दहेज और रिश्वत देने की ब्यवस्था पर लेने वाले पर तो देने वाला अपनी इच्छानुसार मुकदमा लिखा देता है, परन्तु देने वाले के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होती, जबकि कार्रवाई दोनों पर होनी चाहिए, अन्यथा इस कोढ़ से समाज को मुक्ति नहीं मिल सकती...
पैसे लेकर पूरे किए फेरे, पति समेत सात पर रिपोर्ट... |
बरेली। समाज में दहेज आज भी अभिशाप बना हुआ है। लोगों के मन में इस कदर धन के प्रति लालसा होती है कि वह असली धन को दर किनार करके कागज से निर्मित नोटों के बंडल में फंसकर अपना समूचा परिवार नष्ट कर डालता है। अपना सुख चैन और जीवन का सारा शुकून अपने हाथ से वर्वाद कर लेता है। पर ये उसे तब पता चलता है, जब वह अपना सबकुछ गंवा चुका होता है। ऐसा ही एक मामला बरेली जनपद के इज्जत नगर में देखने को मिला, जहाँ शादी से तीन दिन पहले वर पक्ष ने दहेज में लड़की वालों के सामने आठ लाख रुपये की मांग रख दी। शादी के दिन लड़की पक्ष ने समझाने का प्रयास किया, मगर लड़के वाले जिद पर अड़ गए। साढ़े तीन लाख रुपये दिए तो फेरे हुए। जब विदा होकर बहू ससुराल गई तो वहां उसे ताने मिले। विरोध करने पर मारपीट कर उसके कपड़े तक फाड़ दिए गए। इसके बाद महिला को घर से निकाल दिया गया। इसकी शिकायत जब इज्जत नगर पुलिस तक पहुँची तो पुलिस ने पीड़िता का पक्ष जानकार उसके पति, सास, ससुर, ननद समेत सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया।
इज्जत नगर क्षेत्र एक महिला ने बताया कि 29 जून, 2020 को उसकी शादी संभल के युवक से हुई थी। शादी से तीन दिन पहले लड़के वाले दहेज में आठ लाख रुपये मांगने लगे। न देने पर रिश्ता तोड़ने की धमकी दी। उसके पिता ने किसी तरह 3.50 लाख रुपये व 5 तोला सोने के जेवरात ससुरालियों को दिए। बकाया रकम बाद में देने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही उसके फेरे हुए। महिला के मुताबिक ससुराल में पहुंचते ही उसका उत्पीड़न शुरू हो गया। पहले दिन ही उसे कम दहेज लाने के ताने दिए गए। दहेज की बकाया रकम दिलाने के लिए दबाव बनाया गया। उसके पिता ने किसी तरह लॉकडाउन में 50 हजार रुपये का इंतजाम कर ससुरालियों को दिए। एक माह के अंदर पूरी रकम देने का वादा किया। दहेज के अभिशाप से तभी मुक्ति मिल सकती है जब वास्तव में दहेज लेना और देना दोनों पक्षों पर जिस दिन कारवाई शुरू कर दी जाए उस दिन से दहेज की सारी समस्या खत्म हो जायेगी। परन्तु देश का दुर्भाग्य है कि सेब चाहे चाकू पर गिरे अथवा चाकू, सेब पर गिरे ! परन्तु कटता तो सेब ही है। इसी तरह दहेज और रिश्वत देने की ब्यवस्था पर देने वाले के ऊपर भी कार्रवाई होनी चाहिए, अन्यथा इस कोढ़ से समाज को मुक्ति नहीं मिल सकती।
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