से भाजपा ने स्वाती सिंह का टिकट काटकर उनके स्थान पर राजेश्वर सिंह को उम्मीदवार बनाया है। दो दिन पहले ही राजेश्वर सिंह ने ईडी की नौकरी से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन किया था। भाजपा ने उन्हें सरोजनी नगर से उम्मीदवार बना दिया है। लोग जितना राजेश्वर सिंह को टिकट दिये जाने से खुश नजर आ रहे हैं, उससे ज्यादा स्वाती सिंह का टिकट काटे जाने से खुश हैं।


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