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सोमवार, 3 जनवरी 2022

विधानसभा चुनाव-2022 में भाजपा-सपा में क्षेत्रवार आमने-सामने होती टक्कर के बीच चुनाव से पहले स्थिति की पहली सर्वे रिपोर्ट में दोनों के बीच कहां और किस तरह हो सकती है, टक्कर...???

यूपी के चुनाव में क्या फिर से बनेगी सूबे में योगी सरकार या बाजी पलट सकते हैं, अखिलेश यादव...!!!

उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के लिए आतुर चेहरे...

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव- 2022 में होने में अब बहुत कम समय बचा हुआ है। कभी भी भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली की तरफ से चुनाव की तिथियों का ऐलान किया जा सकता है और सूबे में आदर्श आचार संहिता लगाई जा सकती है चुनाव के तारीखों की घोषणा से पहले प्रचार अभियान प्रचंड रुप से तेज हो गया है। ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि उत्तर प्रदेश की जनता के मन में क्या है, क्या एक बार फिर से प्रदेश की जनता योगी आदित्यनाथ जी को सूबे के सिंहसन पर मुख्यमंत्री बनाकर विराजमान करेगी ? क्या अखिलेश यादव, मायावती और प्रियंका वाड्रा सभी विपक्षी दल के नेता संयुक्त रूप से एक होकर योगी आदित्यनाथ को लखनऊ के सिंहसन पर बैठने से रोक पाएंगे ? टाइम्स नाऊ, नवभारत के ताजा सर्वे को माना जाए तो उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है और योगी आदित्यनाथ लखनऊ के सिंहसन पर बैठने जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी भाजपा को तगड़ी टक्कर तो दे रही है, लेकिन सरकार बनाने में असफल होती नजर नहीं आ रही है।  

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव पर क्षेत्रवार एक नजर... 

ताजा सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश में प्रदेश की जनता एक बार फिर योगी आदित्यनाथ सरकार बनाकर लखनऊ के सिंहसन पर विराजमान करने का मन बना चुकी है। सूबे में 403 सीटें हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा 230 सीटों से लेकर 249 सीटों पर जीत का परचम लहरा सकती है। समाजवादी पार्टी 137 से लेकर 144 सीटों पर अपना कब्जा जमा सकती है। बहुजन समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में इस बार भी सुधार नजर नहीं आ रहा है। सर्वे के अनुसार बसपा जहां 9 से लेकर 14 सीटों पर सिमट सकती है तो कांग्रेस को 4 से लेकर 6 सीटें पर ही उसे संतोष करना पड़ सकता है। भारतीय जनता पार्टी को 38.6 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं तो समाजवादी पार्टी को 34.4 प्रतिशत वोट मिल सकते है। बहुजन समाजवादी पार्टी को 14.1 प्रतिशत वोट मिल सकता है तो कांग्रेस के हिस्से में 6.1 प्रतिशत ही वोट मिल सकता है और अन्य को 6.8  प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। कांग्रेस से तो बेहतर हालात में अन्य दल हैं, जिन्हें उससे अधिक मतदान प्रतिशत मिलने के आसार दिख रहे हैं। समूचे उत्तर प्रदेश में 90 फीसदी विधानसभाओं में भाजपा और सपा आमने-सामने होंगी। कुछ ही सीटों पर त्रिकोणीय स्थिति बनेगी 

विधानसभा चुनाव-2022 में क्षेत्र वार राजनीतिक दलों की स्थिति... 

