दिल के टुकड़ों की जान बचाने के लिए पीड़िता पिता अपने दोनों बच्चों को लेकर अस्पताल दौड़ा,जिसमें बेटी तो बची परन्तु बेटे की जान अन्धविश्वास का आग में चल कर राख हो गई
अन्धविश्वास में आज भी जी रहे हैं,बहुत से लोग... |
इस मामले पर ज्यादा जानकारी देते हुए सीओ सिटी राम प्रवेश राय ने बताया कि पीड़ित रामदेव का पिता चतुर्भुज झाड़-फूंक का काम करता है। बीते दिनों उन्होंने आरोपी गंगादीन का इलाज किया था। आरोपी को शक था कि उसके द्वारा की गई झाड़-फूंक से उसके घर में परिवारिक कलह शुरू हो गयी है। वो भी बार-बार बीमार हो जाता है।इसी शक में उसने इस वारदात को अंजाम दिया। कोतवाली नगर पुलिस ने पीड़ित रामदेव की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। परन्तु हत्यारोपियों को अभी तक पकड़ न सकी। सही कहा गया है कि लंका डायन और शंका भूत। परन्तु इन बहसी दरिंदों ने मासूम बच्चे की जान लेकर घोर पाप किया है।
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