मुख्य विपक्षी दल सामाजवादी पार्टी के नेताओं में टिकट की दावेदारी को लेकर अभी से मच गई है,आपस में रार...
पूर्व मंत्री प्रो शिवाकांत का टिकट कटवाने के लिए रचा गया था,हाई बोल्टेज ड्रामा...
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तिथि भले ही घोषित नहीं हुई, परन्तु विधानसभाओं में चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी के लिए अपनी-अपनी विधानसभाओं से लेकर जिला स्तर पर पार्टी के पदाधिकारियों से तालमेल बनाकर प्रदेश के पदाधिकारियों के यहाँ दरबार लगाने से पीछे नहीं हैं। एक-एक विधानसभा में एक दर्जन से अधिक उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी की दावेदारी कर रखी है। उम्मीदवारों की सबसे अधिक दावेदारी समाजवादी पार्टी और सत्ताधारी दल भाजपा में देखने को मिल रही है। समाजवादी पार्टी की बात करें तो प्रतापगढ़ जनपद में रानीगंज विधानसभा में पूर्व मंत्री प्रो शिवाकांत ओझा और पूर्व विधायक श्याद अली के समर्थको में उस समय विवाद हो गया, जब एक आयोजन में मंच पर पूर्व मंत्री प्रो शिवाकांत ओझा को उम्मीदवार बताने पर पूर्व विधायक श्याद अली और उनके समर्थकों सहित बृजेश यादव ने आपत्ति करने लगे कि बिना घोषणा के पूर्व मंत्री प्रो शिवाकांत ओझा को रानीगंज विधानसभा से समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार कैसे कहा जा रहा है ?
टिकट की दावेदारी को लेकर सपा की जनसभा में जमकर हुआ बवाल... |
बस इसी बात को लेकर पूर्व मंत्री प्रो शिवाकांत ओझा के समर्थकों और पूर्व विधायक श्याद अली के समर्थकों में कहासुनी होने लगी। देखते ही देखते हो दोनों पक्ष में मंच पर ही मारपीट शुरू हो गई। नाराज नेताओ ने नारेबाजी कर जनसभा को छोड़कर वापस अपने घर की ओर प्रस्थान कर दिए। दोनों पक्षों में विवाद इतना बढ़ा कि जनसभा में मंच पर खुलेआम असलहे लहराए गए। पूर्व मंत्री प्रो शिवाकांत ओझा के समर्थन में नारेबाजी करने वाले सपाई नेताओं ने उनकी उम्मीदवारी का विरोध करने पर नाराज पूर्व मंत्री के समर्थको ने पूर्व विधायक श्याद अली और उनके समर्थकों को मंच पर ही जमकर पीट दिया गया। कई आयोजनों में पूर्व विधायक श्याद अली के समर्थकों द्वारा पूर्व मंत्री प्रो शिवाकांत ओझा के विरोध में अनाप-सनाप आरोप लगा रहे थे। रानीगंज विधानसभा के मिर्जापुर चौराही गांव में पूर्व मंत्री आर के चौधरी की जनसभा में पूर्व विधायक श्याद अली और उनके समर्थकों की बात पूर्व मंत्री प्रो शिवाकांत ओझा और उनके समर्थकों को बुरी लग गई तो मंच पर ही दोनों खेमे में मारपीट होने लगी। विधानसभा चुनाव से पहले सपाई मंच पर सपाई नेताओं की सियासी गुंडई से समाजवादी पार्टी की जमकर किरकिरी हुई है। इस घटना के बाद भाजपा के नेताओं को नसीहत देने वाले सपाई नेताओं की बोलती बंद हो चुकी है।
प्रतापगढ़ जिले में विधानसभा चुनाव से पहले ही सपा की जनसभा सियासी लड़ाई का अखाड़ा बन गया।विधानसभा टिकट के लिए आधा दर्जन से अधिक दावेदार मंच पर बैठे तो अपनी-अपनी उम्मीदवारी के दावे में मारपीट और बवाल के बाद एक दूसरे के कपड़े तक फाड़ डाले। सपा की जनसभा में समाजवाद की धज्जियां उनके ही नेताओं ने उड़ा दी। जनसभा के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवाकांत ओझा के समर्थकों ने मंच पर दौड़ा-दौड़ा कर सपा के नेताओं और पूर्व विधायक को पीटना शुरू कर दिया तो मंच से लेकर जनसभा स्थल तक हड़कंप मच गया।सपा नेताओं और टिकट दावेदारों को मंच से कूद कर जान बचा कर भगाना पड़ा। सियासी जनसभा में सपाई नेताओं की गुंडागर्दी की पोल खुल गई। वहीं, सपा नेता विधानसभा रानीगंज से टिकट के मांग रहे बृजेश यादव का आरोप है कि जनसभा के मंच पर पूर्व मंत्री प्रो शिवाकांत ने जमकर गुंडई कराई। अपने टिकट का विरोध कर रहे विरोधियों को दौड़ा-दौड़ा कर मंच पर ही अपने समर्थकों से पिटवाया। उन्होंने पूर्व मंत्री प्रो शिवाकांत ओझा को सपा पार्टी से निकालने की मांग की। वहीं, शिवाकांत ओझा ने कहा कि मंच पर कुछ बात हुई है, ये कार्यकर्ताओं के बीच होता रहता है, मारपीट किसी के साथ नहीं की गई है। परन्तु घटना के बाद पूर्व विधायक श्याद अली ने मुकदमा लिखवाया तो क्षेत्र में लगातार जनता के बीच में रहने वाले प्रो शिवाकांत ओझा सहित उनके बेटे और समर्थकों की गतिविधि कम हो गई है।
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