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शनिवार, 29 जनवरी 2022

UP चुनाव-2022 : भाजपा ने 36 फीसदी चेहरे बदले, नई सूची में 20 ब्राह्मण और 18 ठाकुर को उम्मीदवार बनाकर नाराज सवर्णों को साधने की फ़िराक में भाजपा शीर्ष नेतृत्व

यूपी विधानसभा चुनाव-2022 को भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 के मद्देनजर लड़ रही है,सीएम का चेहरा योगी आदित्यनाथ तो हैं,परन्तु असल चेहरा पीएम मोदी ही हैं...

भाजपा की उम्मीदवारी की सूची में सभी जाति और वर्ग को दी जा रही है,जगह...

लखनऊ। यूपी भाजपा ने शुक्रवार को 91 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों की सातवीं सूची जारी कर दी। पार्टी ने एक को छोड़ सभी मंत्रियों को टिकट देकर फिर भरोसा जताया है। 36 फीसदी से ज्यादा नए चेहरों को मौका दिया गया है। 58 फीसदी से ज्यादा सीटों पर मौजूदा विधायक फिर टिकट पाने में सफल रहे। हारी हुई अधिकांश सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं। जातिवार प्रत्याशियों की बात करें तो 91 में से 25 सीटों पर ओबीसी को उतारा गया है। 21 सीटों पर दलित, 20 सीटों पर ब्राह्मण, 18 सीटों पर 18 प्रत्याशी उतारे गए हैं। इसके अलावा 4 पर भूमिहार, 2 पर वैश्य और 1 पर कायस्थ को उतारा गया है। ओबीसी में सबसे ज्यादा 11 टिकट कुर्मी,  3 कुशवाहा, 2 निषाद, एक सुनार, एक राजभर, एक चौरसिया, एक कुम्हार और एक टिकट कलवार को दिया गया है, जबकि दलितों में 8 पासी, 4 खटीक, 3 कोरी, 2 बेलदार,  2 धोबी और 2 टिकट कोली समाज को मिले हैं।


एक मंत्री सहित तीन विधायकों के बेटों को और गोसाईगंज में सदस्यता रद्द होने के बाद खब्बू तिवारी की पत्नी को उतारा गया है। भाजपा ने अपने टिकट वितरण में सामाजिक समीकरणों को साधने के साथ ही महिलाओं के रूप में अपने कोर वोटर का भी खासा ख्याल रखा है। मुकुट बिहारी वर्मा को छोड़ योगी मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को फिर टिकट मिला है। हालांकि मुकुट बिहारी की जगह उनके बेटे गौरव वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। मंत्री श्रीराम चौहान की सीट में बदलाव हुआ है। अब वो धनघटा की जगह खजनी से लड़ेंगे। भाजपा द्वारा घोषित 91 सीटों में 53 मौजूदा विधायकों को फिर टिकट मिला है, जबकि 33 हारी और जीती सीटों पर 33 नए चेहरे दिए गए हैं। हारने वाली पांच सीटों पर पुराने लोगों को ही फिर उतारा है। 15 विधायकों के टिकट काटे गए हैं, जबकि सलोन के विधायक दलबहादुर की मृत्यु होने के कारण वहां प्रत्याशी बदला गया है।


तिंदवारी के विधायक बृजेश राजपूत और खलीलाबाद के विधायक जय चौबे बीते दिनों सपा में शामिल हो गए थे। उनकी जगह पार्टी ने नए प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं गोसाईगंज सीट पर आरती तिवारी को उतारा गया है। वर्ष- 2017 में इस सीट से जीतने वाले इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी की आरती तिवारी पत्नी हैं। खब्बू तिवारी को एक मामले में सजा होने के बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी। मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के अलावा फाजिल नगर सीट पर मौजूदा विधायक गंगा सिंह कुशवाहा की जगह उनके बेटे सुरेंद्र कुशवाहा को टिकट मिला है। वहीं बीकापुर सीट पर मौजूदा विधायक शोभा सिंह चौहान की जगह उनके बेटे डा. अमित सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा ने इस बार महिलाओं पर पहले से ज्यादा भरोसा किया है, उन्हें 10 टिकट दिया गया है। महिलाओं को भाजपा का साइलेंट वोटर माना जाता है।


पिछले चुनावों में पार्टी को सफलता दिलाने में इनके योगदान को देखते हुए उन्हें घोषित 91 सीटों पर वर्ष-2017 की तुलना में इस बार ज्यादा टिकट दिए गए हैं। पिछली बार इन सीटों पर सिर्फ 4 महिला प्रत्याशी थीं, जबकि इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या 10 है। भाजपा ने वर्ष- 2017 में जीतने वाले 15 विधायकों को इस बार टिकट नहीं दिया है। जिन विधायकों के टिकट काटे गए हैं, उनमें बेल्थरा रोड सीट से धनंजय कन्नौजिया की जगह छट्टूराम, बरहज से सुरेश तिवारी की जगह दीपक मिश्रा "शाका", रामपुर कारखाना से कमलेश शुक्ला की जगह सुरेंद्र चौरसिया, देवरिया से जन्मेजय सिंह की जगह शलभमणि त्रिपाठी को टिकट दिया गया है। पूर्व कांग्रेस सांसद राकेश सचान और अखिलेश सरकार में पूर्व मंत्री प्रो. शिवाकांत ओझा एक साथ दिल्ली भाजपा मुख्यालय पर धर्मेन्द्र प्रधान द्वारा भाजपा में शामिल कराया गया था। एक दिन पहले भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व कांग्रेस सांसद राकेश सचान को भी टिकट दिया गया है। ऐसे में प्रो. शिवाकांत ओझा का भी टिकट पक्का माना जा रहा है


हाटा से पवन कुमार की जगह मोहन वर्मा, कुशीनगर से रजनीकांत मणि त्रिपाठी की जगह पीएन पाठक, खजनी से संत प्रसाद की जगह श्रीराम चौहान, सहजनवा से शीतल पांडेय की जगह प्रदीप शुक्ला, बलहा से अक्षयवर लाल की जगह सरोज सोनकर, हैदरगढ़ से वैदनाथ रावत की जगह दिनेश रावत, जैदपुर से उपेंद्र सिंह के स्थान पर अमरीश रावत, कोरांव से राजमणि कोली की जगह आरती कोल, फाफामऊ से विक्रमजीत की जगह गुरुप्रसाद मौर्य को उतारा गया है। भोगनीपुर से विनोद कुमार कटियार की जगह राकेश सचान, बिसवां से महेंद्र सिंह की जगह निर्मल वर्मा शामिल हैं। इनके अलावा सलोन सीट पर विधायक दलबहादुर की मृत्यु होने के कारण अशोक कोरी को टिकट मिला है। जबकि तिंदवारी और खलीलाबाद में भाजपा छोड़ने वालों की जगह नए प्रत्याशी उतारे गए हैं। भाजपा इस बार उन्हें भी अपना उम्मीदवार बनाने में गुरेज नहीं कर रही है, जो ऐन चुनाव के वक्त दल बदल एक्सप्रेस पर सवार होकर भाजपा मुख्यालय पहुँचे थे 


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