मरीजो से लूट के मामले में चिकित्सक की आदत में नहीं हुआ सुधार,दो बार खा चुका है,जेल की हवा
स्वास्थ्य विभाग के रहमोकरम पर पलने वाले तथाकथित चिकित्सक ने मरीजों को झांसा देकर उनके ईलाज से अर्जित की करोड़ों की संपत्ति
तथाकथित चिकित्सक द्वारा कौशाम्बी में संचालित ट्रामा सेंटर... |
कौशाम्बी में बीते दो दशक से मरीजों और तीमारदारों से इलाज के नाम पर लूटकर अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले मनौरी कस्बे के एक कथित चिकित्सक पर योगी सरकार के अधिकारी कमजोर पड़ गए है। बेखौफ तरीके से कथित चिकित्सक इलाज के नाम पर मरीजों को लूट रहा है। लकवा और कैंसर जैसे गंभीर रोग के लिए रिसर्च सेंटर का बोर्ड लगाकर इलाज के नाम पर मरीजों और उनके तीमारदारों की जेब पर डकैती डाल रहा है। मरीजों का दोहरा नुकसान पहुँचा रहा है। पहला इलाज में इतना धन वसूल लेना और बाद में रोग ठीक न होने पर उस मरीज की असामयिक मौत का होना है। मरीजों का इलाज और इलाज के बाद उसकी मौत देने के खेल में चिकित्सक लगा रहता है। इस तथाकथित चिकित्सक के पास चिकित्सा क्षेत्र की किसी प्रकार की डिग्री भी नहीं है। साथ ही किसी प्रकार का चिकित्सकीय अनुभव भी नहीं है। फिर भी चिकित्सक द्वारा बड़ा अस्पताल बनाकर उसमें ट्रामा सेंटर और रिसर्च सेंटर का बोर्ड लगाकर कैंसर, लकवा जैसे गंभीर बीमारियों का इलाज करने का कार्य किया जा रहा है, परन्तु स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौन हैं।
सूत्रों की माने तो स्वास्थ विभाग के अधिकारियों तक चिकित्सक द्वारा मोटी रकम पहुंचाई जा रही है। हालांकि मरीजों को लूटने वाले चिकित्सक पर दो बार पूरामुफ्ती थाने में मुकदमा दर्ज हो चुका है। चिकित्सक को पुलिस ने जेल भी भेज दिया था। अस्पताल को स्वास्थ विभाग ने सीज कर दिया था, अस्पताल का ताला टूट चुका है और मुकदमे की फाइल गायब हो चुकी है। लेकिन फिर भी तथाकथित चिकित्सक द्वारा मरीजों से लूट का धंधा बंद नहीं हुआ। बता दें कि प्रतापगढ़ जनपद में भाई की डिग्री पर फेंक तरीके से मनौरी कस्बे में ट्रामा सेंटर लकवा व कैंसर रिसर्च सेंटर और बड़ा अस्पताल संचालक द्वारा मरीजों को प्रतिदिन लूटा जा रहा है। मरीजों को लूटने के लिए तथाकथित चिकित्सक ने दलालों का जाल फैला दिया है। लगभग 40% कमीशन लेकर दलाल यहां मरीजों को पहुंचा देते हैं और अपना कमीशन लेकर चले जाते हैं। फिर मरीजों को लूटने का खेल का तथाकथित चिकित्सक द्वारा शुरू हो जाता है। तथाकथित चिकित्सक को लाखों रुपए देने के बाद भी मरीज का मर्ज ठीक नहीं होता है और बिस्तर पर मरीज कराहते रहते हैं। तथाकथित चिकित्सक के अवैध तरीके से इलाज करने और मरीजों से धनादोहन के मामले की निष्पक्ष जांच हो पाएगी ? फ़िलहाल योगी सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।
अक्सर देखा जाता है कि मनौरी की इस अस्पताल से इलाज कराने वाले मरीज भगवान को प्यारे हो जाते हैं, लेकिन फिर भी चिकित्सक के कारनामे पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। डिग्री अनुभव में शून्य तथाकथित चिकित्सक बड़े-बड़े दावे करने से बाज नहीं आता है। कभी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति का इलाज करने का वह चैलेंज करता है तो कभी देश के उद्योगपतियों, पूंजीपतियों के मर्ज को ठीक करने का वह दावा कर आम जनता को गुमराह कर इलाज के नाम पर तथाकथित चिकित्सक लूट लेता है। आखिर कब तक मरीजों को लूटने का यह खेल स्वास्थ्य विभाग के घूसखोर अधिकारियों के दम पर कौशांबी की धरती पर चलता रहेगा ? डीएम, कमिश्नर सहित स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी तथाकथित चिकित्सक के अवैध ट्रामा सेंटर नर्सिग होम संचालक पर कब तक चुप बैठे रहेंगे ? कभी-कभी अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवाकर तथाकथित चिकित्सक मरीजों के बीच अपने को महिमामंडित करने से भी बाज नहीं आता है। बीते दिनों तथाकथित चिकित्सक पौधारोपण के समय अधिकारियों के साथ पौधारोपण कर फोटो खिंचवाकर वाहवाही लूट रहा था। चिकित्सक के कारनामे पर यदि योगी सरकार ने जांच कराई तो एक बार फिर चिकित्सक का जेल जाना तय है। इतना तो तय है कि बिना सिस्टम की मिलीभगत से तथाकथित चिकित्सक ईलाज के नाम पर लूट का यह गन्दा खेल नहीं खेल सकता।
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