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शनिवार, 18 दिसंबर 2021

प्रयागराज से मेरठ गंगा एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर से लखनऊ पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बन जाने से समूचे प्रदेश का हो सकेगा,समग्र विकास

उत्तर प्रदेश के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक रहा, गंगा एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास के साथ उत्तर प्रदेश और पूरे देश को सबसे बड़ी सौगात मिली, मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण से विकास के नए द्वार खुलेंगे- पीएम मोदी


पहले की सरकारों ने विकास नहीं किया,सिर्फ अपनी तिजोरियों को भरा-पीएम मोदी...

शाहजहांपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे की दोपहर लगभग एक बजे आधार शिला रखेंगे। आपको पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में जानने की जरूरत है। इससे देश में कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देने में काफी मदद मिलने वाली है। पीएमओ की तरफ से जारी किए गए बयान के अनुसार ये औद्योगिक विकास, व्यापार, संस्कृति, पर्यटन आदि सहित कई क्षेत्रों को भी बढ़ावा देगा। क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को एक बड़ा बढ़ावा देगा और साथ ही स्थानीय लोगों के लिए कनेक्टिविटी के अलावा ये एक औद्योगिक गलियारा भी होगा। आइए एक नजर डालें गंगा एक्सप्रेस-वे की खूबियों पर आपको बता दें कि गंगा एक्सप्रेस-वे छह लेन होगा और ये 594 किलोमीटर लंबा है। इसे 36,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाएगा।


पश्चिमी यूपी में विकास को मिलेगी रफ्तार,जानें गंगा एक्सप्रेस-वे की हर खूबी...

इस एक्सप्रेस-वे की शुरुआत मेरठ के बिजौली गांव से होगी और प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव के पास खत्म होगा। ये गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। मौजूदा समय में ये रिकॉर्ड पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के पास है। पूर्वांचल एक्सप्रेस के जरिये लखनऊ से गाजीपुर तक जिस तरह 9 शहर जुड़ेंगे, ठीक उसी तरह गंगा एक्सप्रेस-वे से मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। जिससे उत्तर प्रदेश का 12 जिले सीधे गंगा एक्सप्रेस-वे से जुड़ सकेंगे।  इस एक्सप्रेस-वे पर भी भारतीय वायु सेना के विमानों के आपातकालीन टेक-ऑफ और लैंडिंग में सहायता के लिए 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी शामिल होगी। इस क्रम में हालिया पूर्वांचल एक्सप्रेस को भी इसी खूबी की तर्ज पर निर्मित किया गया है गंगा एक्सप्रेस-वे को 26 नवंबर, 2020 को मंजूरी दी गई थी। ये एक्सप्रेस-वे 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। 


जिस तरह 341 किमी लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ से होते हुए बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर गुजरेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और लखनऊ से आगरा एक्सप्रेस-वे और आगरा से नोयडा जमुना एक्सप्रेस-वे के जरिए दिल्ली से यूपी के पूर्वी गोरखपुर और गांजीपुर के कोने तक 10 घंटे के अंदर पहुंचा जा सकता है। ठीक उसी तरह गंगा एक्सप्रेस-वे से मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। जिससे उत्तर प्रदेश का 12 जिले सीधे गंगा एक्सप्रेस-वे से जुड़ सकेंगे। इस तरह उत्तर प्रदेश में अब एक्सप्रेस-वे का जाल बिछ जायेगा और पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पूर्वांचल के दोनों सिरे से जुड़ जाने से समूचे प्रदेश का समग्र विकास हो सकेगा। जिस तरह देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित अटल बिहारी बाजपेयी ने 20 साल पहले देश को स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क देकर देश का विकास किया था, ठीक वैसे ही एक्सप्रेस-वे के निर्माण से देश का कायाकल्प हो सकेगा। 
 

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