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रविवार, 26 दिसंबर 2021

सांसद संगम लाल गुप्ता ने किया दावा कि उनसे बात करके उन्हें किसी मामले में कोई आईएएस व आईपीएस पछाड़ दिया तो सांसद दे देंगे अपने पद से इस्तीफा

प्रतापगढ़ सांसद संगमलाल गुप्ता ने बुजुर्गों की कहावत को किया चरितार्थ सौ पढ़ा, न एक प्रतापगढ़ा...

सांसद संगम लाल गुप्ता ने किया दावा कि उनसे बात करके उन्हें किसी मामले में कोई आईएएस व आईपीएस पछाड़ दे तो वह सांसद पद से दे देंगे इस्तीफा। अनपढ़ और अशिक्षित सांसद संगम लाल गुप्ता ने सिद्ध कर दिया कि वह कितने बुद्धिजीवी ब्यक्ति हैं ? इसी बुद्धिमत्ता से कंधई थानाध्यक्ष संजय शर्मा ने इन्हें चोर कहा था। उस समय उस थानाध्यक्ष का जवाब नहीं दे सके। उल्टे ऑडियो जारी कर बची-खुची इज्जत भी अपनी तार-तार करने का कार्य किया था। तत्कालीन जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही इनसे मिलते नहीं थे तो प्रोटोकॉल का हवाला देकर सत्र काल में संसद भवन में विशेषाधिकार की कार्यवाही की माँग यही संगम लाल गुप्ता ने किया था। औकात इनकी इतनी कि यह अपने साथी सांसद विनोद सोनकर का लेटरपैड भी अपने सहयोग में लगाया। फिर भी जिलाधिकारी को हटवा न सके। फिर किस मुँह से IAS और IPS से तर्क करने की चुनौती संगम लाल गुप्ता ने दिया है...???

संगम लाल गुप्ता सांसद प्रतापगढ़ अनपढ़ हैं,यह बात उन्होंने सिद्ध कर दिया... 

प्रतापगढ़ के लोगों के लिए यह कहा गया है कि "सौ पढ़ा न एक प्रतापगढ़, जे तनिकऊ पढ़ा वह दईयऊ से बढ़ा" आज प्रतापगढ़ के सांसद ने प्रतापगढ़ की इस कहावत को चरितार्थ कर दिया। प्रतापगढ़ के लोग सांसद संगम लाल गुप्ता की योग्यता पर सवाल उठाते रहे हैं और उन्हें अशिक्षित कहते रहे, जो उन्हें रास नहीं आता था मन ही मन वो इस बात की टीस अपने अन्दर दबाकर रखते थे कि लोग उन्हें अशिक्षत और अनपढ़ क्यों समझते हैं ? अब संगम लाल गुप्ता को कौन समझाए कि लक्ष्मी और सरस्वती में यही अन्तर है कि लक्ष्मी सबके घर जाती हैं और सरस्वती सबके घर नहीं जाती ! यदि अशिक्षित और अनपढ़ ब्यक्ति पढ़ा लिखा ब्यक्ति के बराबर हो सकता है तो संगम लाल गुप्ता को अपने बेटे और बेटी को शिक्षित करने की क्या जरूरत थी ? उन्हें भी वह अपनी तरह अशिक्षित और अनपढ़ ही रखते। सनाग्म लाल गुप्ता कबीरदास जी बनना चाहते हैं। परन्तु कबीरदास जी तो मसि कागज छुओ नहीं कलम गहि नहीं हाथ वाले थे। उनके शिष्यों ने उनकी रचनाओं को लिपिबद्ध किया था। कबीरदास बनना आसान नहीं !  

सांगीपुर में ऐसे ही बड़बोलेपन की वजह से सांसद संगम लाल को देखने पड़े थे,ये दिन...

लोग कहते हैं कि सांसद अशिक्षित है, मैं कांफिडेंस से कहता हूं कि कोई कितना भी पढ़ा लिखा क्यों न हो, परन्तु वह मुझसे बात नहीं कर सकता। ये बातें आज वह एक सार्वजानिक आयोजन में सांसद संगम लाल गुप्ता ने माइक पर कह डाला। भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता मंच से कहा कि कोई भी आईएएस हो या आईपीएस हो अथवा कितना भी पढ़ा लिखा हो ! वह मेरे सामने बैठकर बात कर ले तो मैं अपने पद से दे दूँगा इस्तीफा। सांसद ने आईटीआई परिसर में आयोजित कर्यक्रम में मंच से दिया बात करने का चैलेंज। सांसद का बयान थोड़ी ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। सांसद संगम लाल गुप्ता अपने सामने कुर्सियों पर बैठे जनसमूह को देखकर मंच से ही आईएएस व आईपीएस को खुली चुनौती दे डाला जिस देश व प्रदेश में बिन योग्यता के शिक्षा मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री होते हैं, उसी पंक्ति में सांसद संगम लाल गुप्ता भी शामिल हो गए बिन मैट्रिक परीक्षा पास किये ही अपने बड़बोलेपन में आईएएस व आईपीएस से अपनी तुलना कर डाले। भाजपा के ऐसे सांसद जो जीवित व्यक्ति को श्रद्धांजलि दे चुके हों और सोशल मीडिया पर पोस्ट भी वायरल हुई हो, फिर भी सांसद संगम लाल गुप्ता अपनी तुलना पढ़े-लिखे ब्यक्ति से करके आज अपनी और फजीहत करा डाली 


सवाल यह उठता है कि प्रतापगढ़ के यह सांसद न जाने किस नर्सरी से शिक्षा ग्रहण किये हैं वर्ष-2017 में जब विधानसभा के सदस्य लिए सांसद अपना नामांकन प्रपत्र भरवा रहे थे तो पूँछने पर कान में नामांकन भरने वाले से कहा था कि वह कक्षा 8 फेल हैं, परन्तु नामांकन में कक्षा 8 पास ही लिख दिया जाए दो साल में ही धनबल और भाग्य के बल पर विधायक से सांसद बनने वाले सांसद संगम लाल गुप्ता का कम्पटीशन देकर आईएएस और आईपीएस बनने वाले से अपनी तुलना करना अमर्यादित रहा। एक अशिक्षित अनपढ़ सांसद देश के आईएएस और आईपीएस को बहस करने की खुली चुनौती दे रहा है। प्रतापगढ़ के बड़बोले सांसद संगम लाल गुप्ता स्वयं को चाणक्य से भी ज्यादा ज्ञानी समझते हैं सांसद के द्वारा कराए जाने वाली योजनाओं एवं अपना निर्वाचन क्षेत्र के भौगोलिक क्षेत्र की जानकारी न होने के बावजूद संगम लाल गुप्ता आईएएस और आईपीएस को खुले मंच से चुनौती देना उनकी अज्ञानता का परिचायक है ये वही सांसद हैं जो संसद सत्र में जो भाषण देते हैं तो उसकी स्क्रिप्ट किसी से लिखवाकर ले जाते हैं और उसे देखकर पढ़ते हैं बिना देखे जो अपनी बात तक न कह सके, वह आईएएस और आईपीएस से अपनी तुलना करने की धृष्टता करे ऐसी गलती कोई अशिक्षित अनपढ़ ब्यक्ति ही कर सकता है अब सांसद कक्षा आठ पास हैं तो उनसे प्रतापगढ़ वालों को ऐसी ही उम्मीद करना चाहिए 


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