यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश अहंकार की आग में जल रहे हैं... |
प्रतापगढ़। जिस शख्सियत का सम्मान हमारे पिताजी करते हों वह शख्स हमारे लिए हर हाल में सम्मानित है। किंतु जिसमें नैतिकता व आदर्श नाम की चीज ही न हो, अहंकार में चूर हो वह किसी का महत्व क्या जानेगा। यदि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव के पुत्र न होते तो आज वह कंही प्राइवेट नौकरी कर रहे होते या फिर किसी भैंस के तबेले का गोबर फेक रहे होते। पिता मुलायम सिंह यादव की देन है जो इन्हें देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। कहते हैं कि जो बिना श्रम के कोई बड़ी उपलब्धि पा जाता है तो वह उसके महत्व को नहीं समझता और अहंकारी हो जाता है। यही हाल अखिलेश यादव का है।
प्रतापगढ़ के पट्टी क्षेत्र के रामकोला में एक वैवाहिक समारोह में आए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से जब पत्रकारों ने कुंडा विधायक व जनसत्तादल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया से नाराजगी के बारे में पूछा तो अखिलेश यादव ने अपनी तुनुकमिजाजी व छिछोरेपन को दर्शाते हुए उल्टे पत्रकारों से ही पूछने लगे " राजा भईया " ये कौन है ? अब कोई अखिलेश को बताता कि जब आपके पिता मुलायम सिंह यादव पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से राजनीतिक पटखनी खाते हुए प्रदेश में अपनी सरकार बनाने में असहाय साबित हो रहे थे, तो यही राजा भईया हैं।
अखिलेश जी, ये वही राजा भईया हैं जो अपने कौशल से आपके पिताजी को मुख्यमंत्री बना दिए थे। जब वर्ष-2012 में सपा के पूर्ण बहुमत में आने पर आपके पिता मुलायम सिंह यादव ने जनता को धोखा देते हुए आपको मुख्यमंत्री घोषित कर दिया था। उस समय आपको न चाहते हुए भी राजा भईया को कैबिनेट मंत्री बनाने को मजबूर होना पड़ा था। अखिलेश जी राजा भईया जो कुछ भी है, अपनी बदौलत हैं। ...और आप जो कुछ भी हैं, अपने पिताजी की बदौलत हैं। आपकी हैसियत राजा भईया के सामने कुछ भी नहीं है। आपको अपनी हैसियत का अंदाजा आगामी विधान सभा चुनाव-2022 में पता चल जाएगा। कहते हैं अहंकार करना इंसान के लिए ठीक नहीं होता, क्योंकि अहंकार प्रभु का पहला आहार होता है।
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