देशी कहावत है कि सूप बोलई त बोलई, चलनियां बोलई जेकर बहत्तर छेदा...
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NCB अधिकारी समीर वानखेड़े से निजी खुन्नस निकाल रहा है,नवाब मलिक... |
इसका नाम नवाब मलिक नहीं बल्कि नवाब कबाड़ी होना चाहिए। जयपुर डायलॉग्स वाले संजय दीक्षित जी ने अपने एक वीडियो में बताया कि इसके पुरखे मेरठ के सोतीपुरा में कबाड़ का धंधा किया करते थे। मेरठ के सोतीपुरा में देश भर से चोरी की गई गाड़ियां लाई जाती हैं और फिर उनके पार्ट्स अलग-अलग करके नाना प्रकार से अवैध संपत्ति अर्जित की जाती है। ये हजारों करोड़ रुपए का धंधा है, जिसको नवाब मलिक के पुरखे करते थे।यही धंधा इसके परिवार ने मुंबई में भी शुरू किया। फिर ये नवाब कबाड़ी वहीं से धीरे-धीरे नवाब मलिक बन गया।जैसे पुराने जमाने में मां-बाप लाड-प्यार अपने बच्चे का नाम कलेक्टर, तहसीलदार, बाबू नायब रख दिया करते थे। वैसे ही इसके मां-बाप ने इसका नाम नवाब रख दिया। पता नहीं कौन से नवाबी शौक रहे होंगे ? चूँकि इसका मूल पेशा कबाड़ का ही है तो इसलिए जैसे इसके बाप-दादा पहले कबाड बेंचते थे, वैसे ही ये भी अब अपने दिमाग में पड़ा कबाड़ लोगों को बेंच रहा है, वो भी झूठ बोल कर।
एनसीबी के एक ईमानदार अफसर के खिलाफ ये पिछले एक महीने से रोज एक नया झूठ लेकर आता है। रोज नए-नए झूठ गढ़ने का आदी हो चुका है। ये वैसे तो उद्धव की सरकार में बड़ा भारी भरकम मंत्रालय लिए बैठा है, लेकिन एक अदने से अफसर के पीछे पड़ा हुआ है। वो अदना सा अफसर समीर वानखेड़े एक दलित है और जाति से महार है। यानि उसी जाति से आता है, जिससे डॉ भीम राव अंबेडकर भी आते थे। डॉ भीम राव अंबेडकर भी जाति के महार थे, लेकिन आज सारे अंबेडकर वादियों और दलित चिंतकों के मुंह में मुस्लिम तुष्टिकरण वाले गोलगप्पे रखे हुए हैं। इसलिए कोई कुछ बोल नहीं रहा है।एनसीबी समीर वानखेड़े ने इस कुत्सित बुद्धि वाले मंत्री के दामाद को ड्रग्स के केस में गिरफ्तार कर लिया था बस तब ही से ये नवाब मलिक समीर के पीछे पड़ गया, चोरी छिपे नहीं खुलकर ये समीर वानखेड़े की जासूसी टीवी पर ढिंढोरा पीट पीटकर कर रहा है।
महाराष्ट्र में सत्ताधारी पार्टी शिवसेना जिस मराठी मानुष के नाम पर राज करती आई थी, उस मराठी मानुष की कैसी बेइज्जती आज उद्धव सरकार के एक मुस्लिम मंत्री के द्वारा ही की जा रही है। लेकिन कथित मराठी मानुष हृदय सम्राट उद्धव ठाकरे के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। इतना ही नहीं, शिवसेना हिंदुत्व का ढिंढोरा पीटती है, लेकिन मुंबई के पूरे मुस्लिमों की टोली और रसूखदार मुसलमान दुबई से लेकर मुंबई तक समीर वानखेड़े के पीछे पड़ गए हैं, लेकिन उद्धव की सरकार समीर वानखेड़े के साथ खड़ी नहीं हुई है। बल्कि उस नवाब मलिक के साथ खड़ी हो गई है, जो कि यूपी का रहने वाला है। यानि मराठी मानुष और हिंदुत्व दोनों मुद्दे उद्धव के हाथ से निकल गए हैं। असल में नवाब मलिक को दर्द किस बात का है, ये असल बात हम आपको बताते हैं। सच तो यह है कि समीर वानखेड़े के पिता ने एक मुस्लिम महिला से शादी की थी।
समीर वानखेड़े एक हिंदू पुरुष और मुस्लिम महिला का बच्चा है। बस यही बात है, जिसकी वजह से नवाब मलिक को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। नवाब मलिक इसी सोच में मरा जा रहा है कि आखिर एक दलित कमजोर वर्ग से आने वाला शख्स एक मुसलमान महिला के साथ इतने दिनों तक रह कैसे लिया वो भी बिना कन्वर्ट हुए।इसीलिए बदले की भावना से भरकर नवाब मलिक फुंफकार मार रहा है।कुरान के सूरा अल बकरा की 221वीं आयत के मुताबिक कोई भी मुसलमान महिला या पुरुष किसी गैरमुसलमान से निकाह नहीं कर सकती है। अगर देखा जाए तो शरीयत के हिसाब से समीर वानखेड़े के पिता ने कुरान का नियम फॉलो नहीं किया है। बस यही वजह है कि नवाब मलिक जैसा कट्टरपंथी रोज जहर उगल रहा है। हम समीर वानखेड़े के जज्बे को सैल्यूट करते हैं कि उन्होंने एक सच्चे अफसर की तरह मुंबई में असल ड्रग्स के धंधेबाजों की गर्दन पर हाथ रखा है। समीर वानखेड़े अपना काम अच्छे से करते रहें और सरकार उनकी सुरक्षा पर ध्यान दे।
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