भ्रष्ट शिक्षा विभाग की लचर ब्यवस्था के आगे शिक्षक कर रहे हैं,अपने कर्तब्यों के प्रति अनदेखी
पच्चीस फीसदी शिक्षक और शिक्षिका घर बैठकर ले रही हैं,मोटी पगार और बच्चे स्कूल में जप रहे योगी और मोदी की माला
प्रतापगढ़। सरकार शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए भले ही लाख जतन कर रही हो, किन्तु जुआड़ प्रधान देश में हर कार्य रिश्वत देने पर हो जाता है। इस अर्थवादी युग में भ्रष्ट अधिकारियों के सिर पर रिश्वत का भूत चढ़कर बोलता है। लक्ष्मणपुर विकास खण्ड क्षेत्र के खरगपुर मुस्लिम बस्ती में स्थित सविलित उच्च प्राथमिक विद्यालय का कुछ ऐसा ही नजारा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कृपा पर यहां तैनात अध्यापिका कागज पर ड्यूटी कर रही हैं। सबकुछ जानते हुए भी शिक्षा विभाग के अधिकारी उन पर कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। अध्यापिका द्वारा किए गए जुआड़ू व्यवस्था के आगे सारे अधिकारी बेबस हैं।
योगी सरकार में नहीं सुधर सकी बेसिक शिक्षा विभाग की स्थिति... |
यहां तैनात एक ऐसी अध्यापिका हैं जो सप्ताह में एक या दो ही दिन आती हैं। आने पर सप्ताह भर का हस्ताक्षर एक साथ करके अपनी मोबाइल में उपस्थिति रजिस्टर की फोटो भी खींच लेती है। बच्चों को पढ़ाने में शिक्षिका का मन नहीं ही लगता। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो बच्चों को पढ़ाने के स्थान पर शिक्षिका महोदया स्कूल में दिन भर अपने मल्टी मीडिया मोबाइल को चलाती रहती है। जैसे-तैसे समय बिताया और फिर अपनी गाड़ी पर सवार होकर अपने घर के लिए निकल जाती हैं। फिलहाल शिक्षा विभाग अपने ऐसे अध्यापक व अध्यापिका के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करता। ऐसे प्रकरणों में अधिक से अधिक शिकायत हुई तो मामले को ठंडा करके उस शिक्षक अथवा शिक्षिका से रिश्वत लेकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है।
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