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मंगलवार, 23 नवंबर 2021

जीवन के 78 बसन्त देख चुके शहर के प्रतिष्ठित ब्यवसायी प्रतापगढ़ के धीरूभाई अंबानी श्री श्याम बाबू खंडेलवाल

जेल रोड़ स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर की देखरेख और भंडारे आदि की ब्यवस्था में बढ़ चढ़कर भाग लेना आदत में है, शुमार 


सई नदी के उत्तरी तट पर स्थित श्री सच्चा आश्रम से जुड़कर वहाँ का चहुमुखी विकास करवाने में प्रमुख सहयोगी रहने वाले श्री श्याम बाबूजी जी के नेतृत्व में वहाँ का भंडारा होता है, अद्वितीय 


गौसेवा करना श्री श्याम बाबूजी की पहली पसंद,जैसा नाम वैसा काम...  

सरल, सौम्य स्वभाव, मिलनसार, कर्तव्यनिष्ठ, व्यक्तित्व के धनी, समाजिक कार्यो में बढ़-चढ़कर अपनी भागेदारी निभाने वाले, समाज सेवा की भावना से ओत-प्रोत, गरीबों व असहायों के मदद हेतु अग्रसर रहने वाले, हम सबके हित चिंतक, नगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी, प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान किशोरी मिष्ठान भण्डार के प्रो• परम् स्नेही  श्री श्याम लाल खंडेलवाल "श्याम बाबूजी" के जन्म दिवस पर असीम शुभकामनाएं। वैसे श्री श्याम बाबू जी सनातनी हैं और अपने सारे कार्य पंचांग की तिथि पर करते हैं। उनका जन्म एकादशी को हुआ था, इसलिए वह अपना जन्मदिन मार्गशीर्ष के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही मनाते हैं, परन्तु कलेंडर डेट के अनुसार उनका जन्मदिन 23 नवम्बर को ही है।   


श्री श्याम बाबूजी परिवार के बीच बहुत सादगीपूर्ण ढंग से मनाते हैं,अपना जन्मदिन...  

भविष्य में आने वाला प्रत्येक नया दिन आपके जीवन में अनेकानेक सफलताएं एवं अपार खुशियां लेकर आएं। इस पावन मौके पर ईश्वर से यही प्रार्थना है कि यश, कीर्ति, वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति, प्रगति, आदर्श, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ आजीवन आपको जीवन पथ पर गतिमान रखे। इंसान जब इस धरती पर अपनी माँ के गर्भ से पैदा होता है तो वह मुट्ठी बांधकर कर आता है और जब इस संसार से अपने प्राण को त्यागता है तो उसके हाथ की मुट्ठी खुली रहती है। इसीलिए कहा गया है कि मुट्ठी बांधे आये हो और हाथ पसारे जाओगे। इंसान को कभी घमंड नहीं करना चाहिए। चूँकि जो वह बनाता है, सब यहीं छूट जाता है। जीवन में कुछ बचता है और उस ब्यक्ति के साथ जाता है तो उसके किये हुए कार्यों की कीर्ति ही उसके साथ जाती है। उसका नाम की ख्याति और यश जन्म जन्मातर याद किया जाये, ऐसा कार्य प्रत्येक ब्यक्ति को करना चाहिए  


समाज में स्वयं अपना नाम पैदा करना सबसे बड़ा कार्य माना गया है। श्री श्याम बाबू जी ने अपना नाम और अपने पिताजी स्मृतिशेष श्री राम किशोर जिनके नाम से उनके सारे ब्यवसायिक प्रतिष्ठान संचालित हैं। साथ ही स्मृतिशेष अपनी अर्धाग्नी श्रीमती स्नेहलता के नाम को अमरत्व प्रदान किया है। ईश्वर आपको सुख-शांति, सम्मान और दीर्घायु जीवन प्रदान करें। आप यूं ही समाज और देशहित में अपनी प्रतिभा और क्षमता से योगदान करते रहिए। आपके चेहरे पर स्वर्णिम सी कांति हमेशा जाज्वल्यमान होती रहे, ऐसी मेरी अभिलाषा है। हम सबको आपका सान्निध्य, सहयोग और आशीर्वाद सदैव बना रहे। विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ आपकी सहभागिता और सक्रियता सराहनीय रहती है। सामाजिक कार्यों के लिए आप हमेशा तैयार रहते हैं। आपके सामने कोई ब्यक्ति भूखा नहीं सो सकता। 


गौ सेवा कर आपको परम आनन्द प्राप्त होता है। शाम को अपने प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान किशोरी मिष्ठान के सामने खड़े होने वाले गौवंश को प्रतिदिन उन्हें भूँसे की सानी बनवाकर उनके उदरपूर्ति की ब्यवस्था ठंडी, गर्मी, बरसात यानि साल के 365 दिन कराने में पीछे नहीं रहते। कोरोना संक्रमण काल में जब लोग अपने घरों से निकलने में भयभीत थे, तब शहरी क्षेत्र में श्री श्याम बाबू जी अपने स्तर से भोजन की थाली पैक कराकर दोपहर और शाम को कोरोना मरीजों एवं उनकी तीमारदारी करने वाले के लिए एक फोन पर होम डिलेवरी कराते थे। जिला अस्पताल और कोरोना के लिए बनाये गए एल-2 हॉस्पिटल के बाहर मरीजों के तीमारदारों की सेवा करके श्री श्याम बाबू जी ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसे बहुतों ने अपनाया था उनका मानना है कि यदि भगवान आपको इस लायक बनाया है कि आप भूखे हुए ब्यक्ति और पशु को भोजन उपलब्ध करा सकते हैं तो वह सबसे बड़ा पुनीत कार्य है जिस भूखे ब्यक्ति को भोजन कराया जाता है उसकी आत्मा स्वतः आशीर्वाद दिया करती है 


शून्य से शिखर की दूरी तय करने की श्री श्याम बाबू जी ने नजीर पेश किया है। इस उम्र में भी आप अपनों के यहाँ सुख दुःख में स्वयं पहुँचा करते हैं। सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में श्री श्याम बाबू जी जब पहुँचते हैं तो समापन करने के बाद ही वहाँ से उठते हैं। किसी भी सामाजिक और धार्मिक आयोजन की सफलता के लिए श्री श्याम बाबू जी से चर्चा मात्र कर दीजिये तो वह उस आयोजन को सफल बनाने के लिए अपने कार्य को पीछे छोड़कर उस आयोजन की सफलता के लिए तत्पर हो जाते हैं ये श्री श्याम बाबू जी की खासियतों में से एक है। जमीन से जुड़ाव, सामाजिक सरोकार और धार्मिक कार्यों के प्रति श्री श्याम बाबू जी की प्रतिबद्धता मुझे भी न सिर्फ प्रभावित करती है, बल्कि प्रेरित भी करती है। आप हमेशा स्वस्थ और सानंद रहें। परब्रह्म परमेश्वर विष्णु, देवाधिदेव महादेव, जगतजननी माँ भगवती, महामाया महालक्ष्मी, वीणापाणि माँ सरस्वती की अद्भुत कृपा आप पर सदैव बनी रहे।


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