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शनिवार, 29 जनवरी 2022

विधानसभा चुनाव-2022 : समाजवादी पार्टी ने गठबंधन दल में शामिल अपनादल (कमेरावादी) कृष्णा पटेल को मिली सात सीटें, प्रतापगढ़

प्रतापगढ़ सदर की सीट पर अब भाजपा और अपना दल एस के बीच हुए गठबंधन में हो सकता है,बदलाव...

समाजवादी पार्टी और अपना दल (कमेरावादी)में सीटों को लेकर हुआ फैसला...
लखनऊ। गठबंधन दलों के दबाव के आगे आखिरकार समाजवादी पार्टी ने अपनी सहयोगी पार्टी अपनादल "कमेरावादी" को उसके मन मुताविक कुल सात सीट देकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। अपनादल "कमेरावादी" को जो सीटें मिली हैं, वह वाराणसी की रोहनिया और पिण्डरा, मीरजापुर की मड़िहान, जौनपुर की मडियाहू, सोनभद्र की घोरावल, प्रयागराज की इलाहाबाद-पश्चिमी एवं प्रतापगढ़ की सदर विधानसभा सीट है जिन सीटों को समाजवादी पार्टी ने अपनादल "कमेरावादी" के खाते में दिया वह पटेल यानि कुर्मी बाहुल्य क्षेत्र वाली सीटें हैं पचास फीसदी इन्हीं सीटों पर भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी अपनादल एस से उसका गठबंधन हुआ है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अनुप्रिया पटेल...
मजेदार बात यह है कि समाजवादी पार्टी अपनी सहयोगी पार्टी अपनादल "कमेरावादी" को वही सीटें दी हैं, जहाँ भाजपा ने अपनी सहयोगी पार्टी अपनादल एस को गठबंधन में सीटें दी हैं अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भाजपा अपनी सहयोगी पार्टी अपनादल एस से उन सीटों पर हुए गठबंधन में बदलाव कर स्वयं लड़ती है और उसके बदले अपनादल एस को दूसरी विधानसभा में अर्जेस्ट कर नया दांव चलती हैराजनीतिक पंडितों का कहना है कि अपना दल एस और अपना दल "कमेरावादी" दोनों के उम्मीदवार एक ही विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे तो मतदाताओं में बहुत असमंजस की स्थिति पैदा होगी, जो दोनों दलों को नुकसान दे सकती है और उसका फायदा तीसरी पार्टी के उम्मीदवार उठा सकते हैं

अमित शाह और अनुप्रिया पटेल साथ में हैं पति आशीष सिंह एवं BJP अध्यक्ष JP नड्डा...
ऐसे में भाजपा अपनी सहयोगी पार्टी अपनादल एस के साथ नए सिरे से गठबंधन पर विचार करते हुए उसे दूसरे विधानसभा के लिए राजी कर सकती है क्योंकि भाजपा नहीं चाहती कि उसकी सहयोगी पार्टियों को चुनाव में नुकसान हो और सरकार बनाने में उसे अनायास मुश्किलों का सामना करना पड़े वाराणसी की रोहनिया वह सीट है जहाँ से अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल चुनाव जीती थी और मीरजापुर से सांसद निर्वाचित होने के बाद जब विधानसभा सदस्य पद से त्यागपत्र दिया और भाजपा की योगी सरकार में उसी रोहनिया विधानसभा सीट पर अनुप्रिया पटेल की माँ अपना दल से उम्मीदवार बनी और बुरी तरह परास्त हुई थी। उस चुनाव में सपा और बसपा का गठबंधन हुआ था और भाजपा व अपना दल का गठबंधन उसके आगे उप चुनाव में धड़ाम हो गया

पार्टी के विधायकों संग बैठक करती अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल...
वर्ष-2014 के चुनाव में भाजपा और अपना दल से कुंवर हरिवंश सिंह उम्मीदवार बने और वर्ष-2016 में माँ-बेटी की लड़ाई में अपनादल दो खंडों में विभाजित हो गया भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बहुत ही चालाकी के साथ फूलपुर के जवाहर पटेल के नाम अपना दल एस का रजिस्ट्रेशन निर्वाचन आयोग में करा दिया और अपना दल को फ्रीज करा दिया इस तरह माँ कृष्णा पटेल और बेटी अनुप्रिया पटेल की राह जुदा हो गई जब वर्ष- 2017 में अपना दल एस अस्तित्व में आया तो भाजपा ने अपना दल एस से गठबंधन करते हुए प्रतापगढ़ संसदीय सीट से गठबंधन बहाल कराते हुए अपना दल एस को सोनभद्र सीट देकर अपना दल एस से विधायक रहे संगम लाल गुप्ता को भाजपा ने वर्ष- 2019 में अपना उम्मीदवार बनाया और संगम लाल गुप्ता प्रतापगढ़ के सांसद निर्वाचित हुए उसी तरह प्रतापगढ़ विधानसभा सीट को भाजपा अब अपना दल एस के खाते से लेकर स्वयं अपना उम्मीदवार उतारकर चुनाव लड़ाएगी। हो सकता है कि रानीगंज विधानसभा को भाजपा अपना दल एस के खाते में देकर यहाँ से प्रो. शिवकांत ओझा को उम्मीदवार बनवाकर सेटिंग विधायक धीरज ओझा की कुछ नाराजगी दूर करने का प्रयास करे और यह भाजपा की एक रणनीति का हिस्सा भी हो सकती है

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