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शनिवार, 30 अप्रैल 2016

घोटाले और भ्रष्टाचार के कारण कांग्रेस सत्ता गवांती जा रही है, फिर भी आँखे नहीं खुल रही हैं

नेताजी ये पब्लिक है,सब जानती है...!!!

वेशर्मी की सारे हदे पार...
 
आज जिला योजना की बैठक में कांग्रेसी नेता प्रमोद कुमार सांसद, राज्य सभा (सपा कोटे से) शामिल हुए दोपहर बाद उनकी जिला मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया हर बार की तरह प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से सवाल पर सवाल प्रमोद कुमार खुद दाग रहे थे ऐसा लग रहा था कि मानों पत्रकार प्रमोद कुमार हों और पत्रकारगण प्रेस कांफ्रेंस के आयोजक। प्रमोद कुमार पत्रकारों से सवाल पर सवाल इसलिए दाग रहे थे ताकि पत्रकारगण उनसे कम से कम सवाल करें और वो उसमें कम से कम फंसे। एक राज्य सभा सदस्य जिसको संसद भवन में सवाल करने का अधिकार मिलता है, वो वहां सवाल न कर मीडिया के माध्यम से सवाल करे वो भी उस वक्त जब वर्तमान में बजट सत्र पार्ट-2 चल रहा हो। बेहतर तो ये होता कि कांग्रेस के काबिल नेता ये सवाल वहाँ दागते, जहाँ इन्हें दागने के लिए उचित स्थान दिया गया है वहां इनकी बोलती बंद हो जाती है, क्या....??? 

लालू प्रसाद यादव जैसे भ्रष्टाचारी को सोनिया गांधी ने खुलेआम दिया था,संरक्षण...

क्या पत्रकारों के सामने ही इनका फंसा गला खुलता है...? पूरी कांग्रेस जो घोटालों की दलदल में फंसी हुई है...!!! कोयले घोटाला जब प्रकाश में आया था तब भी तत्कालीन वित्तमंत्री/गृहमंत्री रहे पी. चिदम्बरम और कानून मंत्री रहे कपिल सिब्बल ने दलील दिया था कि कोल घोटाला में कोई घोटाला हुआ ही नहीं। वो तो जीरों लास का मामला रहा टू जी स्पेक्ट्रम में भी वेशर्म कांग्रेस के नेता घोटाला न होने की दलील दे रहे थे और इसी तरह आरोप लगा रहे थे कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में दूर संचार मंत्री रहे प्रमोद महाजन के समय का ये घोटाला है इसमें भाजपा नेताओं का  हाथ था, ये घोटाला तो बाजपेयी सरकार की देन थी। वेशर्मी की हद कर दी है, कांग्रेसी नेताओं ने ! अपनी गर्दन का फंदा दूसरे के गले में कैसे फंसाया जाए, ये कोई कांग्रेसी नेताओं से सीखे। 

कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी 10वर्षों तक डॉ मनमोहन सिंह को ऐसे बना रखा था,बंधक...

आदर्श घोटाले में कांग्रेस के 3 मुख्यमंत्री के हाथ होने और तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चौव्हाण को आरोपी बनाया गया है बाम्बे हाईकोर्ट ने आदर्श सोसाइटी को अवैध करार दिया है और उसका ध्वस्तीकरण का आदेश भी दे दिया है। कांग्रेसी नेताओं को अब भी शर्म नहीं आ रही है कि घोटाले और भ्रष्टाचार के कारण केंद्र की सत्ता हाथ से चली गई। महाराष्ट्र और हरियाणा में 15 वर्ष से लगातार सत्ता में रहने वाली कांग्रेसी सरकार घोटाले और भ्रष्टाचार के कारण चली गई। कोल आवंटन में देश के प्रधानमंत्री तक तलब हुए किसी तरह सुप्रीम कोर्ट से देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह की इज्जत बची। कोल आवंटन में तत्कालीन प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का हाथ नहीं बल्कि मुंह काला होने का आरोप लगा था। चूंकि शिबू शोरेन के बाद कोयला मंत्रालय प्रधानमंत्री के अधीन रहा। अब भी कांग्रेसियों की आँखे नहीं खुल रही है। अपनी नाकामी को दूसरों के हवाले करने की इन्हें लाईलाज बीमारी हो गई है। 


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