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बुधवार, 8 दिसंबर 2021

योगी सरकार में प्रतापगढ़ जनपद में पुलिस महकमें में चलता है, समाजवादी नेताओं का सिक्का, भाजपा नेताओं की नहीं होती कोई सुनवाई

हाईकोर्ट खंडपीठ लखनऊ और जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के आदेश के बाद भी 11माद बीत जाने के बाद अभी तक थाना- कोंहडौर में दर्ज मुकदमें की अद्तन स्थिति की सुस्पष्ट आख्या एसपी प्रतापगढ़ द्वारा नहीं दी गई,कल है जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के न्यायालय में निरस्तीकरण प्रकरण में तारीख

डीएम प्रतापगढ़ के आदेश को एसपी प्रतापगढ़ नहीं देते कोई तवज्जों...

जानमाल की सुरक्षा हेतु देश के नागरिकों को जिलाधिकारी द्वारा उसे शस्त्र लाइसेंस दिए जाने की ब्यवस्था नागरिकों के मौलिक अधिकारों में उसे प्रदान की गई है। शस्त्र लाइसेंस के आवेदक के अपराध और उसके चरित्र के सत्यापन हेतु पुलिस थाना, राजस्व विभाग सहित DCRB से भी रिपोर्ट लगती है, परन्तु सत्ता की हनक वाले आवेदक इन व्यवस्थाओं से ऊपर उठकर अपनी रिपोर्ट अपने ढंग से लगवाकर शस्त्र प्राप्त कर लेते हैं। ऐसा ही एक प्रकरण कोतवाली नगर के सहोदरपुर पूर्वी के फेंक पते से सपा के जिला महासचिव रमेश कुमार यादव ने झूठा हलफनामा देकर और अपना मूल पता एवं अपराध छिपाकर शस्त्र लाईसेंस प्राप्त कर लिया। जबकि रमेश कुमार यादव मूलतः लाखीपुर बोझवा, पोस्ट बाँसुपुर, थाना-कोंहडौर, तहसील-पट्टी, जनपद-प्रतापगढ़ का है और पूर्व विधायक नागेन्द्र सिंह उर्फ मुन्ना यादव का स्वयंभू रिश्तेदार है। यह शस्त्र लाइसेंस रमेश कुमार यादव पूर्व विधायक राम लखन यादव के दबाव और प्रभाव में लिया था


थाना कोंहडौर में रमेश कुमार यादव पुत्र स्व जगन्नाथ यादव के विरुद्ध अपराध पंजीकृत था,सो उन्होंने सपा सरकार में अपनी राजनीतिक पहुँच के बल पर वर्ष- 1995 में कोतवाली नगर के पूर्वी सहोदरपुर से शस्त्र लाईसेंस प्राप्त करने में सफल रहा। सवाल ये उठता है कि इतनी व्यवस्था में सेंधमारी कर कोई कैसे झूठा शपथपत्र देकर शस्त्र लाईसेंस प्राप्त कर लेता है ? जनपद प्रतापगढ़ में अकेले कोतवाली नगर से किराएदार बनकर माफियाओं के गुर्गों ने अपने आका से शस्त्र लाईसेंस करा लिया था, जिसकी दो दशक पहले जाँच हुई तो तत्कालीन नगर कोतवाल की गर्दन भी फंसी थी जो बाद में आदतन ठंडे बस्ते में चली गई। देश में मामले तो बहुत अधिक ओपेन होते हैं और देश की जाँच एजेसियां बड़े विश्वास के साथ कहती हैं कि बहुत इमानदारी के साथ जाँच होगी और निष्पक्ष कार्रवाई का भी भरोसा दिलाया जाता है। जाँच कब पूरी हो जाती है यह किसी को आभास ही नहीं हो पाता ? जाँच बाद जब पता चलता है कि अमुक मामले में जाँच एजेंसी द्वारा क्लीन चिट दे दी गई तो जाँच एजेंसी से भरोसा उठ जाता है


