चोरी की तीन मोटरसाइकिल के साथ तीन शातिर चोर को पट्टी पुलिस ने जब धर दबोचा तो उनके बयान से यह बातें तय हो गई कि पकड़े गए आरोपियों के तीन साथी मौके से फरार हो गए थे,पट्टी पुलिस उन तीनों चोरों को बचाने का प्रयास क्यों कर रही है...???
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चोरी की तीन मोटरसाइकिल के साथ, तीन शातिर अभियुक्त गिरफ्तार... |
पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ सतपाल अंतिल के कार्यकाल में अपराधियों को पुलिस दबोच तो रही है, परन्तु अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतापगढ़ में अपराध एवं अपराधियों पर अंकुश लगाने हेतु कल दिनांक 10.10.2021 की रात्रि को थाना पट्टी पुलिस द्वारा चेकिंग के दौरान मुखबिर खास की सूचना पर थाना क्षेत्र के बीबीपुर नहर पुलिया के पास से चोरी की 3 मोटर साइकिलों के साथ 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया, जबकि तीन अन्य अभियुक्त अंधेरे का लाभ उठाकर भाग निकले। गिरफ्तार अभियुक्त सूरज विश्वकर्मा पुत्र शिवशंकर विश्वकर्मा निवासी- बीबीपुर, थाना- पट्टी, जनपद प्रतापगढ़ व प्रियांशु गुप्ता पुत्र अरविन्द गुप्ता निवासी-कस्बा पट्टी, थाना- पट्टी, जनपद- प्रतापगढ़ एवं शिवम पाल पुत्र लालता प्रसाद पाल निवासी- दशरथपुर, थाना- पट्टी, जनपद- प्रतापगढ़ रहे। तीनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी में पुलिस टीम में उप निरीक्षक एस0एम0 कासिम, आरक्षी राम प्रकाश यादव, आरक्षी विकेश मिश्रा, आरक्षी सुशील पटेल व आरक्षी मनोज यादव थाना पट्टी जनपद प्रतापगढ शामिल रहे।
चोरी की मोटरसाइकिल के साथ शातिर तीनों चोरों के पास से 3 अदद चोरी की मोटरसाइकिल जिनके रजिस्ट्रेशन नम्बर इस प्रकार हैं- यमाहा स्लोटो, नम्बर यूपी 72 एएम 7029, टीवीएस स्पोर्ट जिसका पर नम्बर अंकित नहीं है और बजाज प्लैटिना जिसका नम्बर- यूपी- 25 एबी- 4176 है। उक्त तीनों शातिर अभियुक्तों पर पट्टी कोतवाली में अभियोग पंजीकृत किया गया। मु0अ0सं0- 371/2021 धारा- 411, 413, 414, 419, 420, 467, 468 भादवि के तहत तीनों अभियुक्तों को नामजद किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुलिस द्वारा की गयी पूछताछ में बताया कि यह जो यमाहा स्लोटो मोटर साइकिल है, इसे हम तीनों ने मिलकर दिनांक 04.10.2021 की रात करीब 8ः00 बजे ग्राम कोहरांव के जगन्नाथ गुप्ता के मकान के पास से चुराई थी (इस सम्बन्ध में थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 369/21 धारा 379, 411 भादवि का अभियोग पंजीकृत है)। बरामद हुई दो मोटरसाइकिल किसकी है और कब से चोरी हुई है ? इस यक्ष प्रश्न का जवाब भी पट्टी पुलिस के पास नहीं है।
पकड़े गए अभियुक्तों द्वारा अन्य दो मोटर साइकिलों बजाज प्लैटिना व टीवीएस स्पोर्ट के बारे में बताया गया कि इसे हम लोगों ने अपने तीन अन्य साथियों जो फरार हो गये, उनके साथ मिलकर प्रतापगढ़ शहर से काफी समय पहले चोरी किये थे, पकड़े जाने के डर से हम लोग गाड़ियों का फर्जी रजिस्ट्रेशन तैयार कर गाड़ियों पर गलत नम्बर अंकित कर इनको चलाने/बेंचने का काम करते हैं। आज भी हम लोग इन मोटर साइकिलों को बेचने हेतु निकले थे कि आप लोगों ने हमे पकड़ लिया। पुलिस की सारी कहानी पर आँख मूंदकर विश्वास कर लिया जाए तो दो मामले इसके बाद भी अस्पष्ट हैं। पहला संदेह यह होता है कि जब शहर प्रतापगढ़ से काफी समय पहले तीन भागने वाले अभियुक्तों के साथ मिलकर उसको चोरी किये थे तो उसका मुकदमा चोरी होने के समय क्या कोतवाली नगर में पंजीकृत हुआ था ? यदि हाँ तो उसका विवरण पुलिस ने छिपा लिया और यदि मुकदमा नहीं दर्ज है तो पुलिस द्वारा बरामद हुई मोटरसाइकिल किसकी है ? एक मोटरसाइकिल का रजिस्ट्रेशन है तो एक दूसरी मोटरसाइकिल का रजिस्ट्रेशन भी नहीं है।
दूसरा संदेह यह है कि तीन भागे हुए आरोपी का नाम और पता पुलिस छिपा लिया है, जबकि पकड़े गए तीनों अभियुक्तों ने अपने तीनों भागे हुए साथियों की पूरी जानकारी पुलिस को बता चुके हैं। फिर पट्टी पुलिस तीनों भागे हुए अभियुक्तों का नाम क्यों छिपा रही है ? यदि उनके नाम का खुलासा हो गया है तो उन्हें भी मु0अ0सं0- 371/2021 धारा- 411, 413, 414, 419, 420, 467, 468 भादवि के तहत अभियुक्त बनाना था, जो पट्टी पुलिस द्वारा नहीं बनाया गया है। पुलिस की इन्हीं गढ़ी हुई कहानियों से शातिर अपराधी के विद्वान अधिवक्ता उन्हें अदालत से बाइज्जत छुड़ा लेने में सफल होते हैं और पुलिस असफल हो जाती है। जब पुलिस की गढ़ी कहानी को अदालत में पकड़े गए आरोपियों को सजा सुनाने के लिए उन पर अभियोजन तय करने की बारी आती है तो पुलिस ही अपनी गढ़ी कहानी भूल जाती है और शातिर चोरों के विद्वान अधिवक्ता के सवालों के आगे बगल झांकने के लिए विवश होते हैं और ट्रायल में पुलिस के सारे दावे खोखले और बेबुनियाद साबित होते हैं। यही कहिकत है जिसे पुलिस सुनना भी पसंद नहीं करती।
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