देवतुल्य जनता की कृपा से डॉ आर के वर्मा बन गए माननीय,विधायक बनने के बाद भी नहीं हुआ सामाजिक ज्ञान
अपना दल एस के बागी विधायक डॉ आर के वर्मा के बिगड़े बोल। महात्मा गांधी के राष्ट्रपिता होने पर उठाया सवाल। लौह पुरुष सरदार पटेल ने सैकड़ो रियासतों को एक करके भारत को अखण्ड बनाया। सरदार पटेल को राष्ट्रपिता का दर्जा न देकर महात्मा गांधी को क्यों दिया गया ? इतिहास के पन्नो को कई बार पलटा फिर भी समझ नहीं आया। विश्वनाथगंज के विधायक डॉ आर के वर्मा ने भाजपा पर भी जमकर प्रहार किया। योगी बाबा और उनके सांड को आगामी विधानसभा चुनाव वर्ष- 2022 में भगाकर, सपा की सरकार बनानी है। भाजपा की इस बार जमानत जब्त होगी। पढ़े लिखे बकलोल विधायक का भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
जैसे-जैसे सूबे में चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे- वैसे विधायकों और मंत्रियों सहित राजनीतिक दलों के बोल बचन बिगड़ने लगे हैं। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मान्धाता थाना के होला का पुरवा गांव में आयोजित कार्यक्रम में विधायक डॉ आर के वर्मा जनसभा को सम्बोधित करते हुए अचानक बहक गए। वैसे सच तो यह है कि दूसरी बार भाजपा के सहयोग से अपना दल एस के सिंबल से चुनाव लड़कर विश्वनाथगंज के विधायक डॉ आर के वर्मा विधायक तो बन गए। परन्तु वो आज भी परिपक्व विधायक न हो सके। उन्हें इस बार विश्वनाथगंज का अदना सा ब्यक्ति सीरियस नहीं ले रहा है। जो बची खुची क्रेज डॉ आर के वर्मा की थी, वह सत्ता की चाह में समाजवादी पार्टी की टोपी पहनते ही उनके प्रति लोगों में एक विधायक की भी धारणा खत्म हो गई।
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