योगी सरकार की किरकिरी करा रहे हैं भ्रष्ट नौकरशाह... |
योगी के मंसूबों पर पंचायत विभाग के अधिकारी पानी फेर रहे हैं। विकास कार्यों को लेकर बुनियादी समस्याओं के समयबद्ध और समुचित समाधान के लिए बनाए गए जनसुनवाई पोर्टल पर उच्च अधिकारियों द्वारा फर्जी रिपोर्ट लगा देने के कारण मजाक बन गया है। सरकार की मंशा थी कि पोर्टल के जरिए लोगों की भागदौड़ बचेगी और उन्हें अपने घर और क्षेत्र में ही अपनी शिकायतों का निदान मिल जाएगा पर कमोबेश हर विभाग जन सरोकार से जुड़ी शिकायतों को लेकर उदासीन है। मामला प्रतापगढ़ मांधाता ब्लॉक के ग्राम सभा टिकरी का है। जहां ग्राम प्रधान द्वारा किए जा रहे घोटाले और भ्रष्टाचार को लेकर जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से मेरे द्वारा शिकायत की गई थी। जो लोग शिकायत अनुभाग मुख्यमंत्री कार्यालय ने 30/9/2021 को अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव पंचायती राज विभाग को कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया।
जो 5/10/2021 को अपर मुख्य सचिव/प्रमुख पंचायती राज विभाग ने निदेशक, पंचायती राज को कार्रवाई करने के निर्देश दिए फिर 6/10/2021 को निदेशक (पंचायती राज) ने जिला पंचायत राज अधिकारी,पंचायती राज विभाग को यह निर्देशित किया कि वह टिकरी गांव में जाकर ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए कार्य जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करें लेकिन बिना जांच के ही सहायक विकास अधिकारी मान्धाता के द्वारा रिपोर्ट में यह दिखाया गया कि ग्राम पंचायत टिकरी में जो भी विकास कार्य कराया गया है। वह कार्य योजना के अनुसार कराया गया है।शासन द्वारा हैंड पंप मरम्मत दिव्यांग शौचालय का कार्य हुआ है। प्राथमिक विद्यालय टिकरी में टाइल्स का कार्य हुआ है। और कोई कार्य नहीं हुआ न ही कोई गलत भुगतान हुआ है। इस रिपोर्ट को जिला पंचायत राज अधिकारी ने जनसुनवाई पोर्टल पर प्रेषित कर दिया।
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है, कि बिना जांच के ही जिला पंचायत राज अधिकारी कैसे लगा दिए रिपोर्ट आखिर अब सहायक विकास अधिकारी मांधाता व जिला पंचायत राज अधिकारी पर कौन करेगा कार्यवाही योगी सरकार में भी भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है अगर अधिकारियों को अपने मन से ही रिपोर्ट लगाना है तो क्यों योगी सरकार जनसुनवाई पोर्टल को लांच कर यह ढिढोरा पीट रही है। जनता की समस्याओं का जल्द होगा समाधान और अब भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं अब देखना यह है, कि क्या योगी सरकार ऐसे भ्रष्ट सहायक विकास अधिकारी मान्धाता व जिला पंचायत राज अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही करती है या इस मामले को भी इसी तरह फर्जी तरीके से सिर्फ कागजों में दफन कर दिया जाता है।
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