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शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021

बीडीए ने ड्रग्स माफिया के रिश्तेदार की कोठी को अवैध निर्माण बिना नक्शा पास कराने की बात करके बुलडोजर से कर दिया जमींदोज

सच बात तो यह है कि ये अधिकारी ही धन लेकर बिना मानचित्र स्वीकृत किये ही निर्माण कराते हैं और जब मामला फंसता है तो ये दूध के धुले हो जाते हैं, ये चिकने घड़े हैं, इनका कोई दोष नहीं...

बीडीए ने ड्रग्स माफिया के रिश्तेदार की कोठी पर चलाया बुलडोजर...

उत्तर प्रदेश के झुमका गिरने वाली बाजार बरेली में गुरुवार की सुबह एक और ड्रग्स माफिया के रिश्तेदार की कोठी को बरेली डेवलपमेंट अथॉरिटी की टीम ने जेसीबी से जमींदोज कर दिया। इस दौरान कुछ लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन पुलिस की मौजूदगी में कुछ ही देर में लोग शांत हो गए। इससे पहले भी बीडीए ने कई तस्करों की कोठी, शादी हॉल और मार्केट को ध्वस्त किया है। चलिए थोड़ी देर के लिए यह मान लेते हैं कि यह निर्माण नियम विरुद्ध बिना मानचित्र स्वीकृत कराए ही भवन स्वामी ने बनाये थे। जब यह निर्माण भवन स्वामी द्वारा कराया जा रहा था तो सवाल उठता है कि क्या सिस्टम में बैठे लोग कुंभकर्णी नींद में सोये हुए थे ? यदि सोये हुए थे तो उनकी भी जवाबदेही तय होनी चाहिए कि अवैध निर्माण बिना मानचित्र स्वीकृत कराये ही कैसे हो गया ? उन्हें भी दंड मिलना चाहिए जैसे भवन स्वामी के भवन को अवैध निर्माण बताकर उनकी बिल्डिंग्स को जमींदोंज किया गया, वैसे ही बीडीए के अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि उक्त अवैध निर्माण बिना विभागीय मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता। इसलिए विभागीय अधिकारियों की सत्यनिष्ठा संदेह के दायरे में है।   


प्राप्त जानकारी के अनुसार बरेली-शाहजहांपुर रोड पर कैंट थाना क्षेत्र के उमरिया में फरीदपुर थाना क्षेत्र के पंडेरा गांव के रहने वाले ड्रग्स माफिया शाहिद उर्फ छोटे के साले अशफाक की आलीशान कोठी है। शाहिद उर्फ छोटे ने खुद के साथ-साथ अपने रिश्तेदारों को भी ड्रग्स कारोबार से अकूत संपत्ति अर्जित की है। शाहिद उर्फ छोटे ने पकड़े जाने के बाद 25 लोगों के नामों का खुलासा किया था। इसमें उसका स्मैक की तस्करी करने वाला साला अशफाक भी था। इसके चलते अशफाक की जांच की गई। जांच में अकूत संपत्ति के साथ ही ड्रग्स के कारोबार से जुड़े होने की बात सामने आई। इसके बाद बीडीए ने उमरिया रोड स्थित कोठी को नोटिस जारी की थी। इस कारण गुरुवार सुबह बीडीए के सहायक अभियंता अनिल कुमार, अवर अभियंता मोहम्मद बाकर, सुनील कुमार गुप्ता, अजय कुमार शर्मा थाना कैंट पुलिस और पीएसी की मौजूदगी में कोठी ध्वस्त करने पहुंची। टीम ने जेसीबी से कुछ ही देर में कोठी को ध्वस्त कर दिया। कोठी तो ध्वस्त हो गई, परन्तु जवाबदेही तय नहीं की गई। यह यक्ष प्रश्न मन में अनेक सवाल पैदा करता है कि सिस्टम में बैठे लोगों की जवाबदेही कब तय होगी या सबकुछ ऐसा ही चलता रहेगा।  


इससे पहले बीडीए इस्लाम की पत्नी शाहिदा की ख्वाजा मस्जिद के निकट 150 वर्ग गज के दो मंजिला मकान पर गिरा चुकी है। यहीं नहीं इसके पहले वहीं 10 बीघा बड़ा बाईपास की ग्रीन लैंड की बाउंड्री वाल को तोड़ा गया था। रामपुर रोड पर सात दुकानों का मार्केट ध्वस्त कर चुकी है। सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन, पुलिस और बीडीए ड्रग्स माफियाओं की संपत्ति की तलाश में जुटा हुआ है। इनकी संपत्ति निशाने पर है। इसमें कुछ बड़ी-बड़ी कोठी और भवन भी हैं। इनको भी जल्द ही जेसीबी से ध्वस्त किया जाएगा। बीडीए ने ड्रग्स माफिया के रिश्तेदार की कोठी जमींदोज कर यह संदेश देने का प्रयास किया है कि बिना नक्शा पास कराए पक्के भवन का निर्माण यदि कराया गया है वह नियम विरुद्ध है और उसको तोड़ने में कोई परहेज नहीं किया जा सकता। सवाल उठता है कि बरेली विकास प्राधिकरण यानि बीडीए के अधिकारी उस समय कहाँ सो रहे थे, जब ये अवैध निर्माण बिना मानचित्र स्वीकृत कराये किया जा रहा था। सच बात तो यह है कि ये अधिकारी ही धन लेकर ये निर्माण कराते हैं और जब मामला फंसता है तो ये दूध के धुले हो जाते हैं। ये चिकने घड़े हैं। इनका कोई दोष नहीं है।    


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