पिछले कुछ दिनों तक ये जनसत्ता से जुड़े थे और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में इन्होंने ने जनसत्ता दल का सपोर्ट भी किया लेकिन वहां भी इनकी दाल नहीं गली। और ये जनसत्ता छोड़कर अब सपा में शामिल हो रहे हैं..!!!
विधायक डाक्टर आर के वर्मा... |
सुनने में आ रहा है कि विधायक आर के वर्मा खुद को king of Vishvanathganj समझ रहें हैं। और उनके समर्थक ये भी कह रहे हैं, कि आर के वर्मा टिकट जिस पार्टी से लेंगे विधायक उसी पार्टी का बनेगा। क्या इतनी मजबूत स्थिति में हैं। आर के वर्मा जो कि सारी पार्टियां उन्ही को टिकट दे रही हैं, लेकिन जहां तक मैं जानता हूं। ये अपना दल से भगाए और योगी जी की बुराई किए तो भाजपा भी इनको टिकट नहीं देगी, फिर उसके बाद पिछले कुछ दिनों तक ये जनसत्ता से जुड़े थे। और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में इन्होंने ने जनसत्ता दल का सपोर्ट भी किया लेकिन वहां भी इनकी दाल नहीं गली। और ये जनसत्ता छोड़कर अब सपा में शामिल हो रहे हैं।
लेकीन मुझे ये नही समझ आ रहा है, कि ये कौन सा मुंह लेकर जाएंगे जनता से वोट मांगने क्योंकि हर पार्टियों की तो बुराई कर चुके हैं। ये 10, 20 घर ब्राम्हण और ठाकुर हैं। जिनके बाप के बाबा के ऊपर आर के वर्मा का अहसान है। मेरा समस्त विश्वनाथगंज के युवाओं से अनुरोध है क्योंकि राजनीति अब युवाओं से ही चलेगी, कि जो भी पार्टी आर के वर्मा को टिकट देगी हर उस पार्टी का बहिष्कार होना चाहिए। इनकी हालत हमे धोबी के गधे जैसी करनी है। न घर का ना घाट का और मैं सपा पार्टी के समर्थकों से कह रहा हूं। अगर सपा संजय पाण्डेय जी को टिकट नहीं देगी तो हम सब मिलकर पार्टी का विरोध करेंगे क्योंकि महल से निकाला हुआ सिपाही किसी बस्ती का सरदार नही बन सकता।
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