सर्वे के अनुसार पश्चिम उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले समाजवादी पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी अभी भी यहां सबसे अधिक सीटें जीतती हुई दिखाई दे रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 97 सीटों में भाजपा 57 से लेकर 60 पर जीत का परचम लहरा सकती है तो सपा 35 से 30 सीटों पर कब्जा जमा सकती है। बसपा को एक और कांग्रेस को एक या दो सीट मिल सकती है। सर्वे के नतीजे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को लेकर इसलिए दिलचस्प हैं, क्योंकि यूपी के इसी हिस्से में किसान आंदोलन का सबसे तगड़ा असर था। इसी नुकसान को केंद्र की मोदी सरकार ने आंकलन किया और तीनों कृषि कानून चुनाव से पहले वापस लेकर किसान आंदोलन को ही खत्म कराकर विपक्ष के हाथ से एक बड़ा मुद्दा छीन लिया है जो तथाकथित किसान नाराज थे और उनके आंदोलन में हिंसा हुई जिस पर मुकदमें दर्ज हुए थे, वह भी खत्म करने का निर्णय लेकर मोदी सरकार ने किसानों के संगठन में भी अपने विरोध के प्रति रार पैदा करते हुए उनमें ही दरार डाल दिया है ऐसे में अब ये भी सवाल उठता है कि क्या कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों की नाराजगी भाजपा सरकार से पूरी तरह खत्म हो गई है।


बुंदेलखंड में भाजपा मजबूत हालत में नजर आ रही है। सर्वे के अनुसार बुंदेलखंड में भाजपा को 14 से 15 सीटें मिलने की संभावना हैं तो सपा को 3 से 5 सीट पर जीत हासिल कर सकती है। बसपा को एक सीट मिल सकती है।कांग्रेस यहां जीरो नजर आ रही है। टाइम्स नाऊ नवभारत का सर्वे कहता है कि रुहेलखंड में भाजपा 30 से 36 सीटों पर अपना कमल का फूल खिला सकती है। सपा 17 से 18 सीटों पर अपनी साईकिल इस कड़ाके की ठंड में दौड़ा सकती हैं। बसपा 1 या 2, कांग्रेस को 1 सीट मिलने की संभावना है। एक तरह से रुहेलखंड में बसपा और कांग्रेस का पत्ता फिर से साफ होता दिख रहा है। अब बात करते हैं अवध क्षेत्र की जहाँ भाजपा 57 से 65 सीटों पर राम के नाम पर कब्जा कर सकती है तो वहीं सपा 31 से 33 सीटों पर साईकिल से सवारी कर लखनऊ विधानसभा पहुँच सकती है। बसपा 3 सीटों पर जीत दर्ज करा सकती है। कांग्रेस भी 2 से 3 सीटों पर जीत की स्थिति में हो सकती है और 1 सीट अन्य के खाते में जाने की संभावना है। 


सेंट्रल यूपी की 35 सीटों की बात करें तो भाजपा को यहां 17 से 21 सीटों पर जीत पर कब्जा कर सकती हैं। सपा 12 से 13 सीटों पर ही सिमटने की उम्मीद है। बासपा, कांग्रेस और अन्य के खातों में 1 सीट रह सकती हैं। पूर्वांचल में कुल 102 सीटें हैं। पूर्वांचल में भाजपा विशेष ध्यान दे रही है। गोरखपुर से लेकर वाराणसी तक भाजपा का शीर्ष नेतृत्व दिन रात एक किया है। मुख्यमंत्री का गढ़ गोरखपुर है तो स्वयं देश के प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी है। उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए तीसरे नम्बर हैं। पीएम मोदी स्वयं चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथ में लिए हैं और अपने सबसे भरोसेमंद सिपाही गृहमंत्री अमित शाह को निगरानी के लिए लगा रखा है। सर्वे के अनुसार भाजपा यहां 49 से 58 सीटों पर जीत का परचम लहरा सकती है। भाजपा को सबसे अधिक सपा ही टक्कर देती नजर आ रही है। सपा पूर्वांचल में 39 से 45 सीटों पर जीतकर का परचम लहराते हुए भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकती है। बसपा 5 से 6 सीटों पर कब्जा कर सकती तो कांग्रेस का यहां आसमान में पतंगबाजी करती नजर आ रही है। 


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