शिकायतकर्ता लल्लूराम गुप्ता निवासी ग्राम- लाखीपुर (बोझवा) थाना- कोंहडौर, जनपद-प्रतापगढ़ का है। जिसकी शिकायत पर रमेश कुमार यादव पुत्र स्व जगन्नाथ यादव निवासी ग्राम- लाखीपुर (बोझवा) थाना- कोंहडौर, जनपद-प्रतापगढ़ के शस्त्र लाइसेंस को निरस्त करने के लिए न्यायालय जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के यहाँ से दिनांक- 29 जनवरी, 2021 को शीर्ष प्राथमिकता/समयबद्ध अनुस्मारक पत्र पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़ को प्रेषित किया गया था, जिसमें स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया था कि 19 मार्च, 2021 तक थाना- कोंहडौर से सुस्पष्ट आख्या भेजे। शिकायतकर्ता के द्वारा पहले जिलाधिकारी प्रतापगढ़ से रमेश कुमार यादव के शस्त्र लाइसेंस को निरस्त करने की फरियाद की गयी थी, क्योंकि रमेश कुमार यादव थाना- कोंहडौर में दर्ज मुकदमें को छिपाकर कोतवाली नगर के फेंक पते पर एक डबल नाल की बन्दूक का लाइसेंस ले लिया है। परन्तु जिलाधिकारी प्रतापगढ़ ने उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया तो मजबूर होकर शिकायतकर्ता माननीय उच्च न्यायलय खंडपीठ लखनऊ में एक रिट याचिका दाखिल की थी


जब कभी कोई मामला माननीय हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया जाता है तो सिस्टम में बैठे आला अफसरों द्वारा झूठा हलफनामा देकर मामले को निपटाने का प्रयास किया जाता है। इस मामले में भी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की तरफ से हाईकोर्ट ने हाजिर होकर कहा गया था कि शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया अपनाई गई है। जबकि हकीकत यह है कि जिलाधिकारी प्रतापगढ़ की तरफ से विगत 3 साल से रमेश कुमार यादव के मामले में सिर्फ थाना- कोंहडौर से सुस्पष्ट आख्या माँगी गई जो अब तक थाना- कोंहडौर से प्राप्त नहीं कराई जा सकी। सिर्फ नोटिस जारी कर शस्त्र लाइसेंस को 3 माह के लिए निलम्बित किया गया था और शस्त्र को जमा करने के लिए निर्देशित किया गया था। रमेश कुमार यादव समाजवादी पार्टी का नेता है और अपने ही पार्टी के एक नेता संजीव कुमार गुप्त उर्फ़ सोना के दशरथ आर्म्स ट्रेजरी चौराहा प्रतापगढ़ की दुकान पर अपनी डबल नाल की बन्दूक जमा कराकर उसकी रसीद ले लिया और असल में डबल नाल की बन्दूक को रमेश कुमार यादव जमा नहीं किया। सिर्फ कागज़ पर जमाकर सिस्टम को चकमा देने का कार्य कर रहा है।


सिस्टम भी गांधी जी के तीन बंदर सरीखे कार्य कर रहा है। थाना- कोंहडौर की पुलिस और वहाँ के थानाध्यक्ष, सपा नेता रमेश कुमार यादव के प्रभाव में रहते हैं। तभी तो हाईकोर्ट के आदेश और जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के आदेश के बाद भी 11 माद बीत जाने के बाद अभी तक थाना- कोंहडौर में दर्ज मुकदमें की अद्तन स्थिति की सुस्पष्ट आख्या जो माँगी गई थी, वह आज की तिथि तक अप्राप्त है। उक्त प्रकरण में जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के न्यायलय में 9 दिसम्बर, 2021 की तिथि नियत की गई है। प्रार्थी की फरियाद है कि पुलिस अधीक्षक को निर्देशित करें कि किसी भी दशा में रमेश कुमार यादव के शस्त्र लाइसेंस के प्रकरण में बिना देर किये जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के न्यायालय में अपनी आख्या प्रेषित करें, जिससे प्रकरण का निस्तारण हो सके और तथ्यों को छिपाकर शस्त्र लाइसेंस लेने वाले सपाई नेता रमेश कुमार यादव का शस्त्र लाइसेंस निरस्त किया जा सके। साथ ही रमेश कुमार यादव के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज किया जा सके और उन्हें कानून के मुताविक दंडित किया सके।

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