हाल-ए-दास्तान सिनेमा रोड...
18 वर्षों में नहीं बन सका सिनेमा रोड़ के दोनों तरफ का नाला... |
सिनेमा रोड़ जो वर्ष 2012 में सुमित्रपुरी यानि सदन चक्की पल्टन बाजार से गफ्फार पेट्रोल पम्प तक नपा अध्यक्ष के चौथी बार जीत के बाद बनाने के लिए टेंडर निकाला गया, परन्तु मैनेज करके उसे अपने खास ठेकेदार जितेन्द्र सिंह निवासी सुल्तानपुर को दे दिया। गैर जिम्मेवार ठेकेदार ने अपने मेठ से कहकर सड़क को ट्रैक्टर से उखड़वा दिया और उखाड़ने का काम पंचमुखी मन्दिर तिरहा तक किया गया जो इस्टीमेट था ही नहीं। ये कार्य सुबह-सुबह हुआ था। मेरे ऑफिस अभिनव मीडिया सेंटर के सामने जब खुदाई शुरू किया तो मैं पूछा कि अभी तो 2 वर्ष पहले ये सड़क प्रशासन के कार्यकाल में बनाई गयी थी, इसे क्यों 2 साल में फिर से बनाने के लिए चयनित किया।
मैं काम रोकवा दिया तो ठेकेदार आए और गलती मानते हुए गलत सड़क खोद देने की बात स्वीकार किया। हमने ठेकेदार महोदय से कहा कि फिर इसे अब आप ही बनवाओगे तो उन्होंने कहा कि हम क्यों बनवायेंगें ? बात बिगड़ती गई। हमने शिकायत किया तो ठेकेदार महोदय ने किसी तरह खोदी हुई सड़क को लीप पोतकर अपनी गलती को बचाया था। अब ये पैसा ठेकेदार का उसकी जेब से गया। ऊपर से नगरपालिका का 37% कमीशन अलग से। सड़क बनी और एक ही साल में उखड़ गई। चूँकि सड़क में बिटुबिन और इमल्सन का जो प्रयोग ठेकेदार किया, उसमें मिलावट किया ताकि कहीं का नुकसान कहीं अर्जेस्ट कर सके।
अब बात करते हैं आज की समस्या पर। सिनेमा रोड़ पर जब से मैं प्रतापगढ़ शहर में रह रहा हूँ, तब से हल्की बरसात में जल भराव हो जाता है। सड़क ही नहीं डूबती, बल्कि लोंगों के घरों में पानी घुस जाता है, जिसे निकालने के लिए लोंगों को अथक प्रयास करने होते हैं। इसीलिये शहर के बीचोबीच सीनेमा रोड़ का विकास उतना नहीं हो सका जितना होना था। सड़क पर पानी इस कदर भर जाता है कि उस पर आवागमन ही बन्द हो जाता हैं। आता-जाता वही है, जिसका घर उस रोड़ पर है। उसकी मज़बूरी आजतक नगरपालिका प्रशासन नहीं समझ सका, जबकि सिनेमा रोड़ पर ही जलकल का ऑफिस भी है और पानी की टंकी भी।
क़ानून/नियमों को ठेंगा दिखाते हुए उसी जलकल परिषर में सामुदायिक केंद्र बनाया गया और अब तो अवर अभियन्ता नगरपालिका का आवास भी बना दिया गया है। वर्तमान अवर अभियन्ता इस समय सिनेमा रोड़ पर रहते भी हैं। वर्ष-1995 से नगरपालिका के अध्यक्ष की कुर्सी पर येनकेन प्रकारेण श्री हरि प्रताप सिंह ही बने रहे। सिनेमा रोड़ का दक्षिणी छोर टक्करगंज वार्ड में लगता है और उत्तरी छोर मकन्द्रूगंज वार्ड लगता है। टक्करगंज में वार्ड सभासद अध्यक्ष महोदय की ख़ास हैं।सभासद छाया श्रीवास्तवा भी अध्यक्ष के साथ-साथ निर्वाचित होती रही। उनका भी घर सिनेमा रोड़ पर ही है और उनके घर में भी पानी घुसा करता है। उनका एक देवर राजू श्रीवास्तव नगरपालिका में ठेकेदारी करता है तो दूसरा देवर अज्जू श्रीवास्तव अध्यक्ष महोदय के साथ कदमताल करता है।
बात अभी यहीं समाप्त नहीं हुई। अध्यक्ष महोदय के आम और खास 2 बार सभासद रहे और वर्तमान में नगरपालिका में विधिक सलाहकार की कुर्सी संभाल रहे। ज्ञानेश मिश्र जी और नगरपालिका के दूसरे विधिक सलाहकार अजित सिंह एडवोकेट का भी आवास सिनेमा रोड़ पर ही है। ये सब अध्यक्ष के इतने करीबी हैं कि उनके बुरे दिन में उनका साथ नहीं छोड़े। जब-जब वो भ्रष्टाचार के आरोप में अपनी कुर्सी गंवाए, ये सभी लोग अध्यक्ष के साथ उनके गम के साथी रहे। ज्ञानेश मिश्र जो अपने पहले सभासद के कार्यकाल में नपा अध्यक्ष का इस कदर विरोध किया था कि लोग उसे आज भी याद करते हैं। अध्यक्ष महोदय की गाड़ी के सामने लेटकर विरोध करना लोंगों को आज भी याद है। परन्तु दूसरे कार्यकाल में वही अध्यक्ष महोदय के ख़ास हो गए। उन पर अध्यक्ष के मुनीम होने तक का आरोप लगा।
यही नहीं अध्यक्ष महोदय का भाजपा ने वर्ष 2012 में टिकट काट दिया तो भी ये सभी लोग भाजपा में रहते हुए अध्यक्ष जब निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे तो पार्टी की परवाह किए विना अध्यक्ष को चौथी बार जिताने में ऐड़ीचोटी एक कर दिए थे। नपा अध्यक्ष महोदय की बात करें तो विगत 18 वर्षों में एक अदद नाला का निर्माण भी अपने आम और ख़ास की सहूलियत के लिए नहीं करा सके। इन आम और खास लोंगों के घरों में हल्की सी बरसात ही में गन्दे नाले का गन्दा पानी न घुसे, इसकी व्यवस्था अध्यक्ष महोदय इन 18 वर्षों में न कर सके। इनका घर गंदे नाले के गंदे पानी से बार-बार पवित्र होता जाता है। नगर पालिका की उदासीनता से ही इन्हें अपने घरों में मछली मारने की स्थिति का सामना करना पड़ता है।
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