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रविवार, 16 जनवरी 2022

सीतापुर की जेल से आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम हुए रिहा, विधानसभा का लड़ सकते हैं, चुनाव

क्या जेल से रिहा होने के बाद समाजवादी पार्टी आजम खान के बेटे अब्दुल्ला को चुनाव लड़ने के लिये देगी टिकट...???

अब्दुल्ला आजम की हुई सीतापुर जेल से रिहाई...

लखनऊ। कभी समाजवादी पार्टी में दूसरे नम्बर पर अपनी साख बनाये रखने वाले वरिष्ठ नेता रामपुर सांसद आजम खान इन दिनों जेल में है। उनके बेटे अब्दुल्ला भी अपने वालिद आजम खान के साथ जेल गए थे, जिन्हें अदालत ने जमानत दे दिया तो कारागार से उन्हें रिहा कर दिया गया। शनिवार रात लगभग 9 बजे अब्दुल्ला आजम को सीतापुर की जेल से रिहा किया गया। अब्दुल्ला पिछले दो साल से जेल में बंद थे। इनकी रिहाई पहले ही सुनिश्ति हो गई थी, क्योंकि सभी मामलों में जमानत मिल चुकी थी। सीतापुर जेल के बाहर अब्दुल्ला आजम की रिहाई पर न सिर्फ परिवार के लोग पहुंचे थे, बल्कि अब्दुल्ला के समर्थकों की भी भारी भीड़ देखी गयी। अब्दुल्ला जेल से रिहा होने के बाद अपने परिवार और समर्थकों के साथ रामपुर लौट गए हैं। अब्दुल्ला पर लगभग 43 मुकदमे दर्ज थे। उन सभी मुकदमों में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई है। अब्दुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं चाहता हूं कि देश की अदालतें न्याय दें। अब्दुल्ला का ये बयान कहीं न कहीं अपने पिता आजम खान को लेकर था, जो अभी भी जेल में बंद हैं। 


समाजवादी पार्टी में चाहे मुख्यमंत्री मुलायम सिंह रहे हों अथवा उनके स्थान पर उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी अखिलेश यादव रहे हों, सबके कार्यकाल में आजम खान की अपनी अलग फिजा थी पिता और पुत्र की सरकार में आजम जो चाहते थे, वही हुआ करता था। आजम खान के दबाव में कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" को उनके मन पसंदीदा खाद्य रसद विभाग को छिनवा कर उन्हें स्टाम्प एवं निबंधन विभाग दिया गया था। आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर विश्वविद्यालय के लिए उत्तर प्रदेश का राज्यपाल तक बदला गया था। आजम खान पर जौहर विश्वविद्यालय की जमीन को फ्री में देने का मामला बहुत सुर्ख़ियों में उठा था। तभी से लग रहा था कि सत्ता परिवर्तन के बाद आजम खान की खैर न होगी अखिलेश सरकार जाने के बाद भाजपा की योगी सरकार सबसे अधिक आजम खान और उनके परिवार के ऊपर उनके द्वारा किये गए गलत कार्यों की जाँच कराई और उन पर एक के बाद दूसरा एक्शन लिया जाने लगा अब विधानसभा चुनाव से पहले अब्दुल्ला आजम की रिहाई हुई है तो सवाल उठना भी लाजमी है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार मुस्लिम मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को टिकट देकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव चुनाव लड़ाते हैं या नहीं ! 


अब ऐसे में संभावनाएं बहुत जोर पकड़ रही हैं कि समाजवादी पार्टी अब्दुल्ला आजम को विधानसभा के चुनावी दंगल के मैदान में उतार सकती है। आजम खान और अब्दुल्ला आजम वर्ष- 2020 से जेल में बंद हैं। 27 फरवरी, 2020 को उन्हें रामपुर जेल से सीतापुर जेल में शिफ्ट किया गया था। प्रदेश के मुसलमान योगी सरकार से इस बात को लेकर नाराज हैं कि माफियाओं में सिर्फ मुख़्तार अंसारी और अतीक अहमद को टार्गेट किया गया और राजनीतिक रूप से आजम खान जमींदोज करने के लिए योगी सरकार ने बदले की भावना से ओतप्रोत होकर कार्रवाई कर मुस्लिम नेताओं को खत्म करने का प्रयास किया है सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की स्थिति आज प्रदेश के मुसलमानों के दिलोदिमाग में देश के पीएम नरेन्द्र मोदी से भी अधिक खतरनाक है इसलिए योगी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए इस बार विधानसभा चुनाव में प्रदेश के मुसलमान एकजुट होकर अपना मत देने का मन मना लिया है, शर्त बस यही है कि किस विधानसभा से किस दल का उम्मीदवार भाजपा के उम्मीदवार को पटखनी देने की स्थिति में है प्रदेश के मुसलमानों को राजनीतिक दलों से मोहमाया नहीं है उसका महज एक फार्मूला है कि जो भाजपा को हरायेगा वह उस पार्टी के उम्मीदवार के साथ रहेगा, ताकि योगी सरकार का खात्मा हो सके   


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